पर-पुरुष की चाहत में एक दीवानी
वाइफ़ स्वैपिंग की कहानी पढ़ के मुझे एक मेल मिला एक विवाहिता लड़की का, वो मुझे मिलना चाहती थी. हम मिले भी और जो हुआ, इस कहानी में पढ़िए...
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
वाइफ़ स्वैपिंग की कहानी पढ़ के मुझे एक मेल मिला एक विवाहिता लड़की का, वो मुझे मिलना चाहती थी. हम मिले भी और जो हुआ, इस कहानी में पढ़िए...
चण्डीगढ़ से देहरादून लौटते समय एक युवती मेरे साथ बैठी और रास्ते भर उसने मुझे खूब मज़े दिये क्योंकि रात का सफ़र था। फ़िर आधी रात को उसके घर तक छोड़ने गया तो…
हम मूवी देखने तय समय पर हॉल तक पहुँच गए। जैसे ही वो आई, मेरी तो सांस ही रुक गई… सफ़ेद रंग का लॉन्ग टॉप पहन कर बिल्कुल परी जैसी लग रही थी सोनिया!
सोनिया ने एक शाम मुझे अपने घर बुलाया। मैं उसके घर पहुंचा तो उसे देखता रह गया, रेशमी गाउन उसके शरीर से चिपका हुआ था, चूची पेट नाभि जांघ सब के उभार- गहराई दिख रही थी।
कार से सफ़र करते हुए रात को एक ढाबे में रुके वहीं रात बिताने की मज़बूरी थी क्योंकि रास्ते में खतरा था. ढाबे वाला हमें अपने घर ले गया और वहाँ क्या हुआ, इस कहानी में!
मैं अब उसके चूत में ऊँगली डाल चुका था और चूत के दाने को सहला रहा था जिससे सोनिया अपने चूतड़ खूब हिला हिला कर मज़ा ले रही थी, ऐसा लग रहा था कि वो कभी भी झड़ सकती है।
मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा और उसके गाल को चूमते हुए बोला- क्या तुम मुझे अपनी चूत दिखाओगी? 'लेकिन मैं ट्रेन में अपनी चूत तुम्हें कैसे दिखा सकती हूँ?'
मेरी सहेली हॉस्टल में चुदती थी, मुझे भी चुदाई के लिये उकसाती थी। एक बार हम सहेलियाँ घर जा रही थी तो वोल्वो बस में उसका प्रेमी अपने दोस्त के साथ आया। और फ़िर…
मैं एक लड़की से फेसबुक पर मिला, पहले बातें हुई, फिर सेक्स चैट होने लगी, फिर बदन के कामुक अंग दिखाने पर बात आ गई. उसके बाद हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया और हम सेक्स तक जा पहुंचे...
उसकी चूत चूमने मात्र से ही उसने अपनी टांगों को फैला दिया, अब उसकी चूत बिल्कुल स्पष्ट दिखाई पड़ रही थी, दोनों फांकों को खोलते हुए उसकी गुलाबी चूत के अन्दर मैंने अपनी जीभ डाल दी।
रचना ने मुझे ऐसे जकड़ा था कि मेरा हाथ उसके चूतड़ों पर ही था। उसके इस तरह मेरे जिस्म को सहलाने से मेरे रोम-रोम में मस्ती छा गई। मेरा हाथ उसकी गांड को सहला रहा था।
पाँच मर्द मुझे यमुना किनारे ले गये और वहाँ खुले में सबने मेरे सारे छेद ठोक कर मुझे होटल छोड़ गये। सुबह उठी तो देखा कि वेटर सफ़ाई कर रहा है और मैं पूरी नंगी हूँ…
यह कहानी जबलपुर की ममता और मेरे दोस्त मुंबई के राजीव जी की है जो फेसबुक में मिले और अंत में दोनों ने ही सम्भोग की परम संतुष्टि को प्राप्त किया...
वो कमर उठा-उठा कर मुझे बुला रही थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी। मैं गौर से उसके जिस्म को देख रहा था। नारी सौंदर्य सच में ऐसा होता है.. कंचन सी कोमल सी काया.. गोरी-गोरी त्वचा..
ट्रेन की यात्रा के शुरु में ही एक मां बेटी मिल गई। ट्रेन में बहुत भीड़ थी तो हमें सट कर बैठना पड़ा। लड़की से बातचीत होने लगी, दोस्ती हो गई… आगे की घटना कहानी में पढ़िये…