भाई की साली संग चुदाई का खेल
मैं अपने बड़े भाई की साली की शादी में मध्यप्रदेश गया था जो कि एक छोटे गाँव में हो रही थी.. उधर काफ़ी लड़कियाँ रिश्तेदारी में थीं, वहाँ मैंने भाई की रिश्तेदारी में एक साली को चोद दिया।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं अपने बड़े भाई की साली की शादी में मध्यप्रदेश गया था जो कि एक छोटे गाँव में हो रही थी.. उधर काफ़ी लड़कियाँ रिश्तेदारी में थीं, वहाँ मैंने भाई की रिश्तेदारी में एक साली को चोद दिया।
कॉलेज से ट्रिप आगरा जा रहा था, पूनम को मैंने नैनीताल ट्रिप की चूत चुदाइयों के बारे में बताया तो छेड़छाड़ बढ़ गई और पूनम की साड़ी उठा कर मैंने पीछे से चोद दिया...
ट्रिप से पहले दिन एक और लड़की हमारे ग्रुप में शामिल हुई, उसे सारी बात बतादी और वो तैयार थी. ट्रेन में चारों लड़कियों को एक कूपे में बैठा कर खेल शुरू हुआ.. नई लड़की कुछ शरमा रही थी..
अपना खेल ख़त्म करके आरती व अन्य लड़कियाँ कपड़े पहन कर लौट चली. रात को आरती की चूत याद करके मैंने मुट्ठ मारी और अगले दिन आरती के घर गया. उससे पूछ्ताछ की. आरती घबरा गई !
दिल्ली से आगरा वाली बस में मेरे साथ एक लड़की बैठी थी. मुझे झपकी लगी तो मुझे लगा कि मेरी जांघों पर कुछ है... देखा तो उस लड़की का हाथ था. कहानी पढ़ें, मज़ा लें!
मेरी बात सुन कर आरती भय से काम्पने लगी। उसकी चूत और चूचियों को मसलते हुए मैंने कहा- तू मेरी बात माने तो तेरे पापा को कुछ नहीं बताऊँगा।वो मेरी बात मान गई और अगले दिन बगीचे में आ गई !
एक सुबह मेरे भाई का दोस्त उसे बुलाने आया तो भाई तैयार होने चला गया और मैं उलटी लेटी सोने का दिखावा कर रही थी. दोस्त मेरे पास ही बैठा था, मैंने शरारत की तो..
मेरी ही क्लास में एक लड़की दिखने में खूबसूरत अप्सरा सी थी, जब वो मटक-मटक कर चलती थी तो हर कोई उस पर फ़िदा हो जाता था। मैं उसे चाहता था, उसकी चूत चुदाई पढ़ें इस कहानी में!
मेरी क्लास में एक लड़की थी.. वो तब मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड थी. लेकिन मैं जब भी कल्याणी की तरफ देखता.. तो मैं पाता कि वो मेरी तरफ ही देख रही होती थी।
दिन भर घूमने के बाद शाम को कमरे में आये तो पूनम आ गई, उसे खुश किया और जेनी के बारे में बता कर रात कार्यक्रम का तय किया. रात को जेनी का नम्बर पहले लगा.
जेठ की उस तपती दुपहरी में चारों ओर सन्नाटा पसरा था.. दूर-दूर तक कोई नहीं था। मैंने जी कड़ा करके अपने लण्ड को जरा सा पीछे खींचा और दांत भींच कर.. पूरी ताकत और बेरहमी से आरती की कमसिन कुंवारी चूत में धकेल दिया।
मैंने एक दोस्त से पैसे लेने थे, वो दे नहीं रहा था. उसकी बहन बहुत सेक्सी थी. वो काबू नहीं आ रही थी. एक दिन मैं उसके घर गया तो वो काबू आई लेकिन दोस्त आ गया! उसके बाद क्या हुआ इस कहानी में पढ़ें !
हमारे पड़ोस में एक बड़ी ही मादक लड़की दिव्या रहती है, उसके हिलते हुए चूतड़ों को देख कर तो मेरा दिल करता था कि उसको जाकर पीछे से ही पकड़ कर उसकी गाण्ड में अपना लंड डाल कर अच्छी तरह से चोद दूँ..
डबल बेड पर साथ सोते हुये मैन दिव्या के बदन के मज़े लेने लगा तो उसकी अन्तर्वासना भी जाग गई, चूमाचाटी का मज़ा लेने लगी। उसके बाद पहले मैंने गान्ड मारी फ़िर उसकी चूत चुदाई की!
एक गाँव के एक कार्यक्रम में मैंने मंच संचालन किया और एक पहचान वाले कार्यकर्ता को कहा कि मैं उसके घर सोऊँगा. मैं देर से पहुंचा तो सभी सोये हुए थे. मेरे भाग्य में क्या था वहाँ?