मेरा गुप्त जीवन- 140
कम्मो ने रति के ठण्डेपन की समस्या का एक इलाज यह बताया कि उसे नर नारी के सम्भोग का सजीव दर्शन कराया जाए। रति भी मेरी और कम्मो की सजीव चुदाई देखने के लिये राजी हो गई और…
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
कम्मो ने रति के ठण्डेपन की समस्या का एक इलाज यह बताया कि उसे नर नारी के सम्भोग का सजीव दर्शन कराया जाए। रति भी मेरी और कम्मो की सजीव चुदाई देखने के लिये राजी हो गई और…
मेरे पड़ोस की एक सीधी सादी पर हसीन लड़की पर मेरा दिल आ गया। वो अपनी दुकान भी सम्भालती थी। मैं उसकी दुकान पर उसे पटाने जाया करता था। आखिर एक दिन मैंने उसे पकड़ ही लिया।
रति की भाभी से अनुमति लेकर कम्मो ने रति की सीलबन्द चूत के प्रथम समागम की तैयारी कर ली, उसने रति को एक दवा पिलवाई और रति कामातुर होकर मेरे घर आकर मुझसे लिपट गई।
मैंने नीचे आकर उसकी पैन्टी निकाल दी, उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी। मैं उसकी चूत चाटने लगा, मेरा मुँह चूत पर लगते ही वो उछल गई। मैं उसकी चूत में जहाँ तक हो सका.. जीभ डालकर चाटने लगा था। वो काबू से बाहर हो रही थी।
निधि बड़ी मुश्किल से लौड़े को चूस पा रही थी.. क्योंकि इतना बड़ा लौड़ा पूरा उसके गले तक जा फँसा था। दस मिनट तक अर्जुन बड़ी बेरहमी से निधि के मुँह को चोदता रहा.. उसकी आँखे लाल हो गईं.. और आँसू भी आ गए..
पिंकी मेरे जींस पर अपने हाथ से सहला रही थी। फिर पिंकी ने मेरी जींस को उतार दिया और अंडरवीयर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी। मैं भी अब उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहला रहा था और साथ ही लबों को चूम रहा था।
हम सहेलियों ने कुछ दिन पहले एक ब्लू फिल्म देखी थी.. उसमें दिखाया गया था कि एक लेडी बहुत देर तक मर्द के मुँह पर नंगी बैठ जाती है और शायद झड़ने के बाद ही उठ जाती है..
मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना हाथ उसके हाथ पर रखा.. उसने कोई विरोध नहीं किया। इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया उसने मेरा साथ दिया।
उर्वशी भाभी भी आ गई बैठक में और आते ही उसने मुझको एक कसके जफ्फी मारी और एक हॉट किस भी मेरे होटों पर जड़ दी और मैं भी उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा।
पोस्ट ग्रेजुयेट कॉलेज में मेरी एक दोस्त थी प्रियंक, उसका फिगर 32-30-36 का एकदम मस्त, उसका रंग भी गोरा है.. कॉलेज के शुरुआत से ही वो मुझे पसंद करती थी लेकिन उसका बॉयफ्रेण्ड कोई और था.
इतनी मुलायम चूत शायद ही मैंने कभी जिंदगी में चखी थी। मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। वो पूरा ज़ोर लगाकर अपनी गरम चूत मेरे मुँह पर दबाए जा रही थी। मैंने भी जीभ बाहर निकाली और उसकी चूत में घुसेड़ दी।
मिलन की जोरदार चुदाई के बाद मै दोबारा उसे चोदने का मौक़ा ढूंढ रहा था कि एक दिन मै.न अकेला था और वो गुस्से में मेरे घर आई और मुझे थप्पड़ मारा. उसके बाद क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए!
मैं आलिंगन से छूटा तो बोला- उफ़ लोनी, तुम तो कमाल की चीज़ हो… क्या हॉट और सेक्सी शरीर है तुम्हारा! यह कहते हुए मैंने उसके गोल गुदाज़ मम्मों पर हाथ फेरा और फिर दोनों हाथों से उसके उभरे हुए चूतड़ों को सहलाया।
मैंने उसकी पैंट और कच्छी उतार दी। उसकी पैन्ट उतारते ही उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। उसकी चिकनी चूत जो अभी एक दिन पहले ही शेव हुई थी.. मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा।
मेरी क्लास में नई लड़की को टीचर ने मेरे साथ बिठा दिया। वो मेरे पड़ोस में ही रहने आई थी. हम अच्छे दोस्त बन गए। पढ़ाई के लिए अब मैं उसके घर ही जाता था क्योंकि अपने घर में वो छोटे कपड़ों में रहती थी।