मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-6
शॉर्ट्स एक ही बार में पूरी चूतड़ों से नीचे आ गई और सलोनी के मस्त मक्खन जैसे नर्म, चिकने, उठे हुए गद्देदार चूतड़ पूरे नंगे हो गये... चूतड़ों के दोनों पट आपस में चिपके हुये थे...
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
शॉर्ट्स एक ही बार में पूरी चूतड़ों से नीचे आ गई और सलोनी के मस्त मक्खन जैसे नर्म, चिकने, उठे हुए गद्देदार चूतड़ पूरे नंगे हो गये... चूतड़ों के दोनों पट आपस में चिपके हुये थे...
मैंने कहा- अब इस दर्द को जाने में समय लगेगा.. क्योंकि जब तक मेरा लण्ड तेरी चूत को 8-10 बार चोद नहीं देगा.. और जब तक तुम्हारी चूत मेरे लण्ड के साइज़ की नहीं हो जाएगी.. तब तक दर्द होगा...
करीब सुबह के पांच बजे वह लोग मुझे चोद-चोद कर थक कर बेहाल हो चुके थे, मेरी हालत बहुत खराब थी, मैं बेड पर बेसुध नंगी पड़ी हुई थी।
मैं भी धड़ल्ले से बोली- वो मैं सम्भाल लूंगी, तुम बेफिक्र रहो! लेकिन उस रात भाभी को चोदने के बाद तुम मुझको आखिरी बार ज़रूर उसी कमरे में चोदोगे, वायदा करो??
आपी सोफे पर कुछ लेटी.. कुछ बैठी सी हालत में ज़मीन पर पाँव फैलाए.. थोड़ी सी टाँगें खुली हुईं और ठीक टाँगों के दरमियान वाली जगह पर सलवार के ऊपर गुलाबी खूबसूरत हाथ.. आपी बिल्कुल परी लग रही थीं।
पप्पू ने सलोनी के गांड के छेद पर उंगली फिराई, सलोनी तुरन्त उठी और वो कुछ कहती, इससे पहले ही कलुआ ने उसका मुँह दबा लिया और पप्पू को इशारा किया।
मोनिका के जाते ही मैं रसोई में पहुँचा और उसकी माँ को पीछे से पकड़ लिया, उन्होंने साड़ी और बैकलैस ब्लाउज पहना हुआ था। मैं उनको कंधों पर चुम्बन करने लगा और उनके नंगे पेट को सहलाने लगा।
मेरी दोस्त गीत और मैं हम दोनों गोवा घूमने गए थे। रात को बीच पर पार्टी चल रही थी, टिकेट लाकर हम दोनों भी पार्टी में शामिल हो गए. उस पार्टी में और उसके बाद क्या हुआ, इस कहानी में!
मैं अपने साले के घर गया तो सलहज अकेली थी. काम करते हुए उसके ऊपर पेंट का डिब्बा पलट गया और सारे शरीर, कपड़ों पर पेंट लग गया. पेंट साफ़ करने के चक्कर में क्या हुआ?
यह मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन तरीन नज़ारा था… मेरी आपी.. मेरी वो सगी बहन.. जिसकी हया.. जिसके पर्दे.. जिसकी पाकीज़गी.. की पूरा खानदान मिसालें देता था.. वो मेरे सामने बगैर क़मीज़ के खड़ी थीं… उसके मम्मे मेरी नजरों के सामने थे।
अब एक साथ दो दो लन्ड सलोनी के अंदर थे। पप्पू का लन्ड सलोनी की गांड में और कलुआ का लंड उसकी चूत में! और कमरे में अनवरत असंख्य सिसकारियाँ... अह्ह आअह ओह्ह ऊई आअह्हा आअह्ह
मैंने उसकी सलवार भी उतार दी, उसकी पैन्टी उसके चूत के रस से बिल्कुल गीली हो गई थी.. तो देर ना करते हुए मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी… उसकी एकदम चिकनी क्लीन शेव..
मैं रेनू के पैरों के नाख़ूनों की सफाई भी करता जा रहा था और इतनी करीब से चूत के दर्शन के कारण मेरे तौलिये से बाहर आने को तड़पते लंड ने भी अपनी ऊँचाइयों को छू रखा था।
जब उसकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी.. तो दो-तीन मिनट मेरे लंड को देखने के बाद उसने मुझे आवाज़ लगाई.. जब मैं नहीं जगा.. तो उसको यकीन हो गया कि मैं सो रहा हूँ। उसने मेरे लंड को हाथ में ले कर सहलाना शुरू कर दिया।
उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ देखी और गिनी जा सकती थी। आपी ने अंगड़ाई लेने के अंदाज़ में अपनी टाँगें सीधी कीं और पाँव ज़मीन पर टिकाते हुए टाँगों को थोड़ा खोल लिया..