मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-3
अब मेरे नाजुक अंग पर उसकी मुट्ठी का अधिकार था, उसके होंठ उसके ऊपर थे, मुझे तो बस शान्त रह कर देखना था कि सलोनी आगे क्या करती है।
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अब मेरे नाजुक अंग पर उसकी मुट्ठी का अधिकार था, उसके होंठ उसके ऊपर थे, मुझे तो बस शान्त रह कर देखना था कि सलोनी आगे क्या करती है।
जब से हमारी चुदाई हुई थी.. मौसी मुझसे और मेरे लौड़े से बहुत प्यार करने लगी थीं, मैं भी उनकी पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं।
एक विवाहिता पड़ोसन के साथ चुदाई की कहानी है यह, मैंने उसे छेड़ा तो उसने मुझे रात के समय उसके घर के पीछे वाले कमरे में आने को कहा.
मैं अपने दोस्त के गाँव गया तो मुझे उसकी चचेरी बहन बहुत सेक्सी लगी। हालात कुछ ऐसे बने कि हम दोनों अकेले रह गए। वो मेरे करीब आकर बोली कि आप बहुत सीधे हो!
'अच्छा जी तो मेरे सोहने भाई की कहाँ-कहाँ नज़र पड़ी है.. और क्या-क्या देखा है जनाब ने.. अपनी सग़ी बाजी और सग़ी खाला का?' आपी ने ये कह कर सोफे से पाँव उठाए और टाँगें सीधी करते हुए पाँव ज़मीन पर टिका दिए।
कपड़े उठाते वक्त वो उन लड़कों की तरफ़ अपने चूतड़ करके झुकी तो उसकी गांड का छेद और पीछे को निकली हुई चूत भी उन लड़कों ने खूब अच्छे से देखी होगी।
तब मैंने अपनी आँखों में शरारत भरते हुए कहा- तुम्हारे पीछे का छेद तो कुंवारा है.. इसलिए आज मैं अपनी सुहागरात में अपनी पत्नी की गाण्ड मारूँगा।
'ऐसे नहीं… नीचे बैठ कर खोल और मेरा लौड़ा बाहर निकाल!' राजीव ने ज़ीनत को नीचे गिरा दिया, वह उसकी जीन्स खोल कर उसका अंडरवियर नीचे सरकाने लगी।
मैं एक बहुत चुदक्कड़ और लौड़े की हमेशा प्यासी रहने वाली लड़की हूँ और शादी के पहले से ही सेक्स की ज़बरदस्त खिलाड़ी रही हूँ। मेरी चूत गर्म की गर्म पड़ी रहती है।
'अब मुझे ये बताओ कि बाजी के जिस्म में ऐसी कौन सी चीज़ है.. जिसे देख कर तुम्हें बहुत मज़ा आता है और तुम्हारा जी चाहता है बार-बार देखने का?' आपी सवालिया नजरों से मुझे देखने लगीं।
कलुआ- वो तो दीदी, आप पूरी नंगी हमारे सामने बिल्कुल नहीं शरमा रही थी, तभी लग गया था! हमें तो पता लग गया था कि हमें आप की इत्ती प्यारी फ़ुद्दी मिल जाएगी।
इस बार मैंने फ़ैसला कर लिया कि मौसी की गाण्ड मारनी है.. तो उनकी चीखों की परवाह ना करते हुए उनकी गाण्ड मारनी होगी.. चाहे वो कितना भी चीखें या चिल्लाएं..
मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया था और उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से लपेट लिया था और अब वह मुझे बड़े मज़े से चोद रहा था, मेरी चूत पानी छोड़ने लगी.
रेनू ने कोई जल्दी बाज़ी नहीं दिखाई और आराम से पूरी मलाई को मुंह में गिरने दिया। मैं मुंह के अंदर छोटे छोटे धक्के लगाकर पूरी तरह संतुष्टि का मज़ा लूट रहा था।
मैंने आपी को देखा.. वो बहुत ज्यादा बेचैन नज़र आ रही थीं.. बार-बार अपनी पोजीशन चेंज कर रही थीं, शायद वो अपनी टाँगों के दरमियान वाली जगह को अपने हाथ से रगड़ना चाह रही थीं..