पड़ोस की मस्त कमसिन लड़की- 2

(Sexy Girl Hindi Story)

सेक्सी गर्ल हिंदी स्टोरी में मैंने अपने पड़ोस की लड़की को उसके यार के साथ देखा तो मैंने उनका पीछा किया. वे जंगल में घुस कर सेक्स की तैयारी में थे. तो मैंने क्या किया?

नमस्कार दोस्तो,
मैं सोनम वर्मा
आपने मेरी सेक्सी गर्ल हिंदी स्टोरी के पिछले भाग
पड़ोसन लड़की पर कामुक दृष्टि
में पढ़ा कि मैं अपने पड़ोस की एक कमसिन लड़की को पसंद करता था और उस पर नजर रखता था.
उसका एक यार बन चुका था.

एक दिन मैंने उस लड़की को यार के साथ जंगल की तरफ जाते देखा तो मैंने उनका पीछा किया.
एक पेड़ के नीचे वे दोनों मुझे नजर आए. मैं तुरंत वहीं छुप गया और उन दोनों को देखने लगा।
वे एक दूसरे के गले लगे हुए थे और लड़का शमा के गालों को चूम रहा था।

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मुझ पर भी उस समय तक विस्की का नशा आ गया था और मैंने सोचा ‘मादरचोद ये मेरी माल है और तू इसे यहाँ लेकर आया है।’

वो लड़का भी काफी कम उम्र का लग रहा था और उसकी उम्र 19 साल के करीब लग रही थी।

इसके बाद मैंने अपने मोबाइल फोन से उनकी वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
वे दोनों बिना किसी डर के थे जैसे उन्हें कोई देख नहीं रहा था।

जल्द ही उस लड़के ने अपने बैग से एक चादर निकाली और वहीं जमीन पर बिछा दी।

अब वो लड़का शमा के हाथ पकड़कर उसे चादर पर लेटने के लिए बोल रहा था.
लेकिन शमा पता नहीं क्यों बार बार मना कर रही थी।

उस लड़के ने जबरदस्ती शमा को लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया और अपना हाथ शमा के स्कर्ट के नीचे से अंदर डालने लगा.
लेकिन शमा बार बार उसका हाथ पकड़ लेती थी।

मुझे लगा कि अब यही मौका है शमा के साथ सब कुछ करने का!
अगर आज मैंने कोशिश नहीं की तो शमा कभी नहीं मिल सकती है।

मैं भी हिम्मत दिखाते हुए उठा और अचानक से उनके सामने आ गया।

सबसे पहले शमा की नजर मुझपर पड़ी और वो अचानक से बोली उठी- अंकल …???

मुझे देख दोनों तुरंत ही खड़े हो गए और दोनों की हालत खराब हो गई।
उस वक्त दोनों बुरी तरह से कांप रहे थे।

शमा उस लड़के से बोली- ये मेरे अंकल हैं।

और जैसे ही मैं आगे बढ़ा, वो लड़का वहाँ से भाग खड़ा हुआ।

मैंने आगे जाकर शमा की बाजू पकड़ ली और जोर से बोला- ये सब क्या करने आई हो तुम? इसलिए स्कूल जाती हो? ये सब करने? और वो लड़का कौन था जो तुम्हें अकेली छोड़ कर भाग गया। ऐसे लड़कों के साथ तुम कहीं भी चली जाओगी जो तुम्हें कही भी छोड़कर भाग जाए?

मेरी बात सुनकर शमा बिल्कुल सन्न होकर खड़ी थी.

मैं जानबूझकर उसे डरा रहा था.
लेकिन वास्तव में तो मेरी गंदी नजर उसके गुलाबी होंठों और गालों पर थी मन कर रहा था कि उसे अभी चूस लूं।

लेकिन मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था; मुझे पता था कि अब शमा आधी मेरे हाथ में आ गई है और थोड़ी और डराने पर वो खुद मुझे सब कुछ देगी।

मैंने दोनों हाथों से उसकी दोनों बाहों को जकड़कर पकड़ लिया था और उसे जोर जोर से डांट लगा रहा था।
शमा चुपचाप मुंडी नीचे किये हुए खड़ी हुई थी।

