मेरी पहली गर्लफ्रेंड की यादें

(Sex With Teenage Girlfriend)

सेक्स विद टीनएज गर्लफ्रेंड का मजा मुझे गाँव में बनी मेरी दोस्त ने दिया. 12वीं का रिजल्ट आया तो वह फेल थी. मैंने उसका हौसला बढ़ाया और हम बात करने लगे। हमारे बीच प्यार हो गया और फ़िर क्या हुआ।

नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम अनिल कुमार है।
मेरी उम्र 26 वर्ष है।

यह सेक्स विद टीनएज गर्लफ्रेंड कहानी उस समय की है जब मैं अपने गाँव गर्मी की छुट्टियां मनाने के लिए गया था।
उसी समय बारहवीं का रिजल्ट आया था।

उस समय तक मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी।
तभी मेरे घर के बगल की एक लड़की जिसने उसी साल बारहवीं की परीक्षा दी थी, मेरे पास आई।
उसका नाम नीलम था।

वह मेरे पास आकर बोली– आप मेरा रिजल्ट देख दीजिए न, आपके पास मोबाइल है ना?
उस समय हमारे गाँव में टच मोबाइल कम थे।

उसने अपना रोल नंबर दिया।

मैंने रिजल्ट देखा तो वह फेल हो गई थी।
तब मैंने उसे बताया– तुम फेल हो गई नीलम!

वह इस बात को सुनकर रोने लगी।
मैंने उसके आँसू पोंछे और उसे शांत कराया।
काफी देर तक उसको शांत कराता रहा तब जाकर वह शांत हुई।

काफी देर तक मैंने उसको अपने सीने से लगाकर रखा।
कुछ देर बाद वह मेरे से बोली– अब मैं क्या करूं?
मैंने बोला– तू दोबारा से पढ़ ले!

वह बोली– एक बार तो पढ़ाने के लिए घर वालों के पास पैसे नहीं थे, अब कैसे पढ़ लूं!
मैंने उसको तसल्ली देते हुए बोला– अच्छा, पैसे की चिंता तुम मत करो! पैसे तुम मेरे से ले लेना।

यह बात सुनकर वह मेरी तरफ देखने लगी और बोली– आप मेरी मदद क्यों करना चाहते हैं?
मैंने उसको बोला– मैं किसी को दुखी नहीं देख सकता हूँ और तुम तो मेरे सामने दुखी हो रही हो।

उसने बोला– अच्छा, मैं सोच कर बताऊंगी।
मैंने उसका नंबर ले लिया और एक मिस कॉल कर दी।

थोड़े दिन बाद उसकी कॉल आई।

वह बोली– अब मैं नहीं पढूंगी!
मैंने उससे पूछा– क्यों?

वह बोली– बस अब मेरा मन नहीं है।
मैंने बोला– मैं तो चाहता था कि तुम पढ़ लो।

ऐसे ही धीरे-धीरे हमारी रोज़ बात होनी चालू हो गई।
यह बात–चित करीब 1 साल तक चली और हम एक–दूसरे को प्यार करने लगे।

वह मुझे ‘राजा’ कहकर बुलाती और मैं उसे ‘रानी’ कहकर!
कभी-कभी वह मुझे ‘जानू’ भी कहती और मैं भी उसे ‘जान’ कहता था।

कुछ दिन बाद मैं गाँव आया तो उसके घर भी गया।
उसके घर में मम्मी–पापा, दो भाई और दो बहन थी।

मैं उसके घर गया तो मौका मिलते ही मैंने उसको चूम लिया।
फ़िर वह काम करने चली गई।

जब शाम हुई तो वह मौका देखकर मेरे पास आई।
उसने मुझे आते ही चूमा और बोली– राजा, आप छत पर ही सोना।
मैंने बोला– ठीक है रानी!

