माँ बेटी की चूत चुदाई की इच्छा-39

दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद उसकी बहन चूत चुदवाने को बेकरार थी… मैंने माया और रूचि से अलग अलग प्लान बनाया सबके साथ रहते हुए मज़ा करने का… उनके घर पहुँचने के बाद क्या हुआ... कहानी के इस भाग में पढ़िए...

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माँ बेटी की चूत चुदाई की इच्छा-40

दोस्त की मम्मी माया के बाद उसकी बहन रूचि चूत चुदवाने को बेकरार थी… मैंने माया और रूचि से अलग अलग प्लान बनाया सबके साथ रहते हुए मज़ा करने का… उनके घर पहुँचने के बाद क्या हुआ... कहानी के इस भाग में पढ़िए..

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माँ बेटी को चोदने की इच्छा-41

दोस्त की मम्मी माया के बाद उसकी बहन रूचि चूत चुदवाने को बेकरार थी… मैंने माया और रूचि से अलग अलग प्लान बनाया सबके साथ रहते हुए मज़ा करने का… उनके घर पहुँचने के बाद हम खा पीकर अन्ताक्षरी खेलने लगे... और फ़िर क्या हुआ… कहानी के इस भाग में पढ़िए..

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मस्त मणिपुरी भाभी की चूत की चुदाई-1

पड़ोस में मणिपुरी भाभी बहुत मॉडर्न टाइप की माल किस्म की औरत है काफ़ी सेक्सी ड्रेस पहनती थी.. मेरा मतलब मिनी स्कर्ट.. छोटा टॉप.. और वो बहुत मेकअप भी करती थी।

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मस्त मणिपुरी भाभी की चूत की चुदाई-3

पड़ोस की एक मणिपुरी भाभी को चोदना चाहता था, मैं उसे घुमाने ले गया… वापिसी में मैंने उसे चूम लिया तो वो नाराज हो गई… एक दिन उसने मुझे बुलाया तो… कहानी पढ़ कर खुद देखिये क्या हुआ…

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क्या माल है मेरी मम्मी-1

मेरी मम्मी दिखने में एकदम माल दिखती थी, पड़ोसी मम्मी को लाइन मारते थे, मम्मी जान बूझकर नाभि से नीचे साड़ी पहनती थी... मैं छोटा था, हमारे पड़ोस में एक अंकल रहते थे, माँ अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती थी... कहानी पढ़ कर देखिये…

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क्या माल है मेरी मम्मी-2

मेरी मम्मी एकदम माल दिखती थी. पड़ोस में एक अंकल रहते थे, माँ अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती थी... मैं भी जाता था और अंकल की बेटी पिंकी संग खेलता था... लेकिन पिंकी भी कुछ कम नहीं थी, वो अपने बड़े भाई से चुदवाती थी... एक दिन पिंकी और उसके भाई ने मुझे मेरी माँ की गांड चुदाई दिखाई.. कहानी पढ़ कर देखिये…

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क्या माल है मेरी मम्मी-3

मेरी मम्मी एकदम माल दिखती थी. माँ अक्सर दोपहर में पड़ोस में एक अंकल के यहाँ चली जाती थी... मैं भी जाता था और अंकल की बेटी पिंकी संग खेलता था...

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माँ बेटी को चोदने की इच्छा-42

फिर मैं अपने आपको सम्हालते हुए अपनी जेब में हाथ डालकर लौड़े को सही करने लगा.. क्योंकि उस समय मैंने सिर्फ लोअर ही पहन रखा था। मैं जल्दबाज़ी में चड्डी पहनना ही भूल गया था.. तभी मैंने अपने लण्ड को एडजस्ट करते हुए ज्यों ही रूचि की ओर देखा.. तो उसके भी चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान छा चुकी थी.. शायद उसने भी मेरे उभार को महसूस कर लिया था।

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धोबी घाट पर माँ और मैं -1

हमारा पारिवारिक काम धोबी का था, मैं माँ के साथ नदी किनारे कपड़े धोने जाते थे... माँ देखने में बहुत सुंदर है, इस कारण गाँव के लोगों की नजर भी उसके ऊपर रहती होगी, ऐसा मैं समझता हूँ। जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...

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धोबी घाट पर माँ और मैं -2

हमारा काम धोबी का था, माँ देखने में बहुत सुंदर है, जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... घर में भी कपड़े इस्तरी करते वक्त माँ अपना पेटिकोट ऊपर उठा कर पसीना पौंछती तो मुझे उसकी नंगी जांघों के बीच का नज़ारा देखने को मिल जाता… खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...

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माँ बेटी को चोदने की इच्छा-43

तो उन्होंने बिना बोले ही अपनी नाइटी उतार दी और मेरे गालों को चूमते हुए मेरे सीने तक आईं और फिर दोबारा ऊपर जाते हुए मेरी गरदन पर अपनीजुबान को फेरते हुए धीरे से बोलीं- अब सोचना नहीं बल्कि करना है.. आज ऐसा चोदो कि मेरा ख़ुद पर काबू न रहे..तभी एकाएक झटके से मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर आ कर उनके होंठों को चूसने लगा।

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धोबी घाट पर माँ और मैं-3

जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... एक दिन हम दोनों ने कपड़े धो लिये और सारा काम निपटा कर नहाने लगे… माँ के दांतों से उसका पेटिकोट छुट गया और सीधे सरसराते हुए नीचे गिर गया और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिये मेरी आंखों के सामने दिखने लगा। खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...

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माँ बेटी को चोदने की इच्छा-44

माया मेरी पीठ सहलाते हुए मेरे माथे को चूमे जा रही थी और जहाँ कुछ देर पहले 'अह्ह्ह ह्हह... फ्छ्झ.. पुच.. पुक..' की आवाजें आ रही थीं..माया की चूत से बूँद-बूँद करके रस टपक रहा था। वो मेरे पीठ पर हाथ फेरते हुए मुझसे बोल रही थी- तुम्हारा ये गर्म एहसास मुझे बहुत पागल कर देता है.. मेरा खुद पर कोई कंट्रोल नहीं रहता और जब तुम मुझे इतना करीब से प्यार देते हो.. तो मेरा दिल करता है कि मैं तुम्हारे ही जिस्म में समा जाऊँ।

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धोबी घाट पर माँ और मैं-4

माँ कपड़े को नदी के किनारे नहाने लगी… माँ के दांतों से उसका पेटिकोट छुट गया और सीधे सरसराते हुए नीचे गिर गया और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिये मेरी आंखों के सामने दिखने लगा।बाद में खाना खाने के बाद माँ पूछने लगी कि उसे नंगी देख कर मुझे कैसा लगा… फ़िर उसने मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रख लिया…खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...

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