मुंबई जाकर मैं बन गई रंडी- 4

माय फर्स्ट ऐनल सेक्स तब हुआ जब मैं पहली बार कॉल गर्ल बनकर अपने ग्राहक के पास गयी थी 3 दिन के लिए. पहली रात उसने मेरी चूत फाड़ी, दूसरी रात मेरी गांड का काम तमाम हुआ.

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तरक्की का सफ़र-12

राज अग्रवाल प्रीती के वापस आने के बाद हम लोग खाना खाकर बिस्तर पर लेटे थे, “और बताओ प्रीती शादी कैसी गयी?” “राज! ये कोई भी वक्त है सवाल करने का, तुम्हें पता है तुम्हारे लंड के बिना मेरी चूत की क्या हालत हो रही है”, प्रीती अपनी चूत को खुजाते हुए बोली। मैंने उसे […]

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अक्षिता की अधूरी प्यास

उसकी नजरें मेरे उठे हुये पेटीकोट और मेरी चिकनी शेव की हुई चूत पर पड़ी। एक बार जो नजरें टिकी तो वहीं पर चिपक गई। यह देख कर मैंने अपना थोड़ा सा पांव और खोल दिया

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अब मैंने छवि की गांड मारी

प्यारे दोस्तो, चंदा की बेटी छवि की चुदाई तो उसी रात मैंने कर दी जिस रात चंदा को चोदने उसके घर गया था। छवि की चूत चोद कर मुझे काफी संतुष्टि भी मिली लेकिन अभी भी मैं मौके की तलाश में था कि छवि की गांड कैसे मारूँ। हर समय मेरे आगे छवि का नंगा […]

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मेरी रसीली जवानी

'दीदी, आप तो मेरी जान हो... कहो ना!' 'मुझे गाण्ड मरवाने का बहुत शौक है... प्लीज!' 'क्या बात है दीदी... गाण्ड और आपकी... सच में मजा आ जायेगा!'

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भाभी ने मेरी मार दी-2

विजय पण्डित उसकी बड़ी बड़ी आँखें धीरे से खुली और सिसकते हुये बोली- मत देखो मुझे, आह्ह्ह्ह … मैं चुद रही हूँ … आ जाओ, हम एक हो जायें ! हां जानू, देखो तो तुम कितनी हसीन लग रही हो…! राजा, तुम भी कितने मोहक लग रहे हो… मैं मर जाऊँ तुम पर … हाय […]

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रेलगाड़ी का मज़ेदार सफ़र -2

मेरा लंड पूरी तरह उसकी गांड में चला गया और वो जोर से चिल्लाई तो वो बोलने लगी- मुझे यह नहीं करना, बस निकाल लो। मैंने उसे बहुत समझाया कि जो दर्द होना था वो हो गया, अब तो मजा आएगा बस थोड़ा सा और। और फिर मैं अपने लंड को धीरे धीरे अंदर-बाहर करने लगा।

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अंगूर का दाना-8

अंगूर ने अपने दोनों हाथ पीछे किये और अपने नितम्बों को पकड़ कर उन्हें चौड़ा कर दिया। आह... अब तो उसके नितम्ब फ़ैल से गए और गांड का छेद भी और खुल गया। अब जन्नत के गृह प्रवेश में चंद पल ही तो बाकी रह गए थे।

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दिल का क्‍या कुसूर-9

मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अरूण का दण्‍ड नीचे से लगातार मेरी बच्‍चेदानी तक चोट कर रहा था। तभी मुझे नीचे से अरूण का फव्‍वारा फूटता हुआ महसूस हुआ। अरूण ने अचानक मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया और मेरी योनि में अपना काम प्रसाद अर्पण कर दिया। मैं […]

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मुंह बोला भाई- बहनचोद

मैं दो-तीन बार मोहल्ले के लड़कों से चुदवा चुकी थी, तब से मुझे लंड लेने की इच्छा होती रहती थी। मैं चाहती थी कि कोई लम्बा लंड वाला मेरी चूत की जमकर चुदाई करे।

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बदले की आग-5

गीता भाभी आहें भरने लगीं, उनकी चुदाई शुरू हो गई थी, स्तनों को दबाते हुए चूत धक्के पर धक्के खा रही थी, गीता चुदाई का मज़ा ले रही थी। थोड़ी देर बाद उसकी चूत और मेरे लण्ड ने साथ साथ पानी छोड़ दिया। भाभी को सीधा कर मैंने अपनी बाँहों में चिपका लिया, मेरे से […]

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बदले की आग-7

मैंने उसके होंटों पर पप्पी लेते हुए उसके चुचूकों पर नाख़ून गड़ाए और कहा- पहले अपनी फुद्दी का दर्शन तो करा दो। कुसुम ने बिना देर किये अपनी पजामी नीचे सरका दी, उसकी चिकनी जांघें और लड़कियों जैसी चूत अपनी जवानी का मुजरा पेश कर रही थीं। मैंने उसकी चूत के होंटों पर उंगली फिराते […]

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बदले की आग-9

कुसुम रो पड़ी। गीता ने आगे बढ़कर उसके आंसू पौंछे और बोली- जब खुद की चुदती है तो आँसू आते ही हैं, और जब दूसरे की चुदती है तो मज़ा आता है। एक दिन की बात है, मुन्नी और मैं तो चुद ही चुकी हैं, अब तेरी बारी है थोड़ा मज़ा लेंगें, उसके बाद हम […]

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बदले की आग-10

गीता बोली- इसे तो 3-3 लण्डों से पिलवाना पड़ेगा, तब सुधरेगी यह। उसके बाद हम सब नंगे होकर प्रेम से चाय पीने लगे। मैंने मुन्नी के गले में हाथ डालते हुए कुसुम की तरफ देखते हुए कहा- मुन्नी, तुम्हें एक वादा करना होगा ! मुन्नी बोली- राकेश, तुमने मुझ पर इतने अहसान किये हैं, तुम […]

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गदराई लंगड़ी घोड़ी-5

“अभी तो एक और सरप्राइज है तेरे लिए..” “वो क्या?” “चल पहले कुर्सी से हट !” “मेरी गाण्ड मारेगा?” बबिता ने सीधा सवाल पूछा। “कूद-कूद के मारूँगा.. उफ्फ कैसे बोलती हो तुम? कहाँ से सीखा इतना गन्दा बोलना !” मैं सपने देखने लगा कि काश मेरी लंगड़ी दीदी भी मुझसे ऐसी बातें करें। “पर पहले […]

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