उसका पूरा चेहरा पसीने से भीग गया था और वह बहुत डरी हुई थी।

फिर मैंने आखिरी दाव चलने की सोचा और मोबाइल निकालकर बोला- रुको, तुम अभी तुम्हारे भाई और पापा को यहीं पर बुलाता हूं. उनको भी सब पता चलना चाहिए कि तुम कहाँ आती हो स्कूल के बहाने!
और मैं फोन लगाने का दिखावा करने लगा।

मेरा इतना कहना था कि शमा मेरे पैरों पर गिर गई और मेरे पैर पकड़ लिए- नहीं नहीं अंकल, मुझे माफ़ कर दीजिए. प्लीज पापा लोग को मत बुलाइये. प्लीज अंकल, अब से मैं ऐसा नहीं करुँगी. प्लीज उनको मत बुलाइये।

लेकिन मैं बार बार फोन लगाने का दिखावा करता रहा और जानबूझकर शमा को और डरा रहा था।

जल्द ही शमा बुरी तरह से रोने लगी और बार बार मुझे फोन न करने के लिए बोलती रही।

कुछ देर बाद मैंने उसे अपने पैरों पर से उठाया और दोनों हाथों से उसके गालों को थामते हुए उसे बोला- चलो अब रोना बंद करो. इससे कुछ नहीं होने वाला. तुम अगर चाहोगी तो कुछ नहीं होगा, किसी को कुछ नहीं पता नहीं चलेगा। लेकिन उसके लिए मेरी बात माननी पड़ेगी।

इतना सुन शमा तुरंत बोली- मैं हमेशा आपकी बात मानूंगी अंकल. अब कभी ऐसा काम नहीं करुँगी।

लेकिन उसकी बात काटते हुए मैं बोला- नहीं नहीं शमा, मैं ये नहीं बोल रहा हूं कि तुम ये काम मत करो।
शमा- फिर क्या अंकल? बोलिये मैं मानूंगी आपकी बात … लेकिन पापा को मत बताना ये सब!

“किसी को भी नहीं बताऊंगा. लेकिन जो काम तुम उस लड़के के साथ करने आई थी यहाँ … वही काम मेरे साथ करना होगा तुमको!”
“नहीं नहीं अंकल, मैं ये नहीं कर सकती।”

“ठीक है तो तुम्हारी मर्जी … मेरे पास तो वीडियो भी है तुम दोनों की … सब दिखा दूँगा पापा लोग को!”
“नहीं अंकल, ये नहीं कर सकती. आप और कुछ बोलो लेकिन ये सब आपके साथ नहीं कर सकती।”

मैंने थोड़ा सोचा और फिर बोला- ठीक है. तो तुम मुझे अपने होंठ चूमने दो जब तक मैं चाहूंगा. उसके बाद मैं किसी को कुछ नहीं बोलूंगा। इतना तो कर सकती हो तुम. बस होंठ चूमने दो।

शमा चुपचाप खड़ी रही लेकिन कुछ नहीं बोल रही थी।

मैं बार बार बोलता रहा.
तब कहीं शमा बोली- ठीक है … लेकिन बस एक बार!
मैंने मन में सोचा कि यह तो मेरे ऊपर है कि क्या करना है क्या नहीं. बस तू तैयार तो हो!

उसके बाद मैं उसे लेकर अपनी कार की तरफ चल दिया और उससे बोला- चल यहाँ से, यहाँ ठीक नहीं है. कहीं और चलते हैं।

फिर मैं उसे कार में बैठाकर और आगे की तरफ चल पड़ा और बिल्कुल सुनसान जगह पर गाड़ी को जंगल के अंदर कर दिया जहाँ से मेरी कार नजर नहीं आ रही थी।

इसके बाद मैं शमा को लेकर कार की पिछली सीट पर बैठ गया।
शमा बहुत डरी हुई थी और उसकी सांसें तेज गति से चल रही थी।

दोस्तो, आज मुझे मौका मिला था कि आज अपने अरमान पूरे कर सकूं औऱ जिस शमा के नाम से मैं मुठ मारता रहता था उसे सच में चोद सकूं।

