पड़ोस की यौवना मिलन से ज़बरदस्त तन का मिलन
एक सुन्दर यौवना मेरे पड़ोस में रहती थी, मैं उसे पसन्द करता था और शायद वो मुझे भी… उसे देख कर मेरा दिल मचल जाता था और वो मुस्कुरा देती थी। और एक शाम…
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
एक सुन्दर यौवना मेरे पड़ोस में रहती थी, मैं उसे पसन्द करता था और शायद वो मुझे भी… उसे देख कर मेरा दिल मचल जाता था और वो मुस्कुरा देती थी। और एक शाम…
'और तेज तेज धक्के मारो मुझे… गाली दे के चोदो मुझे… जैसे मेरी मम्मी चुदवाती है पापा से!' वो अपनी कमर उछालते हुए तड़प कर बोली।'तुम्हारी मम्मी को गाली सुनते हुए चुदवाना पसन्द है... कौन सी गाली देते हैं तुम्हारे पापा?' मैंने धक्के लगाते हुए पूछा।
कुछ कामिनियाँ ऐसी होती हैं जो चूत लण्ड जैसे शब्द कभी मुंह से नहीं ले सकतीं, कुछ अत्यंत शर्मीली लज्जालु होती हैं वे चुपचाप लेट कर चुदवाना पसन्द करतीं हैं, पूरी नंगी भी नहीं होतीं और अपना कोई सहयोग भी नही देतीं...
सोमू यार, तुम जैसा चोदू हम को आज तक नहीं मिला। क्या चुदाई का स्टाइल है तुम्हारा, कितनी देर तक चुदाई करने की क्षमता है तुम में। उफ्फ, ऐसा चोदू हमको कभी नहीं मिल सकता।
उसने मुस्कुराते हुए अपने होंठ सिकोड़े और मेरे लंड को पूरा मुँह के अन्दर भर लिया। उसने जो पूरी लम्बाई का मेरा लंड अन्दर लिया.. तो पहली बार उसे खांसी आई। 'पूरा नहीं जाता..'
वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हुई थी और मेरा लण्ड उसके चूतड़ों से दबा हुआ था। मेरा लण्ड अब तक खड़ा हो गया था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं पिंकी को बार-बार ‘कोई देख ना ले..’ ये कहकर और ज़ोर से खींच रहा था।
उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया, मैं कमज़ोर पड़ गई और मेरी बाँहें भी उसके चारों तरफ बँध गईं, मेरी चूचियाँ उसके चौड़े सीने में दब रही थीं और मेरी पैंटी में सुरसुराहट सी हो रही थी।
चुदाई के दौरान मुझ को लगा कि कम्मो की चूत सिकुड़ और खुल रही थी जैसे दूध धोने की प्रक्रिया कर रही हो, ऐसा पहले उसने कभी नहीं किया था और मुझको लगा कि यह क्रिया उसने अभी कुछ समय पहले ही सीखी होगी।
मैं होश खो चुकी थी और मेरी चूत में सनसनी सी हो रही थी, कीड़ा सा रेंग रहा था, हर पल मैं और कमज़ोर पड़ रही थी, होश खो रही थी कि अचानक उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा निकाल दी..
उसकी आँखें बंद थीं.. शायद नींद में होने का नाटक कर रही थी। मेरी हिम्मत अब बढ़ गई थी। मैंने उसका लोअर और पैंटी नीचे सरका दी और उसकी योनि का मर्दन अपनी उंगली से करने लगा।
वो आपके दोस्त मेरी भाभी के साथ कर रहे थे.. मैंने चाबी के छेद से सब देख लिया था, व्व..वो मुझे शर्म आती है.. सब बताने में.. बस वो बिना कपड़ों के एक-दूसरे से चिपके हुए थे। मैंने इतना ही देखा..
रति ने अब मेरे लंड को पैंट के बाहर निकाल लिया और उसके अकड़े हुए रूप को देख कर उसके मुंह से यकलख्त निकल गया- हाय माँ, कितना बड़ा है सोमू तुम्हारा तो?? उफ़्फ़ कैसे अंदर जाएगा यह साला? मेरी तो बड़ी टाइट है।
अपने भाई भाभी की चुदाई देख देख कर मेरी अन्तर्वासना जागृत हो गई थी और मैं किसी से भी चुदना चाहती थी. मेरी सहेली ने अपने भाई, जिससे वो खुद भी चुद चुकी थी, से चुदवाने को कहा.
एक बन्जारन लड़की मेरे घर के सामने रहती थी। वो कुछ सांवली थी पर उसके मम्मे बड़े मस्त थे। वो मेरे सामने आती थी तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था.. पर वो मुझे थोड़ी छोटी लगती थी। पर मुझे इससे क्या.. मुझे तो चूत चाहिए थी।
मेरी सहेली ने मेरी चुदास को शांत करने के लिए अपने भाई को बुला कर मुझे उसके साथ भेज दिया. वो मुझे एक होटल में ले गया जहां उसने बड़े आराम से, मज़े से मेरी चूत की सील खोली.