प्यार की नयी परिभाषा
अपनी कक्षा की एक खूबसूरत लड़की को पसंद करने लगा लेकिन वो भाव नहीं देती थी. मैंने अपना दिमाग लगाकर उसको पटाया. दोस्ती में हमने कितने मजे लिये, मेरी इस कहानी में पढ़ें.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
अपनी कक्षा की एक खूबसूरत लड़की को पसंद करने लगा लेकिन वो भाव नहीं देती थी. मैंने अपना दिमाग लगाकर उसको पटाया. दोस्ती में हमने कितने मजे लिये, मेरी इस कहानी में पढ़ें.
गाँव में मुझे पड़ोस का एक लड़का पसंद था. एक दिन जब मैं घर में अकेली थी तो उस लड़के ने आकर किस तरह से मेरी चूत चोद कर उसकी गर्मी निकाली, मेरी देसी कहानी में पढ़ें.
मेरी बहनों की बात सुन मुझे अपने कानों पर यकीन ही नहीं हुआ. मैं तो सोचता था कि लड़के ही चूत तड़पते हैं लेकिन मेरी बहन तो मर्दों के लौड़ों के मामले में कुछ ज्यादा ही चालू निकली.
लॉज के मैनेजर के बाद जीजा ने मेरी चूत की प्यास बुझाने की कोशिश की. लेकिन क्या जीजा अपनी साली की चूत की प्यास बुझा सके? क्या मेरे यार के साथ मेरा मिलन हो पाया?
मैं पानीपत के पास एक गाँव की जाट छोरी हूँ, पानीपत में पढ़ती हूँ. वहीं मेरी दोस्ती गवांड के एक छोरे से हो गयी. एक दिन उस छोरे ने मुझे 'आई लव यू' बोल दिया. फिर ...
एक दिन मेरी कार रास्ते में खराब होने से मुझे बस से ऑफिस जाना पड़ा। बस में एक लड़की मेरे साथ बैठी और उससे थोड़ी बात हुई. यह बात कहाँ तक आगे बढ़ी और क्या हुआ हमारे बीच?
मेरी गली की एक लड़की के गोल गोल चूतड़ों पर टिकी उसकी पतली कमर, एकदम नोक सी खड़ी चूचियां मेरा लंड खड़ा कर देती थीं. उसे मैंने कैसे पटाया और चोदा? पढ़ें मेरी सेक्स कथा.
मेरे जन्मदिन पर मेरी सहेली ने मेरा चोदू यार को पार्टी करने बुला लिया. मेरी सहेली ने मेरे प्रेमी से जन्मदिन मनाने का और मेरी चुदाई का सारा प्रोग्राम तय कर दिया.
यह कहानी मेरी और मेरे घर में रह रही किरायेदार लड़की की है. मेरे घर में दो लडकियाँ रह रही थी. पढ़ें कि कैसे मैंने उनमें से एक को पटाया और उसकी चूत चोदी.
कॉलेज से घर आया तो देखा कि मेरी बड़ी बहन के साथ उसकी एक सहेली बैठी थी. पहली नजर में ही मुझे वो भा गयी थी तो मैं उसे देखता ही रह गया. वो मेरे दिल में समा गयी.
मेरी बहन की सहेली कई दिन हमारे घर नहीं आई तो मैं बचैन रहने लगा. जब वो दोबारा आई तो मुझे उसके करीब जाने का मौका मिला. क्या मैं अपने मकसद में कामयाब हो सका?
मैंने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल उसे भी नीचे गिरा दिया। अब मैं सिर्फ सेक्सी लाल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी और मेरे आधे चेहरे पर गिरे खुले बाल हल्के हल्के उड़ रहे थे.
शॉपिंग मॉल में पहली बार काजल और मेरे बीच कुछ बात हुई. वापस आते समय उसकी जांघ से जांघ सटी होने के कारण मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मगर उसके बाद जो हुआ ...
घर में कोई नहीं था तो हम नंगे घूम रहे थे घर में। हमने डिनर किया और बातें करते रहे। बीच बीच में मैं उसके लन्ड को सहला देती तो कभी वो मेरी गांड को भींच देता।
मेरी बहन की सहेली ने कार में मेरे लंड पर हाथ रख कर मेरी अंतर्वासना को भड़का दिया. वासना का वेग इतना तेज था कि मुझे अपने लंड को हाथ से ही रगड़ना पड़ गया।