पैसों की मजबूरी, चूत की गर्मी

लेखिका : मंजू मनचन्दा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार। मुझे अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ने में मजा आता है, सही पूछें तो मैं अन्तर्वासना की बहुत बड़ी फैन हूँ। बहुत दिन सोचने के बाद मैं यह कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूँ, यह कहानी कैसी है, आप ही तय करके मुझे बताना। […]

पूरी कहानी पढ़ें

रूबी के साथ मस्‍ती

मेरा नाम खान है, मैं दिल्‍ली का रहने वाला हूँ। मैं 21 साल का हूँ। मैं आज आप सभी को मेरी एक दोस्‍त के साथ हुई सैक्‍स के बारे में बताने जा रहा हूँ ! यह बात लगभग एक साल पुरानी है। मैं सरकारी संस्‍था में संविदा के आधार पर काम करता हूँ। इसके अतिरिक्‍त […]

पूरी कहानी पढ़ें

वीणा की गुफा-1

लेखक : मनीष शर्मा प्रेषिका : वीणा शर्मा मेरे प्रिये अन्तर्वासना के मित्रो, आप सब अन्तर्वासना में प्रकाशित हो रही कहानियों को पढ़ कर अपनी कामवासना की आग को खूब जागृत कर रहे होंगे ! मुझे आशा है कि मेरी यह छोटी सी भेंट भी उस कामवासना की आग में घी का काम करेगी और […]

पूरी कहानी पढ़ें

वीणा की गुफा-2

लेखक: मनीष शर्मा प्रेषक : वीणा शर्मा मैंने उसे उठा कर अपनी गोदी में बिठा दिया और मेरा लौड़ा उसकी गांड को छूने लगा, तब उसे याद आया कि वह तो मेरे लौड़े के नाप की बात कर रही थी, जो मालिश के कारण उत्तेजना और आनन्द में भूल गई थी। वह तुरंत बोली- अब […]

पूरी कहानी पढ़ें

तीसरी कसम-1

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है बाद मुद्दत के होता है चमन में दीदा-ए-वार पैदा ओह… प्रेम ! क्या तुम नहीं जानते प्रेम अँधा होता है। यह उम्र की सीमा और दूसरे बंधन स्वीकार नहीं करता। इवा ब्राउन और अडोल्फ़ हिटलर, राहब (10) और जेम्स प्रथम, बित्रिश (12) […]

पूरी कहानी पढ़ें

जिस्म से जान तक

आप सभी पाठकों को प्रेमशीर्ष का प्रेम भरा नमस्कार ! सबसे पहले मैं प्रेमगुरु का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे अपने दिल में जगह दी और मेरी कहानी को सम्पादित किया। मैं जमशेदपुर शहर से हूँ और आप सबने मेरी पहली कहानी जमशेदपुर की गर्मी पढ़ी होगी। कहानी के बाद आप सभी […]

पूरी कहानी पढ़ें

तीसरी कसम-2

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना हे लिंग महादेव ! अगर मुझे इन छोटे छोटे चीकुओं को चूसने या मसलने का एक मौका मिल जाए तो मैं तो सब कुछ छोड़छाड़ कर इनका अमृतपान ही करता रहूँ। एक बार तो मेरे मन में आया कि उसे कह दूँ कि मेरे पास आकर रोज़ इनकी मालिश करवा […]

पूरी कहानी पढ़ें

सुहागरात: कुछ जानकारी

जब सुहागरात को दुल्हन कमरे में बैठी होती है उस समय जब दूल्हे को कमरे में भेजकर भाभियाँ बाहर से कुंडी लगा देती हैं तो दूल्हे को चाहिए कि कुंडी खुलवाने के लिए थोड़ा सा निवेदन करने के बाद स्वयं अंदर से दरवाजे का कुंडी अंदर से लगा दे।

पूरी कहानी पढ़ें

तीसरी कसम-3

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना ‘पलक…’ ‘हुं…’ ‘पर तुम्हें एक वचन देना होगा !’ ‘ केवू वचन?’ (कैसा वचन?) ‘बस तुम शर्माना छोड़ देना और जैसा मैं समझाऊँ, वैसे करती रहना !’ ‘ऐ बधू तो ठीक छे पण तमे केवू आवशो? अने आवया पेला मने कही देजो.. भूली नहीं जाता? कई गाड़ी थी, केवू, केटला […]

पूरी कहानी पढ़ें

गर्लफ्रेंड को पत्नी बना कर चोदा

जब मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को पहली बार चोदा तो पूरे इंडियन स्टाइल में दुल्हन बना कर उसके साथ सुहागरात मनाई. सेक्स स्टोरी पढ़ कर आनन्द लें!

पूरी कहानी पढ़ें

तीसरी कसम-4

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना मैं अभी अपने ख्यालों में खोया ही था कि पलक की आवाज से चौंका। ‘सर एक बात पूछूँ?’ ‘यस… हाँ जरूर !’ ‘क्या एक आदमी दो शादियाँ नहीं कर सकता?’ ‘क्यों? मेरा मतलब है तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो?’ ‘कुछ नहीं ऐसे ही !’ ‘दरअसल किसी धर्म में चार […]

पूरी कहानी पढ़ें

तेरी याद साथ है-22

मैं जानता हूँ कि आप सब बड़ी बेसबरी से ‘तेरी याद साथ है’ के आगे की कहानी पढ़ने के लिए अन्तर्वासना पर अपनी नज़रें गड़ाए बैठे हैं लेकिन आपको इतने दिनों से केवल निराशा ही मिल रही थी। ज़िन्दगी की कुछ बहुत ही विषम परिस्थितियों से घिर गया था जहाँ से निकलना थोड़ा कठिन हो […]

पूरी कहानी पढ़ें

तीसरी कसम-5

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना ‘बस सर, अब वो वो… जल थेरपी… सिखा दो?’ उसकी आवाज थरथरा रही थी। ‘ह… हाँ… ठीक है… च… चलो बाथ रूम में चलते हैं’ मुझे लगा मेरा भी गला सूख गया है। मैं तो अपने प्यासे होंठों पर अपनी जबान ही फेरता रह गया। उसने नीचे झुक कर फर्श […]

पूरी कहानी पढ़ें

तेरी याद साथ है-23

“प्लीज मुझे जाने दो और तुम भी जल्दी से तैयार होकर ऊपर आ जाओ, सब तुमसे मिलना चाह रहे हैं।” इतना कहकर प्रिया ने मुझे ज़बरदस्ती अपने ऊपर से उठा दिया और मेरे लंड को एक बार फिर से सहलाकर जाने लगी। प्रिया के जाते जाते मैंने बढ़कर उसकी एक चूची को जोर से मसल […]

पूरी कहानी पढ़ें

तीसरी कसम-6

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “पलक अगर कहो तो आज तुम्हें पहले वो … वो …?” मेरा तो जैसे गला ही सूखने लगा था। “सर, ये वो.. वो.. क्या होता है ?” मेरी हालत को देख कर मुस्कुरा रही थी। “म … मेरा मतलब है कि तुम्हें वो बूब्स को चुसवाना भी तो सिखाना था […]

पूरी कहानी पढ़ें