प्रियंवदा: एक प्रेम कहानी-2
मैं मन ही मन भगवान की उस सबसे सुंदर कलाकृति को अपना मान बैठा था या यूं कहें कि उसके प्रेम दरिया में बह चुका था। पता नहीं क्यों मुझे अंदर से यूं लगने लगा कि ये सिर्फ मेरी है, इस पर सिर्फ मेरा हक है.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं मन ही मन भगवान की उस सबसे सुंदर कलाकृति को अपना मान बैठा था या यूं कहें कि उसके प्रेम दरिया में बह चुका था। पता नहीं क्यों मुझे अंदर से यूं लगने लगा कि ये सिर्फ मेरी है, इस पर सिर्फ मेरा हक है.
मैंने पढ़ाई के लिए किराये पर कमरा लिया, मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था जिसमें एक भाई 28 साल का और एक बहन 32 साल की थी. एक दिन मैं बाथरूम गया तो अंदर से मुझे चूड़ियाँ खनकने की आवाज आई.
हर एक औरत की ख्वाहिश होती है कि इस दुनिया में एक इंसान ऐसा हो, जो उसकी भावनाओं को समझे, उसकी कद्र करे और सबसे बड़ी बात उसे बिना किसी स्वार्थ के बेहिसाब प्यार करे.
my first love story.
एक लड़की से फोन पर बात शुरू हुई, दोस्ती हो गयी. एक दूसरे को देखे बिना ही रोज़ बातें होने लगी. मुझे लगा कि उसको मुझसे प्यार है. मैंने पूछा- कि तुम्हारे दिल में मेरे लिए क्या फीलिंग्स हैं?
यह प्यार और रोमांस भरी कहानी है मेरी गर्लफ्रैंड के साथ रिश्ता जुड़ने से लेकर उसके साथ मेरे पहले सेक्स संबंध की। वो एक बैंक में कालिंग का काम करती थी. मेरे पास भी उसका फोन आया था बैंक से!
मैं 40 साल का हूँ, उस दिन सब काम से फ्री होकर मैं अपने बिस्तर में नंगा उल्टा पड़ा अन्तर्वासना पर गर्मागर्म कहानी पढ़ते हुए बिस्तर को ही चोद रहा था. तो मेरे साथ क्या हुआ?
मैंने उसके लम्बे लौड़े को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मेरा प्लान था कि मैं उसको चूस चूस कर ही झाड़ दूंगा और मेरी गांड उसके मूसल से बच जायेगी! लेकिन...
जिस लड़की औरत को पति से प्यार ना मिले तो वो दाम्पत्य जीवन से बाहर आकर प्यार पाना चाहती है. ऐसी ही एक भाभी मुझे मिली जिसे लगता था कि उसका पति प्यार नहीं करता.
पड़ोस में रहने वाली भाभी की आँखों में मुझे कामवासना दिखी तो मैंने भी नजदीकी बढ़ाई और एक दिन हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों के रस का मजा ले लिया. भाभी संग सेक्स की कहानी पढ़ कर मजा लें!
पड़ोसन भाभी को मैंने एक बार चोद दिया लेकिन मैं चाहता था कि उसकी शादीशुदा जिन्दगी पटरी पर आ जाए. मैंने उससे बात की और फिर मैंने उसका क्या हल किया? पढ़े कर जानें.
पड़ोसन की बेटी के साथ मुझे उसके ससुराल जाना पड़ा. वहाँ मैं रुकना नहीं चाहता था पर उसकी खस्ता हालत देख मन पसीज गया और वहीं हमारे बीच कुछ नया शुरू हो गया. यह क्या था? कहानी में पढ़ें.
पड़ोसन चाची की बेटी को मेरी बहन समान थी. पर एक रात अनायास उसके बदन के स्पर्श से मेरे मन में उसके लिए वासना की लहर उठ गयी. तब मैंने क्या किया?
अपनी बहन जैसी लड़की के नितम्बों को अपने लंड से छूने के बाद मेरी वासना बढ़ी और मैंने एक रात उसके नितम्बों पर अपना वीर्य छोड़ दिया. उसके बाद मैंने क्या किया?
पड़ोसन की विवाहिता बेटी मोनी के प्रति मेरी वासना के चलते शराब के नशे में मैंने रात में उसकी चूत को अपने लंड से छू लिया था मगर अगले दिन उसका पति आ गया.