लेकिन मेरे घर वालों ने मेरी खाट कमरे में डाल दी और पंखा चालू कर दिया।
पर बाकी सभी छत पर अपनी-अपनी खाट लेकर सोने लग गए।

तभी रात के 9:00 बजे लाइट चली गई और मुझे मौका मिल गया।
घर वाले सभी सो गए थे परंतु हम दोनों नहीं सोए थे।

हमारे घर सटे हुए थे तो मैं तरप कर उसके छत पर चला।
वह वहीं छत पर खाट लगाकर सोई हुई थी।
वह मेरे से बात नहीं करना चाहती थी क्योंकि वह नाराज हो गई थी।

तभी मैंने उसको चूम लिया और सॉरी बोला!
वह बोली– आप बोल नहीं सकते थे कि मैं छत पर सोऊंगा।

मैं बोला– सॉरी जानू, पर मैं क्या कह सकता था। मम्मी–पापा ने कमरे में ही सोने को बोला तो फ़िर मैं क्या कर सकता था।
थोड़ी देर मनाने के बाद वह मान गई।
फ़िर मैंने उसको बोला– मैं अपना खाट इधर ही लेकर आता हूँ।

मैं खाट लेकर ऊपर छत पर आ गया और उसके करीब में अपनी खाट लगा दी।
फ़िर हम दोनों अपने–अपने छत पर खाट पर लेट गए।

कुछ देर बाद वह इधर–उधर देखी और जब वह संतुष्ट हो गई की सभी कोई सो गए है और कोई भी जोखिम नहीं है तब वह अपनी खाट छोड़कर मेरी खाट पर आकर लेट गई।

हम दोनों एक–दूसरे के शरीर को छूने लगे।
फ़िर एक–दूसरे को हम चूमने लगे।

मैं उसके चूची को दबाने लगा।
मेरा लंड खड़ा हो गया।

मैंने उसको बोला– रानी, नीचे कमरे में चलो ना, यहां पर सब लोग सो रहे हैं।
हम उसके घर के नीचे वाले कमरे में आ गए।

नीचे कमरे का दरवाज़ा बंद करते ही मैंने उसके कपड़े को उतार दिया।
फ़िर उसकी चूचियों को दबाना चालू कर दिया।

कुछ देर बाद वह नीचे बैठ गई और मेरे पैंट को खोलकर लंड बाहर निकाली और लंड को चूसने लगी।

मेरे लंड को 2 मिनट ही चूसा होगा उसने … फ़िर बोली– राजा, अब डाल दो!
तभी मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उसकी चूत में लंड डालने लगा।

उसकी चूत बहुत कसी थी।
इस कारण से लंड फिसल जा रहा था।

तभी मैंने थोड़ा सा थूक लगाया और उसकी चूत में लंड डाल दिया।
वह दर्द से रोने लगी।

मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और वह मछली की तरह फड़फड़ाने लगी।
वह मेरे से हाथ जोड़कर बोली– राजा, 5 मिनट के लिए छोड़ दो! मैं वापस आ जाऊंगी।

मुझे भी उस पर तरस आने लगा और मैंने उसको छोड़ने का फैसला लिया।
लेकिन तभी मेरे दिमाग में एक बात आई कि अगर यह डर गई और वापस नहीं आई तो मैं ऐसे ही रह जाऊंगा।

फ़िर मैं थोड़ी देर शांत हो गया और उसको चूमने लगा।
थोड़ी देर बाद उसको थोड़ा आराम मिला और मैंने अपना काम चालू कर दिया।

वह सिसकारियां लेने लगी– राजा … हाय राजा!

मैंने बोला– हाँ, मेरी जान! कैसा दर्द हो रहा है?
वह बोली– मुझे बहुत मीठा–मीठा दर्द हो रहा है और मजा भी आ रहा है! मुझे नहीं पता था कि इस काम में इतना मजा आता है नहीं तो मैं आपको पहले ही बुला लेती!

