चरमानन्द परमानन्द
उर्वशी अपनी अन्तर्वासना में डुबकी लगते हुए आहें भरने लगी और सिसकारने लगी, मेरे सिर के बालों को दोनों हाथों से पकड़ अपनी ओर खींच कर मेरे होंठों को अपने होंठों में दबोच कर चूसने लगी।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
उर्वशी अपनी अन्तर्वासना में डुबकी लगते हुए आहें भरने लगी और सिसकारने लगी, मेरे सिर के बालों को दोनों हाथों से पकड़ अपनी ओर खींच कर मेरे होंठों को अपने होंठों में दबोच कर चूसने लगी।
नीलेश उसके बूब्स में झाँक रहा था, मैं उसके चूचों को निहार रहा था। नीता बेचारी देखा देखी सब कर तो रही थी पर उसे बहुत शर्म भी आ रही थी। पर शायद कहीं न कहीं वो इस आज़ादी से बहुत खुश थी और इसका आनन्द भी ले रही थी।
यह कहानी है एक लड़की की जो शादी से पहले अपने एक पड़ोसी लड़के से हर रोज रात को चूत चुदाई का मज़ा लेती रही। तो आप भी मज़ा लीजिए उसी लड़की के मुख से उसकी चुदाई भरी रातों का…
मुझे मौसी के घर जाना पड़ा लेकिन वहाँ जाकर मेरी किस्मत खुल गई, जाते ही रास्ते में एक हसीन भाभी से टक्कर हो गई और उससे दोस्ती भी... अगले ही दिन उसने मुझे खाने पर बुलाया.
हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.. मैं पहली बार ज्योति को नंगा देख रहा था.. मुझसे रहा नहीं जा रहा था। उसकी फुद्दी पर अभी बाल हल्के हल्के आए थे.. छोटे-छोटे से भूरे भूरे थोड़े से बाल थे।
मैं जूही की कम्पनी में नौकरी करने लगा। एक शाम को मैं ऑफिस से निकला कि जूही की कार मेरे पास रुकी, मुझे बैठने के लिए कहा। उस दिन उसकी शादी की साल गिरह थी लेकिन उसका पति उसके साथ नहीं था।
प्रियंका- आओ जीजू.. आपने कल पूरी रात हम दोनों की खूब गान्ड मारी, अब मैं आपको रगड़ कर नहलाती हूँ.. उसने मेरे ढीले लण्ड को पकड़ते हुए मुझे शावर में घसीट लिया।
इतना मज़ा तो हम दोनों होटल में भी नहीं करते जितना आज यहाँ कर रहे हैं। भैया और भाभी दोनों इतने कमाल के होंगे, मैंने कभी सोचा भी नहीं था। इनके खेल में मैं दो बार गीली हो चुकी हूँ।
मेरे होंठ उसकी गाण्ड की तरफ गए और दोनों मटकों को मैं चाटने लगा। उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.. लगता था जैसे उसके पति ने कभी वहाँ हाथ भी नहीं लगाया था।
हम इतने पास थे कि हमारी साँसें आपस में टकरा रही थी और फिर से मुझे खुमारी चढ़ने लगी। मैंने तुरंत ही उसको बालों से पकड़ कर खींच और उसके होठों से होठों को सटा दिया एक जोरदार चुम्बन किया।
प्रीत ने मेरी जींस निकाल दी। अब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाला और फिर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी। मैंने प्रीत की पजामी निकाल दी!
मैंने उसको पुरुष और स्त्री के बीच के सेक्सुयल संबंध के बारे में डीटेल से बताया। वो बड़े ध्यान से मेरी हर बात को सुन रही थी और कॉपी में नोट भी कर रही थी।
आह जीजू.. कैसी लगी आपकी साली की गुदगुदी गाण्ड.. आह.. जीजू.. आप देखते जाओ.. मैं आपके लौड़े के लिए.. चूतों की लाइन लगा दूँगी। इतनी लड़की औरतों को पटाऊंगी आपके लिए कि आप हर रोज नई चूत मारोगे.. नई गाण्ड मारोगे..
नीता शरारती मुस्कान के साथ बोली- तो आपकी बीवी अब तक कितने लंड ले चुकी है आपके सामने? और आप कितनी चूत चोद चुके है अपनी बीवी के अलावा?
मेरी गली में ही एक लडकी रहती थी… क्या माल थी वो… जब भी मैं उसको देखता.. तो उसको चोदने का मन करता.. पर मौक़ा कब मिलेगा.. कहानी में पढ़ें कि कैसे आई वो मेरे लंड के नीचे!