मेरा गुप्त जीवन- 138
भाभी की आँखें विस्मय से फटी की फटी रह गई और वो थोड़ा शरमाती हुई आगे बड़ी और लंड को अपने हाथों में ले लिया। फिर उन्होंने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया, कभी लंड के शिखर को देखती थी और कभी उसको ऊपर नीचे करती थी।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
भाभी की आँखें विस्मय से फटी की फटी रह गई और वो थोड़ा शरमाती हुई आगे बड़ी और लंड को अपने हाथों में ले लिया। फिर उन्होंने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया, कभी लंड के शिखर को देखती थी और कभी उसको ऊपर नीचे करती थी।
मैं नव वर्ष मनाने अपने ममेरे भाई के घर दिल्ली गया. मैंने पड़ोस की एक भाभी को मेरे भाई की तरफ देखा कर मुस्कुराते देखा. भाई ने बताया कि वो उससे चुदवाती है. मुझे भी मौक़ा मिला?
एक दिन भाभी ने मुझे मुठ मारते पकड़ लिया. भाभी ने पूछा कि यह काम गर्लफ्रेंड के साथ क्यों नहीं करते. मैंने भाभी से मदद मांगी तो उन्होंने मेरा लंड चूस कर मुझे मज़ा दिया और अपनी चूत भी चटवाई.
दोस्तों के साथ गांड मराई का खेल खेलने से मुझे गांड में कुछ लेने की आदत पड़ गई, मैं डिलडो ले आया. एक दिन मैं नंगा हो कर डिलडो गांड में घुसा रहा था कि भाभी ने देख लिया.
मैं एक गांव में किराये के कमरे में रहता हूँ। मकान मालिक की पुत्रवधू स्वाति मेरी नजरों को भा गई। मैं उसे और उसके यौवन को प्राप्त करना चाहता था।
मैं अपने भैया के साथ किसी के घर गया तो वहाँ एक सुन्दर भाभी मिली। उन्होंने मेरा फ़ोन नम्बर ले लिया और मुझे फ़ोन किया। फ़िर एक रात मुझे अपने घर बुला लिया।
मैंने भाभी को बाथरूम में चूत में उंगली करते देखा तो मौका देख उनसे कह दिया कि वे कब तक उंगलियों से काम चलाएँगी। वो मेरी बात सुन कर सिहर गई और नजरें चुराने लगी।
मैंने सुबह सुबह भाभी को आई लव यू बोल दिया। वो राजी तो थी पर डर रही थी। मैंने उनसे कहा कि मैं दोपहर को आ जाऊँगा, उस वक्त घर में कोई नहीं होता तो उन्होंने हामी भर दी।
मेरी पड़ोसन भाभी ग़ज़ब की सेक्सी हैं.. एक दिन भाभी ने मुझे बाइक से उज्जैन छोड़ कर आने को कहा। रास्ते में भाभी को पेशाब लगी तो वो झाड़ी में मूतने बैठी। मुझे उनकी चूत दिख गई।
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे भाभी की खूबसूरत चूत नसीब हुई। अब कहानी के इस हिस्से में भाभी के साथ कैसे संयोग बना और पूरी रात भाभी की जी भर कर चुदाई हुई!
भाभी के क्या कमाल के मखमली चूतड़ हैं… और उस पर गाण्ड की पागल कर देनी वाली दरार.. क्या कमाल का नजारा होता है दोस्तों.. जब भाभी मुझे अपना पिछवाड़ा दिखाती हैं!
भाभी मेरे ऊपर बैठ कर चुदवा रही थी, बल्कि मुझे चोद रही थी। साथ ही हम दोनों बातें भी कर रहे थे। मैं भाभी की चूत की तारीफ़ करते हुए उनकी गान्ड में उंगली करने लगा तो…
उर्वशी भाभी के पति बाहर गए तो वे मुझे रात भर के लिये अपने घर ले गई। वहाँ पर उनकी नौकरानी मुझे पसन्द आ गई और भाभी तो उससे अपनी चूत चुसाई करवाती ही थी।
साल में एक बार आते हैं.. तो मुझे चोदते हैं लेकिन 5 मिनट के अन्दर ही झड़ जाते हैं और मेरी चूत की प्यास नहीं बुझ पाती है तो देख कर मैं अपनी उंगली से काम चला लेती हूँ।
रति कमरे का नज़ारा देख कर वो भौंचक्की रह गई वह ज़ोर से चिल्लाई- भाभी यह क्या कर रही हो? सोमू, तुम तो भाभी से ज़बरदस्ती कर रहे हो? उफ़ यह मैं क्या देख रही हूँ?