क्या मैं समलैंगिक हूँ
मुझे लड़कियों से ज्यादा 35+ के मर्द ज्यादा भाते हैं। उनका शरीर, डील-डौल, मरदाना आवाज मुझे बहुत अच्छी लगती है। ऐसा नहीं है कि मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है, मेरी दो गर्ल फ्रेंड हैं!
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मुझे लड़कियों से ज्यादा 35+ के मर्द ज्यादा भाते हैं। उनका शरीर, डील-डौल, मरदाना आवाज मुझे बहुत अच्छी लगती है। ऐसा नहीं है कि मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है, मेरी दो गर्ल फ्रेंड हैं!
मैंने मैडम के घर पहुँच कर का गेट खटखटाया.. थोड़ी देर बाद मैडम ने दरवाजा खोल दिया। इस वक्त मैडम एक नाइटी में थीं। मैडम के आम लटक रहे थे..
डीजे ने नीता को गोद में उठाया जैसे दो साल की बच्ची को उठाता है और उसे सोफे पर बैठा दिया। फिर कालू जैसे स्ट्रिप टीज़र करते है वैसे अपने जीन्स का बटन खोलने लगा
कण्ट्रोल तो मुझ से भी नहीं हो रहा था, मैं उठा और उसकी टाँगें चौड़ी करके बीच में बैठ कर जब मैंने मेरे लंड का लाल लाल सुपाड़ा उसकी चूत पर टिकाया तो उसने मुझे रोका।
मेरी नंगी चूत भीगी हुई थी, चूत पर एक भी बाल नहीं था.. हल्का सा रोंया ही आया था। मेरी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी। अंकल ने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
मैं मामा के घर गया, वहाँ मामी व उनकी बेटी थी। मैं अपनी बहन से बात करने लगा। मेरे मन को बहन की जवानी विचलित कर रही थी। हिम्मत करके मैंने उसे चुम्बन के लिए कह दिया।
मामा के घर में मौसेरी बहन की कुंवारी रसीली चूत को चोदने का मज़ा मैंने लिया, उसे कैसे पटाया मैंने, फिर कैसे चोदा, इस कहानी में पढ़ कर बहन की चूत चुदाई का मज़ा लीजिए !
मैंने शादी से पहले अनगिनत लण्डों को देखा है। उसमें मेरे भाई, पापा, चाचा और भी कई लोग आते हैं। मैंने बाथरूम के रोशनदान में एक छेद ढूंढ लिया था जिसमें से मैं इन सभी को देख लेती थी।
किताब न्यूज पेपर से कवर की हुई थी पर पंखे की स्पीड ज्यादा होने से कुछ पन्ने पलट गए। जब मेरी नजर उस किताब पर पड़ी.. तो उसमें लड़कियों की नंगी फोटो बनी थीं।
यह कहानी मेरे और मेरी एक कम्प्यूटर ठीक कराने वाली ग्राहक के बारे में है, कैसे हमारी पहली मुलाकात ने हमारे बीच अन्तर्वासना जगाई और हम एक दूसरे में समाहित हो गए।
अम्मी ने एक बार नीचे उनके लण्ड को देखा और अपनी चड्डी से ढकी चूत उनके लण्ड से टकरा दी। अब वो अपनी चूत वाला भाग लण्ड पर दबा रही थीं।
अपनी मामी, मासी, चाची, बुआ और उनकी लड़कियों के चूचे तो मैंने दबा कर देखे ही थे। एक दो रिश्तेदारों की चूत भी देखी थी। मगर किसी सोई हुई लड़की या औरत की चूत को छूना खतरे से खाली नहीं होता।
नीता बाहर गेट पे खड़ी हो गई मधु पूरी नंगी दौड़ती हुई पहले बाथरूम की तरफ गई जो सेकंड AC के डिब्बे की तरफ था और भागकर दूसरी और आई जिस तरफ से बोगी बन्द होती है।
'हाँ है तो.. और ये तुम्हें लण्ड जैसे शब्द क्यों बोल रहे हो.. तुम्हें शर्म नहीं आती.. मैडम के सामने ऐसे शब्द बोल रहे हो?' अवि- सॉरी मैडम.. गलती हो गई..
जुबैदा मेरी भाभी लगती हैं दूर के रिश्ते में, भाईजान यानि उनके शौहर कई बार टूअर पर बाहर जाते हैं तो भाभी अक्सर मुझे मौज-मस्ती के लिये बुला लेती हैं, उनके घर में और कोई नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं होती।