ऐसे करते–करते 20 मिनट बीत गए।
फ़िर मैं और वह दोनों साथ में झड़ गए।

मैं उसके ऊपर से हटा और उसकी चूचियों को चूसने और चूमने लगा।

कुछ देर बाद वह बिल्कुल नॉर्मल हो गई और बोली– राजा, मुझे छत पर ले कर चलो, मेरे से खड़ा नहीं हुआ जा रहा है!

मैंने उसको अपनी गोदी में उठाया और ले जाने लगा।

तब वह बोली– कपड़े तो पहनने दो!

फ़िर उसको मैंने कपड़े पहनाए और खुद भी पहने; फ़िर छत पर लाकर उसको खाट पर लिटा दिया।

तभी अचानक से लाइट आ गई और वह बोली– प्लीज, आप मेरे पास ही सो जाओ, आप अंदर मत जाओ!

मैंने उसके ऊपर हाथ फेरा, उसे चूमा और बोला– रानी, तुम परेशान मत हो! मैं यहीं पास में ही सोऊंगा लेकिन मैं अपनी खाट पर सोऊंगा।

सेक्स विद टीनएज गर्लफ्रेंड का मजा लेने के बाद मैं अपनी छत पर आकर खाट पर सो गया।

फ़िर वह थोड़ी ऊंची आवाज में बोली– मैं आपके ही साथ सोऊंगी!

मैं उठकर उसके पास गया और बोला– नहीं जानू, अगर कोई रात में देख लेगा तो क्या बोलेगा?

सुबह जब मेरी नींद खुली तो वह वहीं अपने छत पर खाट पर लेटी हुई थी।

मुझे देखते ही वह गोली– राजा, बहुत दर्द हो रहा है, क्या करूं?
मैंने उसको बोला– मैं अभी दवा ला कर देता हूँ।

मैं दवा लेकर आया और सबसे छुपकर उसे दवा दे दी।

तभी वह मेरे गले लग गई और बोली– मेरे राजा, आप मुझ छोड़ तो नहीं दोगे?
मैंने कहा– मेरी जान, तू पागल तो नहीं हो गई है, मैं तेरे को क्यों छोडूंगा?

वह बोली– मुझे आपके साथ ही रहना है और आपसे ही शादी करनी है!
मैंने उसको बोला– ठीक है!

फ़िर जब मैं शहर जाने लगा तो एक बार और उसके साथ सेक्स किया।
उसके बाद जब भी वह बुलाती थी, मैं चला आता था।

1 साल तक हमारा रिलेशन चलता रहा लेकिन अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई।
मुझे जैसे ही पता चला मैं दिल्ली से तुरंत घर आ गया।

घर पहुँचते ही मैं उससे मिलने चला गया।
वह हमारे जिले के अस्पताल में भर्ती थी।

मैं वहां पहुँचा और उससे मिला।
फ़िर मैंने उससे पूछा– यह सब कैसे हुआ?
वह बोली– कुछ दिन से मेरी तबीयत खराब थी और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। एक दिन अचानक मेरी तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो मुझे सब यहां लेकर आ गए!

1 महीने तक इलाज चलने के बाद भी हम लोग उसको बचा नहीं सके और उसकी मृत्यु हो गई।

तब से आज तक 5 साल हो गए है मैंने किसी और लड़की से प्यार नहीं किया क्योंकि वह मुझे बहुत पसंद थी!

मैं उससे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था, मुझे उसकी कमी बहुत महसूस होती है!
कभी-कभी ऐसे लगता है कि वह मेरे पास में ही है।

पर अब मुझे लगता है कि मुझे भी किसी और लड़की के साथ रिलेशन बनाना चाहिए।
कभी-कभी तो रात को 2:00 बजे तक मुझे नींद नहीं आती है और मैं उसको ही याद करता रहता हूँ।

मेरे साथ घटी यह सच्ची घटना है।
दोस्तो, आप लोग बताओ क्या मुझे अब शादी कर लेनी चाहिए या नहीं!
इस सेक्स विद टीनएज गर्लफ्रेंड का मजा कहानी पर भी अपना कीमती सुझाव आप जरूर दें।
धन्यवाद!
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