देसी भाभी की रात भर चूत चुदाई
यह कहानी मेरी और पड़ोस की एक चालू भाभी की है! मैं उनके घर गया तो वो मुझे छेड़ने लगी. वो कमरे में गई तो मैं उसके पीछे लग गया. कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे और भाभी के बीच शारीरिक रिश्ते बने!
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
यह कहानी मेरी और पड़ोस की एक चालू भाभी की है! मैं उनके घर गया तो वो मुझे छेड़ने लगी. वो कमरे में गई तो मैं उसके पीछे लग गया. कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे और भाभी के बीच शारीरिक रिश्ते बने!
पूनम की भाभी को गर्भ नहीं ठहर रहा था तो कम्मो के कहे अनुसार भाभी को सन्तान देने के लिये उनकी चूत चुदाई का कार्यक्रम चल रहा थ कि पूनम के भैया आ गये।
मेरा मकान मालिक अपने बिज़नेस में लगा रहता था और उसकी जवान बीवी के बदन की प्यास नहीं बुझती थी तो उसने मुझ पर डोरे डालने शुरू किये. मैं भी उसके रूप यौवन के जाल में फंस गया!
भैया की निगाह कम्मो के नंगे बदन पर जम गई, उन्हें अपनी बीवी गैर मर्द से चुदती दिखाई नहीं दी। कम्मो ने बात सम्भाली और भैया का लंड चूस कर उन्हें हैरान कर दिया।
मैं और नीचे गया तो उनकी सलवार का नाड़ा मेरे हाथ में आ गया.. मैंने बड़ी सफाई से उसको खोल दिया और अपना हाथ उनकी सलवार में डाल दिया। उनकी चूत पर थोड़े-थोड़े बाल थे..
मैं भाभी से पढ़ता था और भाई के सुडौल बदन को देख, सोच कर मुठ मारा करता था, मैं भैया का लंड लेना चाहता था। एक बार भाभी मायके गई तो मुझे लगा कि मेरा काम बन सकता है।
मेरे धक्कों की स्पीड बहुत तेज़ हो गई तो भाभी ने हिलना बंद कर दिया और मेरे लण्ड की करामात का आनन्द लेने लगी। घुड़चढ़ी पोज़ में भाभी 2 बार स्खलित हो गई!
पड़ोसन भाभी की ननद ने भाभी को मुझसे चुदते देखा तो उसकी अन्तर्वासना भड़क गई, उसने अपनी भाभी को मुझसे अपनी चूत की सील तुड़वाने की इच्छा बताई।
पड़ोसन भाभी ने गाने भरने के लिये मेमोरी कार्ड दिया तो मैंने शरारत करके उसमें ब्ल्यू फ़िल्में भी भर दी। कार्ड देने गया तो भाभी ने मोबाइल में डाल कर चलाया।
मेरे हाथ सोनाली के चूचों को मसल रहे थे और धीरे-धीरे उसके कपड़े भी उतार रहे थे। सोनाली इतनी उत्तेजित हो गई थी कि उसको पता ही नहीं चला, मैंने कब उसको पूरी नंगी कर दिया।
सोनाली भाभी को किसी दीपक से प्यार है और मुझे सोनाली भाभी से। मैंने कैसे सोनाली भाभी धीरे धीरे पटा कर, उन्हें उत्तेजित करके उनकी प्यासी चूत की चुदाई की, पढ़िए इस कहानी में!
जिस रात मेरे भैया नहीं रहते.. मैं सारी रात भाभी के साथ होता हूँ और उन्हें चोदता हूँ। मेरा और मेरी भाभी का कमरा एकदम अगल-बगल में है। मेरे पापा-मम्मी का कमरा थोड़ा हट कर है..
मुझे मौसी के घर जाना पड़ा लेकिन वहाँ जाकर मेरी किस्मत खुल गई, जाते ही रास्ते में एक हसीन भाभी से टक्कर हो गई और उससे दोस्ती भी... अगले ही दिन उसने मुझे खाने पर बुलाया.
प्रीत ने मेरी जींस निकाल दी। अब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाला और फिर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी। मैंने प्रीत की पजामी निकाल दी!
मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली.. प्रीत की आवाज निकल गई- ओहह्ह्ह… अब मैंने उंगली को अन्दर-बाहर करना शुरू किया.. फिर जल्दी ही मैंने दो उंगली डालीं.. फिर से प्रीत 'ओओहह्ह्ह..' करने लगी।