लेकिन अभी शमा मेरे साथ चुदाई करने के लिए तैयार नहीं थी, बस अपने घर वालों के डर से वह मुझे चुम्बन देने के लिए तैयार हुई थी।

मुझे इसी मौके का फायदा उठाना था और चाहे शमा को और धमकाना पड़े तो उसके लिए भी मैं तैयार था।
बस मुझे यह मौका हाथ से जाने नहीं देना था।

मैंने शमा को सीट पर बैठा दिया औऱ मैं भी उसके बगल में बैठा हुआ था।

अब मैंने शुरुआत करते हुए शमा के हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींचने लगा.
लेकिन शमा झिझक रही थी और मुझसे दूर होने की कोशिश कर रही थी।

फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया और वह मेरे सीने से आकर टकराई।
मैंने उसके चेहरे को ऊपर उठाया और शमा ने अपनी आँख बंद कर ली।

मैं उसके चेहरे पर झुक गया और उसके पतले पतले गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
उस वक्त शमा बिल्कुल कांप रही थी।

मैं उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा।

लेकिन थोड़ी ही देर बाद शमा बोली- बस अंकल, इतना हो गया न!

मैंने कहा- अभी नहीं … अभी बहुत समय है. और मैं बस किस करने के लिए ही तो बोला है, और कुछ थोड़ी कर रहा हूँ।
इसके बाद मैं फिर से उसे चूमने लगा।

मैंने एक हाथ से उसे अपने सीने पर दबाया हुआ था और वह मेरे सीने से चिपकी हुई थी।

फिर मैं अपनी जीभ उसके मुंह में डालकर उसकी जीभ को भी चूमने लगा।

कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उसके बदन में भी कुछ हलचल पैदा हो रही थी क्योंकि पहले तो वो मुझे दूर कर रही थी लेकिन अपने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा रही थी।

अब मैं भी अपना एक हाथ उसकी पीठ पर चलाने लगा।

मैं उसे कुछ भी बोले बिना लगातार उसे चूम रहा था।

काफी देर तक उसके पतले पतले होंठों का रसपान करने के बाद मैं अब और कुछ करने की सोचने लगा।
मैं एक हाथ से तो उसकी पीठ सहला रहा था औऱ दूसरे हाथ को मैंने उसके घुटने पर रख दिया।

तब मैं उसके घुटने को सहलाने लगा और धीरे धीरे अपने हाथ को स्कर्ट के नीचे से अंदर उसकी जांघ की तरफ़ करने लगा।

मेरे इरादों को लगता है शमा भाम्प गई और उसने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया.

लेकिन मैंने उसके हाथ को झटक दिया और एक झटके में अपना हाथ स्कर्ट के अंदर डाल दिया।

शमा मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उसे अपने दूसरे हाथ से जकड़ लिया और उसकी जांघ को सहलाने लगा।
जल्द ही मेरे हाथ उसकी चड्डी तक जा रहे थे.

मैं उसे छोड़ नहीं रहा था और लगातार उसे एक हाथ से जकड़े हुए उसके होंठ चूम रहा था।

शमा इतना तो समझ चुकी थी कि मैं केवल उसे चूमने तक सीमित नहीं रहने वाला था।
मैं भी अब रुकना नहीं चाहता था क्योंकि अगर अभी मैंने शमा को छोड़ दिया तो वो मेरे हाथ से निकल जायेगी और मेरे अरमान अधूरे रह जाएंगे।

इसलिए मैंने उसके होंठों को चूमते हुए ही उसे कार की सीट पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया और उसे दबा दिया।

मैंने उसकी दोनों कलाई को अपने एक हाथ से जकड़ लिया।
मैं अपने होंठों से उसके मुंह को दबाये हुए था और अपने दूसरे हाथ से उसके शर्ट के बटन खोलने लगा।
जल्द ही मैंने उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिए जिससे उनकी ब्रा और ब्रा के अंदर दबे हुए उसके गोरे गोरे दूध दिखने लगे।
मैंने शर्ट के दोनों भाग को फैला दिया और उसके बड़े बड़े दूध सामने आ गए।

अब मैंने उसके होंठों को छोड़ दिया और अपना मुंह उसके सीने पर रख दिया।
मैं उसके दोनों दूध के बीच की लाइन को चूमने लगा.
लेकिन शमा जोर जोर से कहने लगी- नहीं अंकल, आपने जो कहा था वो मैंने करने दिया ना!

