लखनऊ के नवाब की चुदास-2
Lucknow ke Navab ki Chudas-2 दूसरे दिन जब वो एक्टिवा खड़ी करने आई तो मैंने कहा- आराम से.. उसने कहा- जी.. ‘आराम’ से ही करना चाहिए। मेरे कहने का मतलब था कि एक्टिवा आराम से खड़ी करना, मगर उसका इशारा मैं समझ गया। उसने जाते हुए पूछा- क्या मैं सुबह आ जाऊँ.. मुझे नेट पर […]