भूत बंगला गांडू अड्डा-3
मैं थोड़ी देर तो दोनों हाथ दिवार पर टिकाये, झुका हुआ, कूंकता हुआ चुदवाता रहा, लेकिन फिर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने फिर एक हाथ से अपनी गांड थाम ली।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं थोड़ी देर तो दोनों हाथ दिवार पर टिकाये, झुका हुआ, कूंकता हुआ चुदवाता रहा, लेकिन फिर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने फिर एक हाथ से अपनी गांड थाम ली।
फोन पर गलत नम्बर से एक लड़की से दोस्ती हुई, बात होने लगी तो पता चला कि वो शादीशुदा इन्डियन भाभी है. उससे मिलाने की बात हुई तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया.
पड़ोस की चाची के साथ होली खेलते हुए मेरा हाथ उनके ब्लाउज में घुस गया और फट भी गया. मैं गर्म हो गया लेकिन कुछ नहीं कर सका. फिर मुझे मौक़ा मिला उन्ही चाची के बदन से खेलने का!
मैं अपने चाचा के घर रहता था तो वहां मैंने उनकी बेटी यानि अपनी चचेरी बहन की अनछुई कुंवारी चूत को कैसे चोदा... इस कहानी में पढ़ कर मज़ा लीजिये!
अन्दर उसने पैंटी पहनी हुई थी.. जिसकी वजह से मैं उसकी चूत को खुलकर नहीं सहला पा रहा था.. और इधर मेरा लंड अपने पूरे शवाब पर था। मैंने एक हाथ से उसकी सलवार को खोला, दूसरे हाथ से लंड बाहर निकाला.
एक रात मैंने अपनी टीचर मकान मालकिन को उसकी छात्रा के साथ लेस्बियन सेक्स करते देखा तो उनकी वीडियो बना ली और फिर मैंने मकान मालिकन को कैसे चोदा.. इस कहानी में!
प्रिय अन्तर्वासना पाठको, मार्च महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
अपनी एक दोस्त के साथ सेक्स करने उसके कमरे पर जाता था तो उसकी सहेली भी वहाँ होती थी, उसकी आँखों में अजीब सी कशिश और शरारत होती थी, सेक्स की तलब दिखाई देती थी।
गाँव की पड़ोसन भाभी एकदम मक्खन जैसी गोरी और वो अपने मोटे चूतड़ मटका कर चलती थी.. भाभी की निगाहें नशीली थीं शायद वो मुझे अपनी हवस मिटाने के लिए लाइन देती थी.. पर मैं समझ ना पाता था।
वो बोली- पूजा ने भी तुम्हारा लण्ड देखा.. तो मैं बोला- देखने दो.. कुछ दिन बाद वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में भी लेगी और मुँह में भी लेगी और चूत में भी लेगी।
मामा के घर ममेरे भाई की बीवी मस्त माल थी। भाई अक्सर बाहर रहते हैं तो भाभी घर में अकेली रहती हैं। मैंने भाभी को पटाने की सोची और उनसे बातें करने लगा तो भाभी ने ही पहल कर दी।
यह कहानी मुम्बई में मिली एक भाभी की है जब मैं वहाँ अपने मामा मामी के घर गया था। वो मामी की सहेली थी, हमारी दोस्ती हो गई, उसके बाद तो वो खुद ही मेरे नीचे आ गई…
दोस्तो.. ये मेरी डायरी के कुछ पन्ने थे जो मैंने अपनी कामवासना के चलते आज फिर खोल लिए थे.. इसमें मेरी बीवी और मेरे दोस्त के साथ हम तीनों की चुदास का वर्णन लिखा है.. उसे पढ़ कर आप सब को सुना रहा हूँ.. आनन्द लीजिए।
मुझे लड़कों में रुचि है, मेरी मौसी के लड़के की शादी में उसके एक दोस्त, जो बांका जवान था, पर मेरी नजर टिक गई, मेरा मन उसका लण्ड लेने को करने लगा.
पोर्न स्टोरी का पहला भाग : लेस्बो मकान-मालकिन की चूत की प्यास-1 पोर्न स्टोरी का दूसरा भाग : लेस्बो मकान-मालकिन की चूत की प्यास-2 किरण बोली- बहुत दिनों से मेरी चूत लण्ड के लिए तड़प रही है.. इसलिए मैं पूजा के साथ लेस्बियन करती हूँ.. और अपनी चूत की गर्मी शान्त करती हूँ। मैं बोला- […]