मैं बोला- चुप रहो, यहाँ किसी ने सुन लिया तो दिक्कत हो जाएगी. चुपचाप लेटी रहो, कुछ नहीं होगा. बस मैं तुझे प्यार ही तो कर रहा हूँ, और वैसे भी स्कूल से भागकर तू यही करने के लिए तो आई थी। अब तेरा बॉयफ्रेंड तो भाग गया. तो उसकी जगह मैंने ले ली यही समझ ले। बस थोड़ी देर लेटी रह … तुझे भी मजा आएगा।

पर अंकल … आप मुझसे बहुत बड़े हैं!”
“बड़ा हूँ तो क्या हुआ … तुझे प्यार भी तो ज्यादा करूंगा और मजा भी ज्यादा दूँगा। और तेरे बॉयफ्रेंड की तरह नहीं हूँ जो भाग गया तुझे अकेली छोड़कर … मैं किसी को पता भी नहीं चलने दूँगा और तेरा साथ भी दूँगा।”

“अंकल प्लीज!”
“बस आज बस करने दे मुझे फिर तुझे कभी नहीं बोलूंगा पक्का! एक बार बस करने दे … फिर नहीं बोलूंगा पक्का! तू चाहती है क्या की मैं तेरे घर में बात करूं? तुझे ही दिक्कत होगी फिर … सोच ले!”

शमा कुछ सोचने के बाद बोली- ठीक है … लेकिन बस एक बार ही!

बस मुझे यही तो चाहिए था कि शमा खुलकर मुझे सब दे दे।
मैंने कहा- हाँ बस एक बार!

इसके बाद शमा शांति से सीट पर लेटी रही और मैंने उसके हाथ छोड़ दिये।

अब मैंने सबसे पहले अपनी शर्ट पैन्ट निकाल दी और केवल चड्डी में हो गया।
उसके बाद मैंने शमा की शर्ट भी निकाल दी और मैं उससे लिपट गया।

मैं उसके गालों को चूमने लगा और हाथ से उसके बड़े बड़े दूध को ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगा।

उसके दूध वास्तव में काफी कड़े कड़े थे और अभी तो वो 19 साल की थी लेकिन उसके हिसाब से दूध का साइज गजब का था।

जल्द ही मैंने उसके ब्रा को भी निकालकर अलग कर दिया और उसके दोनों दूध तनकर मेरे सामने आ गए।

उसके बेहद गोरे गोरे दूध और नुकीले गुलाबी रंग के निप्पलों को देख मुझसे कन्ट्रोल नहीं हुआ और मैं उसके दूध पर टूट पड़ा।
दोनों निप्पलों को बारी बारी से चूमने के साथ साथ दोनों दूध को जोर जोर से मसलता जा रहा था।

मेरे द्वारा उसके निप्पलों को चूमने से उसके अंदर भी गर्मी बढ़ने लगी और शमा के मुँह से निकलने लगा- आह आआह अंकल आआ ओ ओह आआह मम्मीई ईई आआह बसस्स स्सस्स करो अंकल आआह!

जल्द ही शमा गर्म हो गई और वह मचलने लगी।

मैं उसके सीने को बुरी तरह से चूस रहा था और जोर जोर से दबा रहा था जिसके कारण जल्द ही उसके दोनों गोरे गोरे दूध लाल पड़ गए।

उसके दूध इतने ज्यादा गोरे थे कि उसके अंदर की नीली नीली नसें उभर कर दिख रही थी।
उसके दूध को देख मैं पागल सा हो गया था और बिना रुके बस चूसता जा रहा था।

वह कराह रही थी- आआह मम्मीईई … आआह ऊऊईईई ओओह … अंकल बससस्स करिए आआह आआह … दर्द होता है अंकल … आआह बससस्स करो!
लेकिन मैं रुकने का नाम नहीं ले रहा था।

दोस्तो, इसके आगे की कहानी आप अगले भाग में पढ़िए क्योंकि ये भाग काफी लंबा हो गया है।
आगे जानिए कि क्या मैं शमा को चोद पाया।

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