धोबी घाट पर माँ और मैं-3

जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... एक दिन हम दोनों ने कपड़े धो लिये और सारा काम निपटा कर नहाने लगे… माँ के दांतों से उसका पेटिकोट छुट गया और सीधे सरसराते हुए नीचे गिर गया और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिये मेरी आंखों के सामने दिखने लगा। खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...

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धोबी घाट पर माँ और मैं-4

माँ कपड़े को नदी के किनारे नहाने लगी… माँ के दांतों से उसका पेटिकोट छुट गया और सीधे सरसराते हुए नीचे गिर गया और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिये मेरी आंखों के सामने दिखने लगा।बाद में खाना खाने के बाद माँ पूछने लगी कि उसे नंगी देख कर मुझे कैसा लगा… फ़िर उसने मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रख लिया…खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...

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धोबी घाट पर माँ और मैं-5

माँ ने मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रख लिया…फिर पता नहीं क्या सोच कर वो बोली- ठीक है, मैं सोती हूँ यहीं पर…उत्तेजना वश मैं माँ की चूचियों पर हाथ फ़िराने लगा और मेरा दूसरा हाथ अपने लण्ड पर था।माँ जाग गई और मेरे खड़े लण्ड को हाथ में ले कर हिलाने लगी और मीठी डाँट पिलाने लगी। माँ लगातार मेरे खड़े लण्ड के बारे में बात कर रही थी।

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धोबी घाट पर माँ और मैं -6

मेरी माँ पेशाब करके आ गई लेकिन बड़ी देर तक मेरे लंड से पेशाब ही नहीं निकला, फिर जब लंड कुछ ढीला पड़ा तब जा के पेशाब निकलना शुरु हुआ। मैं वापिस माँ के पास आया तो माँ ने फिर से वही बातें शुरू कर दी कि मैं उसे नहाते हुए क्यों घूरता हूँ... वो मेरा लंड पकड़ कर कहने लगी कि तू अब जवान हो गया है... कहानी पढ़ कर मज़ा लें...

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धोबी घाट पर माँ और मैं -7

मैं माँ की चूचियाँ मसल रहा था, माँ मेरे लौड़े को सहला कर मुठ मार रही थी… जब मैंने मां से कहा कि मेरा निकलने वाला है तो मां ने मेरा सुपारा अपने मुख में भर लिया

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धोबी घाट पर माँ और मैं -8

मेरा वीर्य पीने के बाद माँ ने मुझसे पूछा कि मुझे मज़ा आया या नहीं। फ़िर मेरे सामने बैठ कर मूता, नंगी जांघें और गाण्ड दिखाई और मुझे मूतते हुए देखा…

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धोबी घाट पर माँ और मैं -9

शाम होते-होते हम अपने घर पहुंच चुके थे। कपड़ों के गठर को ईस्तरी करने वाले कमरे में रखने के बाद, हमने हाथ-मुंह धोये और फिर माँ ने कहा कि बेटा चल कुछ खा-पी ले। भूख तो वैसे मुझे कुछ खास लगी नहीं थी (दिमाग में ज़ब सेक्स का भूत सवार हो तो भूख तो वैसे […]

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धोबी घाट पर माँ और मैं -10

मुझे उम्मीद थी कि रात को सोते समय माँ मुझे काफी कुछ करने दे सकती है, मज़ा दे सकती है. जब हम छत पर सोने गए तो माँ भी मेरे पास ही आकर लेट गई थी लेकिन...

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धोबी घाट पर माँ और मैं -11

रात को छत पर मैंने माँ की मिन्नतें की चूत दिखाने के लिए, वो ना मानी और तभी बारिश शुरु हो गई… नीचे आकर मैंने माँ को फ़िर से कहा लेकिन वो मेरी मुठ मारने लगी।

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धोबी घाट पर माँ और मैं -12

मैं मां के सोते हुए उसके पेटिकोट में झांक रहा था, माँ जाग गई और मेरी लालसा को जानकर यह कहते हुए कि 'चल मैं ही दिखा देती हूँ' वो अपने कपड़े उतारने लगी।

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धोबी घाट पर माँ और मैं -13

आज तो माँ मुझ पर पूरी मेहरबान थी, उसने पूरी नंगी होकर दोनों पैरों को मेरे सामने खोल कर फैला दिया और बोली- ले देख ले जो देखना है… मैं चूची मसलने और चूसने लगा

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धोबी घाट पर माँ और मैं -14

माँ पूरी नंगी होकर दोनों पैर फैला कर मुझसे अपनी चूत चटवाने लगी... मैं माँ की चूत चूसने लगा तो माँ को खूब मज़ा आ रहा था, वो मज़े में पागल हो गालियाँ बक रही थी.

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धोबी घाट पर माँ और मैं -15

माँ को चूत चुसवा कर बहुत मज़ा आया और वो शानदार तरीके से झड़ी और थक कर सो गई.. लेकिन मेरा लौड़ा मुझे परेशान कर रहा था, मैं सोती हुई माँ की जांघों को सहलाने लगा

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धोबी घाट पर माँ और मैं -16

चूमा-चाटी खत्म होने के बाद माँ ने पूछा- और बेटे, कैसा लगा माँ की चूत का स्वाद? अच्छा लगा या नहीं? ‘हाय माँ, बहुत स्वादिष्ट था, सच में मजा आ गया।’ ‘अच्छा, चलो मेरे बेटे को अच्छा लगा, इससे बढ़ कर मेरे लिए कोई बात नहीं।’ ‘माँ, तुम सच में बहुत सुन्दर हो। तुम्हारी चूचियाँ […]

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धोबी घाट पर माँ और मैं -17

'साले माँ की चूत चोदेगा जरूर, मगर उसके साथ इसकी बात नहीं करेगा, चुदाई के काम के वक्त चुदाई की बातें करने में क्या बुराई है बे चूतिये?'

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