मैं अपने जेठ की पत्नी बन कर चुदी -5
'हाँ भाई साहब, चूत अब यह आपकी है, जब चाहो आप इसे चोद सकते हो, पर मेरे पति के सामने वैसे रहना, जैसे पहले थे, मैं नहीं चाहती कि उनको कुछ पता चले!'
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
'हाँ भाई साहब, चूत अब यह आपकी है, जब चाहो आप इसे चोद सकते हो, पर मेरे पति के सामने वैसे रहना, जैसे पहले थे, मैं नहीं चाहती कि उनको कुछ पता चले!'
जिस औरत ने मुझे चुना था, वो मुझे लेकर बिल्कुल बीच में लेट गई और मुझे अपने ऊपर लेटा लिया। बिल्कुल हमारी बगल में ही मेरी पत्नी और उसका पार्टनर लेटा हुआ था।
'और तेज तेज धक्के मारो मुझे… गाली दे के चोदो मुझे… जैसे मेरी मम्मी चुदवाती है पापा से!' वो अपनी कमर उछालते हुए तड़प कर बोली।'तुम्हारी मम्मी को गाली सुनते हुए चुदवाना पसन्द है... कौन सी गाली देते हैं तुम्हारे पापा?' मैंने धक्के लगाते हुए पूछा।
हमने चाची को गर्भवती करने की सोची और उन्हें कॉटेज ले गये। वहाँ तो चाची बेकाबू होकर मुझसे चिपट गई, बड़ी मुश्किल से कम्मो उन्हें अन्देर ले गई, उनकी चुदाई करवाई। उनके बाद जूही दुल्हन…
उसने पीछे से मेरी गाण्ड को पकड़ते हुए क्या मस्त चोदना शुरू किया.. आह्ह.. मैं उस आनन्द को बता नहीं सकती। मैं तो अधनंगी पड़ी थी। साला खूब मजे ले रहा था.. और मैं भी रगड़वा रही थी।
सेक्स की बातें खुल कर कर सकते हैं क्योंकि ना तुम मुझे जानती हो.. ना मैं तुम्हें.. हम केवल नेट पर दोस्त हैं इसलिए सेफ भी हैं और जिस्म सेक्स चाहता है.. एंजाय भी पूरा हो जाता है!
एक सुन्दर यौवना मेरे पड़ोस में रहती थी, मैं उसे पसन्द करता था और शायद वो मुझे भी… उसे देख कर मेरा दिल मचल जाता था और वो मुस्कुरा देती थी। और एक शाम…
मैं झूठा प्रतिरोध जो कर रही थी, बंद कर दिया लेकिन मैं शर्म के कारण जेठ का साथ नहीं दे पा रही थी, बस जिस्म को ढीला छोड़ दिया- मैं आपके छोटे भाई की बीवी हूँ।
जब कोई लड़की अपनी चूत अपने हाथों से खोल कर इस तरह से लेटकर चोदने का न्यौता देती है तब यह उसके समर्पण की पराकाष्ठा होती है, अपनी लाज शर्म त्याग कर ही वो ऐसा कर पाती है...
फोटोकॉपी की दुकान पर काम करने वाली सेक्सी जवान लड़की को कैसे पटा कर मैंने उसे चोदा, बस यही है इस कहानी में… पढ़ कर मज़ा लीजिये।
मैं यह कहानी कविता की तरफ़ से लिख रहा हूँ। कविता एक घरेलू औरत है जो पति के पूर्ण सुख से वंचित अन्तर्वासना में जल रही है, कैसे उसके भानजे मोहित ने उसकी बरसों की प्यास बुझाई।
पहली बार अपनी चूत फड़वाना और वो भी जैसे अधेड़ से.. ये थोड़ा अजीब था, ये बेमेल रिश्ता हुआ कैसे? यह मेरी समझ में तब आया.. जब उसने खुल कर बात बताई।
मेरे प्यारे मित्रो.. क्या आप पैन्टी खोजने में मेरी मदद करोगे.. कि मेरी पैन्टी गई कहाँ.. पति ले गए कि कहीं छिपाकर गए हैं.. या फिर मेरे सोने के बाद जेठ जी आए और वो ले गए..
आरती के कहने पर मैंने वत्सला को अपनी बाहों में भर लिया और उसके कुंवारे बदन से खेल कर उसे मज़ा देने लग, उत्तेजित करने लगा। वो बेचैन हो उठी थी।
एक दिन मेरी बेटी की पैंटी गायब हुई तो मुझे कुछ शक हुआ क्योंकि मेरी ब्रा पैंटी भी गायब हुई थी। मैंने नौकरों के क्वाटर में जाकर देखा तो वहाँ मेरी बेटी की पैंटी के साथ मेरी कच्छियाँ भी थी.