मेरी प्यारी चारू –1

सर्वप्रथम अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम। मैं आप सबको अपनी पहली प्रेम गाथा बताना चाहता हूँ। मेरा नाम जगेश है, बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं पास करके नए स्कूल में अपनी आगे की पढ़ाई के लिए गया था। मैं आप लोगों को बताना चाहता हूँ कि मैं एक शर्मीला लड़का […]

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मेरी चूत और गांड दोनों प्यासी हैं-8

मैं बेचारी अबला नारी दो मर्दों के बीच में सैंडविच बन कर रह गई थी और सिवाय मजे करने और देने के मैं और कर भी क्या सकती थी? और वैसे भी चुदाई का मजा किसे पसन्द नहीं भला।

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मेरी प्यारी चारू –2

मैं और चारू दोनों ही प्यार के रंग में सराबोर होने के लिए तड़प रहे थे। अब सिर्फ़ चुम्बन करने और गले लगने से हमारा मन नहीं भरता था। हम दोनों सेक्स की आग में झुलस रहे थे

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मेरी प्यारी चारू–3

मैं और चारू दोनों पलंग पर नग्न थे और एक दूसरे को होंठों पर चुम्बन कर रहे थे। उसकी योनि काम-रस से गीली होने लगी थी और मेरा लिंग भी कड़क हो चुका था जो थोड़ा प्री-कम निकालने लगा था।

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मुँहबोली ममेरी बहन चुद गई मुझसे

नमस्कार दोस्तो ! एक बार फ़िर मैं अपने जीवन की सच्ची कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ। नये पाठकों के लिये मेरा परिचय फ़िर से- मेरा नाम मनोज हैं, 28 साल का हूँ, दिखने में ठीक-ठाक हूँ। मेरा लन्ड किसी भी लड़की या औरत की चूत को गीली कर सकता है। मैं सीधे कहानी पर आ […]

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मेरी चालू बीवी -1

जब मैं उसकी कच्छी उसके चूतड़ों से नीचे उतारने लगा तो उसके हिलते हुए चूतड़ों के बीच उसका सुरमई गुदा-द्वार देख मेरे छक्के छूट गए और जैसे ही मैंने उसकी झांकती गुलाबी, चिकनी चूत जिसके दोनों होंट आपस में चिपके थे, देखते ही मेरे पसीने छूट गए।

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मेरी सील तुड़वाने की ललक

हमने एक-दूसरे को गले लगाया और काफी देर तक राज मुझे चूमता रहा और मेरे मम्मों को दबाता रहा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं आँखे बंद करके एन्जॉय कर रही थी, क्योंकि पहली बार किसी ने मेरे होंठों को चूमा था।

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अब तो मेरी रोज़ गांड बजती है-1

मैं सोचता हूँ कि अगर मैं लड़की होती, तो चालू बनती, कई आशिक बनाती, स्कूल कॉलेज में बदनाम होती और जब औरत बनती, तो गैर मर्दों से चुदवाती मतलब फुल करेक्टर-लैस होती।

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अब तो मेरी रोज़ गांड बजती है-2

बदन पर सिर्फ नाम की एक फ्रेंची थी, वो भी काले रंग की जिसमें मेरा गोरा जिस्म और आकर्षक दिख रहा था, चूतड़ों पर भी फ्रेंची आधी चिपकी थी और बाक़ी गांड के चीर में फँसी थी।

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अब तो मेरी रोज़ गांड बजती है-3

मुझे लगा भी कि अब वो सारा डर छोड़ कर मुझे बाँहों में भर लेगा और मेरे नंगे जिस्म की तारीफ करते ही मुझ पर सवार हो जाएगा, लेकिन वो झिझक रहा था।

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अब तो मेरी रोज़ गांड बजती है-4

आज तो लंड मेरे खुद के बिस्तर पर था, वो भी मुझे सोता हुआ समझ कर मुझ पर हाथ फेर चुका था। अगले दिन वो मुझे शरारत वाली नजर से देख रहा था।

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अब तो मेरी रोज़ गांड बजती है-5

मैंने पैन्ट खोल कर टेबल से सामान हटाया कुहनियाँ टिका कर घोड़ी बन गया। उसने गीला करके लुल्ला घुसा दिया और दस मिनट मुझे फुल चोदा।

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मेरी बीवी के बदन की एक बानगी-1

मेरी बीवी ने अपने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोला, फिर उसने बड़ी अदा से पहले अपनी एक बांह से स्ट्रेप उतारी और फिर दूसरी बांह से भी! और फ़िर बड़ी नज़ाकत से ब्रा को पूरी तरह से निकाल कर उन अंकल जी को पकड़ा दिया।

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मेरी बीवी के बदन की एक बानगी-2

अंकल जी ने पीछे से उसकी कमर में दोनों हाथ देते हुए अपनी दोनों हथेलियों से उसके दोनों वक्ष ढांप लिए और एक ब्रा जैसी बना ली अपनी हथेलियों से ही - अब बताओ बेटी, तुम्हें क्या कम्फर्ट लग रहा है?

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मेरी बीवी के बदन की एक बानगी-3

अंकल जी ने बहुत आराम से एक एक करके दोनों पैर ऊँचे उठा उठा के पैर में से वो अंडरवियर बाहर निकाली। ऐसा करने से दोनों बार उसकी चूत की झिरी खुली और बंद हुई, और साफ़ पता चल गया कि मारे उत्तेजना के उसकी चूत भी गीली हो गई थी।

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