सेक्स की भूखी बेंगलुरु की लड़की
बेंगलुरु की एक युवती ने मेल किया, बताया कि वो मुझसे चुदना चाहती है, उसका पति एक साल के लिए अमेरिका गया हुआ है। इस कहानी में उसकी कसी चूत की चुदाई का वर्णन है।
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बेंगलुरु की एक युवती ने मेल किया, बताया कि वो मुझसे चुदना चाहती है, उसका पति एक साल के लिए अमेरिका गया हुआ है। इस कहानी में उसकी कसी चूत की चुदाई का वर्णन है।
मैं सोनी के बाल पकड़े और उसको दीवार से लगा दिया और फिर उसके प्यारे कोमल होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा और कभी-कभी काट भी लेता, उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा।
दोनों भाभियाँ नंगी थी और रश्मि मुझे गैर मर्द से अपनी पहली चूत चुदाई की दास्तान सुनाने लगी कि कैसे उसने पड़ोस के युवा लड़के को अपना नंगा बदन दिखा कर पटाया।
उनका भीगा गोरा बदन और भी सेक्सी लग रहा था। फिर उन्होंने अपनी बुर के ऊपर साबुन लगाया और मसल-मसल कर साफ़ करने लगीं। बुर के ऊपर काले-काले घने बाल बहुत सेक्सी लग रहे थे..
मैं अपनी सलहज को छोड़ने जा रहा था तो रास्ते में भाभी ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा, उनके छूते ही मैंने कहा- आपका हाथ कितना गर्म है। उन्होंने कहा- तुम्हारी भाभी भी तो गर्म है।
मेरी बहन ने बात करना छोड़ दिया तो मैंने देर से घर आना शुरू किया। बहन ने पूछा तो मैंने कह दिया कि मैं तुझसे प्यार करता हूँ, कहीं मैंने कुछ कर दिया तो?
यह कहानी दो समलैंगिक लड़कों के सेक्स पर आधारित है। इसमें मैंने पहली बार सामूहिक यौन क्रीड़ा का प्रयोग किया है। अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर लिखियेगा। रंगबाज़
मैं उनके लिंग के ऊपर बैठने उठने लगी जिससे लिंग योनि में अन्दर बाहर होने लगा। मेरी पकड़ कुछ पलों के धक्कों में फिर से मजबूत हो गई और मेरी योनि भी कसने लगी।
'चूस ले.. आह्ह.. चूस ले.. फिर मौका नहीं मिलेगा अपनी मॉम की चॉकलेटी बुर.. को खा जा रे...बड़ा मज़ा आ रहा है.. ' मॉम मदहोशी में सिसकारियों के बीच बोल रही थीं।
रचना की भाभी काफी गोरी चिट्टी थी, लाल साड़ी में लो कट ब्लाउज में बड़ी ही सुन्दर लग रही थी। ॠचा भाभी की आँखें बड़ी-बड़ी, नाक तोते की चोंच जैसे नुकीली थी उसकी।
मैं जोर-जोर से सोनी की चुदाई करने लगा। क्या मौसम था यार.. और ठण्ड का समय.. खुले आसमान में सोनी की चुदाई की गर्मी मैं धकापेल करे जा रहा था.. क्या मस्त मजा आ रहा था।
मैं थोड़ा झिझका लेकिन फिर घुटनों के बल बैठ कर उसका लण्ड चूसने लगा, उसके लण्ड की खुशबू मेरे नथुनो में भर गई। मैं उसका और उसके लण्ड का दीवाना था।
और उसने खुद ही अपने मम्मे मेरे आगे कर दिए। मैं भी उसके मम्मों को हल्के हल्के सहलाने लगा और फिर उसके गोल और छोटे कुंवारे चूतड़ों पर भी हाथ फेरने लगा।
उसके होंठ काँपने लगे, धड़कनें और तेज हो गई। मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, साथ ही उसको किस भी करने लगा। हम नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेलने लगे।
रचना ने भाभी की गांड के अन्दर क्रीम लगा दी और मेरे लंड में भी क्रीम लगा दी। भाभी की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी, वो अपनी उँगली को अपने चूत के अन्दर बाहर कर रही थी।