नव वर्ष पर नई भाभी की चूत मिली
मैं नव वर्ष मनाने अपने ममेरे भाई के घर दिल्ली गया. मैंने पड़ोस की एक भाभी को मेरे भाई की तरफ देखा कर मुस्कुराते देखा. भाई ने बताया कि वो उससे चुदवाती है. मुझे भी मौक़ा मिला?
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं नव वर्ष मनाने अपने ममेरे भाई के घर दिल्ली गया. मैंने पड़ोस की एक भाभी को मेरे भाई की तरफ देखा कर मुस्कुराते देखा. भाई ने बताया कि वो उससे चुदवाती है. मुझे भी मौक़ा मिला?
मैं मकान मालिक की बच्ची को क्लास में छोड़ने गया तो वहां एक आंटी अपने बच्चे को छोड़ने आई थी, हमारी नजर मिली तो आंटी देख कर नशीले अंदाज में मुस्कुरा दी और मुझसे बात करने लगी!
अन्तर्वासना पर मेरी कहानी पढ़ के एक लड़की ने मुझसे मिलने के लिए मेल किया. उसने बताया कि वो चुदना चाहती है लेकिन परिवार की इज्जत के कारण डरती है तो उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है..
मैं अपने भैया के साथ किसी के घर गया तो वहाँ एक सुन्दर भाभी मिली। उन्होंने मेरा फ़ोन नम्बर ले लिया और मुझे फ़ोन किया। फ़िर एक रात मुझे अपने घर बुला लिया।
काफी दिन नीरस बिताने के बाद मेरी सहेली के बताने पर एक रिटायर्ड फौजी से ऑनलाइन दोस्ती हुई तो उसके साथ खुल कर बातें होने लगी और एक दिन उसने मुझे कैम पर खुद को दिखाया.
सन्नी- साली.. तू दिखती छोटी है.. मगर चुदक्कड़ बहुत बड़ी है.. पता नहीं किसने तेरी चूत को खोला होगा। साला जरूर कोई दमदार बंदा ही होगा.. जिसका मेरे से भी बड़ा है..
मेरा वो दोस्त मुझसे मिलने और सम्भोग के लिए इतना उत्सुक हो चुका था कि वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। मुझे वो रोज परेशान करने लगा तब मैंने यह बात तारा को बताई।
एक सेक्सी मूवी में मुझे एक लड़की मिली, उसे मैं अपने कमरे में ले आया चोदने के लिये। कमरे में आते ही उसने सेक्सी खेल खेलने शुरु किये, मेरी आंखों पर पट्टी बांध कर मुझे बेड से बांध दिया।
मेरे दफ्तर की लड़की से मेरा चक्कर चला तो वो मुझे पाने घर ले गई लेकिन उसकी मम्मी ने हमें रंगेहाथ पकड़ लिया. उन्होंने अपनी बेटी को एक कमरे में बंद कर दिया लेकिन मुझे अपने कमरे में ले गई!
रात में भीड़ भरी ट्रेन में एक लेडी मेरे साथ खड़ी थी टॉयलेट के पास.. एक बो बार मेरा हाथ उसके मम्मों से छुआ तो उसने कुछ नहीं कहा बल्कि मुझसे बात करने लगी. मैं तो शुरू हो गया.
मैं घबरा सी गई और पता नहीं मेरे मुँह से ऐसा क्यों निकल गया कि जल्दी कर लो.. मुझे शाम तक जाना है। इतना सुनने की देर थी कि उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
ठीक है.. मेरी रानी.. मैं देखती हूँ.. अब तू तैयार हो जा अच्छे से.. तेरे जिस्म पर एक भी बाल नहीं होना चाहिए.. ना नीचे.. ना बगलों में.. और ये वाले ब्रा-पैन्टी पहनना नए वाले.. क्योंकि इसमें तेरी चूचियों का साइज़ अच्छा उभर कर आएगा।
उन्होंने मुस्कुराते हुए मेरी योनि के दोनों होंठों को दोनों हाथों की उंगलियों से फैला कर छेद को चूम लिया.. ऐसा लगा जैसे एक बिजली का झटका मेरी योनि से होता हुआ मेरे दिमाग में चला गया।
मैंने सबसे पहले अपनी साड़ी निकाली और बोली- ये नीचे टाँगों और मेरी चूचियों को ढकने में काम आती है। अब बारी थी मेरे ब्लाउज की.. तो मैं उसके हुक एक-एक करके खोलने लगी।
मैं उनके ऊपर अपनी टाँगें फैला कर बैठ गई। मैंने एक हाथ से योनि को फ़ैलाने की कोशिश की.. और दूसरे हाथ से लिंग को पकड़ सीधा कर योनि के छेद पर रास्ता दिखाते हुए कमर नीचे दबाने लगी।