प्रीति चूत चुदाने को मचल रही थी
मैं वॉल्वो बस में पीछे की सीट पर सो रहा था कि मेरी पैन्ट पर एक हाथ महसूस हुआ. मैंने आँख खोल कर देखा तो वो एक हसीं लड़की का हाथ था. मैंने उससे पूछा तो सॉरी बोलने लगी.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं वॉल्वो बस में पीछे की सीट पर सो रहा था कि मेरी पैन्ट पर एक हाथ महसूस हुआ. मैंने आँख खोल कर देखा तो वो एक हसीं लड़की का हाथ था. मैंने उससे पूछा तो सॉरी बोलने लगी.
मैं अपने दोस्त की शादी के कार्ड बाँट रहा था, एक घर में एक कमसिन हसीन लड़की ने दरवाजा खोला. लेकिन अन्दर कुछ ऐसा हुआ कि मुझे वो कुंवारी चूत चोदने को मिल गई!
उसका यह पहली बार है.. उसकी योनि पूरी गीली हो गई थी। मैंने जैसे ही उसकी योनि पर हाथ फेरने लगा.. वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी भरने लगी.. आहें भरने लगी 'आह्ह.. आह्ह.. उम्म उम्म उम्म.. आह्ह.. हह ह ह..'
मैं दिखने में आकर्षक हूँ कि कोई भी लड़की आराम से पटा सकूँ। एक बार पूल पार्टी में अपने दोस्तों के साथ गया था.. एक बहुत सुन्दर लड़की मेरे करीब आई.. उसने मेरे सीने पर जानबूझ कर एक धौल जमाई और कहा- ऊ..सॉरी!
अन्तर्वासना पर हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वालों की सेवा में चूतेश का प्रणाम… विशेषकर पाठिकाओं की चूतों को लौड़े की 21 तुनकों की सलामी! करीब एक महीना पहले मेरे पास एक ईमेल आया जिसे एक मोना नाम की लड़की ने लिखा था। मोना एक फौजी अफसर की बीवी है और उसकी अभी कुछ ही समय […]
राजे भी बिस्तर पे चढ़ गया और मेरी टाँगें खूब चौड़ी कर के फैला दीं, एक तकिया उठाकर मेरे चूतड़ों के नीचे जमाया तो बुर उसके लंड का स्वागत करने के लिए ऊपर को उठ गई।
चुदाई की फच्च फच्च, मेरी आहें व सीत्कारें, राजे के मुंह से निकलती हुई हैं हैं हैं और मस्त गालियों की आवाज़ों से कमरा गूंज उठा। यदि कोई घर के बाहर सुन रहा होता तो फ़ौरन समझ लेता यहाँ एक मस्त चुदाई का खेल चल रहा है।
मैंने राजे को फर्श पर घुटनों के बल बिठा दिया, अपनी टाँगें खूब चौड़ी करके मैं बिस्तर के सिरे पर बैठ गई और उसके मुंह से चूत लगा दी। बहुत टाइम से रुका हुआ स्वर्ण अमृत की सुरर्र सुरर्र सुरर्र करती हुई धारा राजे के मुंह में जाने लगी।
मैं बिलकुल नंगी किसी दूसरे की छत पर क्या कर रही हूँ.. मेरी हया और हालत इस बात की चीख-चीख कर गवाही दे रही थी कि मैं चुदने आई हूँ।
थोड़ी देर उंगली से खेलने के बाद मेरी योनि को उन्होंने और फैला दिया.. तो मैं कराह उठी और अपनी जुबान मेरी योनि से चिपका दी। वो मेरी योनि को चूसने लगे और जुबान को मेरी चूत के छेद पर धकेलने लगे।
फर्स्ट एसी ट्रेन में एक हसीना मेरे कूपे में आई. बात शुरू हुई तो वो प्यार में धोखा खाई थी, भावुक हो गई थी. ट्रेन के झटके से वो मेरे ऊपर आ गिरी और काम हो गया.
मैं मुंबई से इलाहाबाद के लिए ट्रेन से आ रहा था, 27-28 साल की एक विवाहिता लड़की ट्रेन के 2AC कोच में आई, उसकी आवाज़ से मेरी आँख खुली, देखा कि काफी मस्त बदन की लड़की थी वो… भरे भरे चूचे…
अब बारी मेरी थी.. उसके लंड का टेस्ट लेने का, मैंने उसके लंड पर थोड़ा का थूक निकाल कर लगाया और अपने होंठों से किस्सी करने लगी।
ट्रेन में बहुत भीड़ थी.. वो औरत मेरे पैरों के ठीक नीचे अपने चूतड़ मेरे पैरों की उंगलियों पर टिकाकर लेट गई थी। मैं कुछ नहीं बोला.. मेरी गाण्ड फटने लगी कि एक अजनबी औरत मुझसे ऐसे बर्ताव कर रही है।
दिल्ली मेट्रो की भीड़ में एक लड़की मेरे साथ चढ़ी मैं उसके पीछे था. कोशिश की तो बात बन गई और उतरने के बाद उसका नम्बर भी ले लिया. फिर उसी शाम को हम मिले!