पड़ोसन भाभी चूत पसार कर चुदी -2
रसोई में भाभी खाना बना रही थीं, मैं बगल में ही भाभी के जिस्म से खेल रहा था। फिर भाभी ने भी अपना दाहिना हाथ मेरे पैंट में डाल दिया और मेरा लौड़ा सहलाने लगीं।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
रसोई में भाभी खाना बना रही थीं, मैं बगल में ही भाभी के जिस्म से खेल रहा था। फिर भाभी ने भी अपना दाहिना हाथ मेरे पैंट में डाल दिया और मेरा लौड़ा सहलाने लगीं।
मैं गाँव आया तो घूमने निकल पड़ा, गेहूँ के खेत तक पहुँचा, मुझे चरचराहट की आवाज़ सुनाई दी, कोई औरत गेहूँ काट रही थी, पीछे से गांड बहुत मोटी थी, पसन्द आ गई…
धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी मोटी जांघों के बीच आ गया, जैसे-जैसे मैं उसकी योनि के पास जो अभी भी साड़ी से छिपी हुई थी, पहुँच रहा था, रचना की तड़प बढ़ती जा रही थी और उसकी सिसकारी तेज होती जा रही थी।
मेरी बहन का एक हट्टा-कट्टा ब्वॉयफ्रेण्ड है। एक दिन घर में मम्मी-पापा नहीं थे.. तो मैंने चुपके से उन दोनों को चुदाई करते देख लिया। मैं उसका लौड़ा देख कर हैरान रह गया.. तभी से उसके लण्ड को गांड में लेने की चाह मुझमें जागने लगी।
मेरी नीयत खराब होने लगी थी.. जब मैंने अपनी बहन की डायरी पढ़ी। जिसने हम दोनों के रिश्तों के मायने बदल दिए।मेरी बहन का एक नया-नया ब्वॉयफ्रेण्ड भी बना है। वो लिखती थी कि वो कैसे-कैसे एक-दूसरे के साथ शारीरिक रिश्ते बनाते थे..
इस कहानी में पढ़िये पड़ोस की जवान कुंवारी लड़की या अपने से छोटी उम्र की लड़की को पटाने के तरीके… जो मैंने भी इस्तेमाल किये हैं बहुत बार।
मेरी बस निकल जाने के कारण मुझे एक ट्रक में लिफ़्ट लेनी पड़ी। रास्ते में वो जंगल की तरफ़ मुड़ गये और पैसे मांगने लगे। मेरे पास पैसे नहीं थे तो मुझे अपना बदन उनके हवाले करना पड़ा।
मौसम खराब था और आधे रास्ते में ही बारिश शुरु हो गई थी, छतरी के नीचे कोई लड़की खड़ी किसी की मदद पाने के लिए वहाँ बारिश में खड़ी हुई है। उसने मुझे हाथ के इशारे से रोका..
मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स करना चाहता हूँ लेकिन वो कहती है कि शादी के बाद ही हम सुहागरात पर सेक्स करेंगे. ज्यादा जोर देने पर कहती है- तुम किसी दूसरी लड़की से दोस्ती कर लो और उसके साथ सेक्स कर लो, मुझे कोई ऐतराज नहीं है.
दोनों औरतों ने फ़ौरन अपने कपड़े उतार दिए और अपनी झांटों भरी चूतों की नुमाइश मेरे सामने लगा दी। मैंने हुक्म दिया- अब पीछे मुड़ कर दोनों अपने चूतड़ों के दर्शन करवाओ। उसके बाद एक दूसरी के मम्मों को चूसो।
इन दिनों में उसके चूत इतनी बार चुद चुकी थी कि जोर से धक्का देने का कोई फ़ायदा नहीं रहा, आसानी से चूत ने गपक लिया और अब चूत और लंड की थाप सुनाई दे रही थी और दोनों के मुँह से आह-ओह आह-ओह की आवाज आ रही थी।
मैं शुरू से ही कामुक प्रकृति का हूँ.. सेक्स को लेकर उत्सुक था। इस कहानी में मैंने बताया है कि कैसे मैंने एक पड़ोसी लड़के से अपना लंड पहली बार चुसवाया।
दिल्ली की लोकल बस में सफ़र करते हुए मेरी मुलाक़ात एक खूबसूरत युवती से हुई. बार बार सामना हुआ, दोस्ती हुई और फिर एक दिन ऐसा आया कि हम तन बदन से एक दूसरे के हो गए.
मेरी हालत अब और बुरी होने लगी थी, मैं वासना के सागर में गोते लगाने लगी थी, मेरा मन पल दर पल बदल रहा था। कभी उनके झटके मेरी चीख निकाल देते और सोचने लगती 'भगवान् ये जल्दी से झड़ जाएँ'
यह कहानी मेरी एक सहेली की है जिसे पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिये अपना बदन बेचना पड़ा। उसने मुझे बताया कि एक पॉश कालोनी में एक आलीशान घर में एक औरत दलाली करती है।