चूत चुदाई के चस्के में आंटी की चूत और गान्ड
आन्टी को जाते हुए देखते समय उनकी गाण्ड देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया। फिर आन्टी वापस आ गईं उन्होंने मेरा खड़ा लन्ड देख लिया था। फिर वो कहीं और देखने लगीं.. अब मुझे शर्म आने लगी थी।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
आन्टी को जाते हुए देखते समय उनकी गाण्ड देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया। फिर आन्टी वापस आ गईं उन्होंने मेरा खड़ा लन्ड देख लिया था। फिर वो कहीं और देखने लगीं.. अब मुझे शर्म आने लगी थी।
शाम को रंग में भंग पड़ने के बाद रात को मैं कमरे में सोने गई तो वीरेन मेरे साथ आ कर लेट गया और अपना लन्ड मेरे चूतड़ों की दरार में घुसा दिया। मैं उससे कैसे चुदी, इस भाग में पढ़ें!
मैं उसकी नाभि और कमर के हिस्से पर चुम्बन करने लगा और सच बताऊँ तो उसकी साँसें ऐसे ऊपर-नीचे हो रही थीं कि मैं उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता।
इतने दिन से मैं देख रही हूँ कि तुम और दीदी सेक्स कर रहे हो और अब मेरा मूड भी हो गया है.. मैंने तुमको दीदी को चोदते हुए छत पर ही देख लिया था.. हाय.. क्या मस्ती से तुम दीदी को चोद रहे थे..
मैं अपनी बहन को उसकी शादी से पहले से ही चोदना चाहता था.. जब गली के सब लौंडे मज़े ले सकते हैं तो हम घर में ही क्यों नहीं ले सकते.. लेकिन मुझे मौका मिला बाद में!
'आ जाओ बड़े पापा... मैं नंगी हो रही हूँ... और अपनी चूत के पट अपने हाथों से खोल के लेटती हूँ आपके स्वागत के लिए...हा हा हा!' आरती हँसते हुए बोली और फोन कट गया।
उसने मेरे बड़े-बड़े मम्मों को अपनी मजबूत चौड़ी छाती के बीच दबा कर मुझे बाँहों में जकड़ लिया और अपने होंठों को मेरे नाजुक होंठों पर कसकर.. उनका रसपान करने लगा। मैं कसमसाते हुए बोली- मैं आपकी बीवी नहीं हूँ.. एक अंजान औरत हूँ।
लखनऊ जाना था तो कम्मो ने सब नौकरानियों को चोद के खुश करने को कहा. लेकिन चाची की चुदास का कारण उसका रोग था Nymphomania, चाची को चोदना जरूरी था.
मैं मध्यम वर्गीय परिवार से थी, मुझे मॉडलिंग का शौक था, इसलिए मैंने एक बड़े घर के आदमी को पटाया और प्यार का दिखावा कर मैं उसके साथ सैट हुई और मॉडलिंग का सपना पूरा करने लगी।
मैं 28 साल की एक बेहद स्मार्ट औरत हूँ, मेरे पति अक्सर बाहर रहते हैं, मेरे जेठ का गंवार सा लड़का हमारे साथ रहता था. वो मुझे घूरा करता था और मुझे बुरा लगता था.
मेरे क्लास में एक लड़की थी.. साली क्या माल थी.. उसके मम्मे 34" और चूतड़ 36".. उसकी गांड ही मारने का दिल करता था क्योंकि वो चूतड़ मटका कर चलती थी.
एक पुरानी सहेली बाजार में मिली तो हम और हमारे पति एक जगह इकट्ठे हुए. मेरी सहेली मेरे पति को देख कर खाने लगी- यार एक बार इसका लंड दिलवा दे!
मेरे गाँव की एक लड़की को मैं रोज देखता था। वो मुझसे पटने लगी। एक दिन मैं मोबाइल में सेक्सी ब्लू फ़िल्म देख रहा था, वो आई और मेरा मोबाइल लेकर फ़िल्म देखने लगी।
शाम को पिंकी की जगह सोनी खाना बनाने आई। उसने पूछ ही लिया कि हम दोनों ने सेक्स किया था। वो पार्टी मांगने लगी तो अगले दिन दोपहर की पार्टी तय हुई।
सुबह आरती मुझे दूसरी चाय देने आई तो मैंने उसे पास बिठाया और उसके जवाँ बदन का मज़ा लेने लगा। तब हम दोनों में वत्सला की चुदाई की बातें हुईं, पढ़ें इस कहानी में !