बेटी बनी बाप की रखैल- 2

(Nude Teen Girl Hot Kahani)

न्यूड टीन गर्ल हॉट कहानी में पढ़ें कि विधुर बाप की कामुक नजरें कमसिन जवान बेटी के सेक्सी बदन पर थी. बेटी को भी अपने पापा की मंशा का आभास हो गया था और …

कहानी के पहले भाग
बाप ने बेटी को बॉयफ्रेंड संग नंगी देखा
में आपने पढ़ा कि विधुर राजेश की वासना से भरी निगाहें उसकी कमसिन जवान बेटी के सेक्सी जिस्म पर टिकने लगी थी. बेटी को भी इस बात का आभास हो चुका था और वो अपने पापा के इस ख्याल से रोमांचित थी.

एक लंबा सांस खींचते ही उसके फेफड़े अपनी बेटी की चूत की महक से भर गए।

“क्या स्वीटी चुदने लगी है?”
सिगरेट के काश के साथ ‘आहह हहह’
“नहीं यार … अभी तो छोटी है!
एक काश और ‘आहह हहह!’

राजेश ने हर सांस के साथ पैंटी को सूंघते हुए सिगरेट खत्म कर दी।

अब आगे न्यूड टीन गर्ल हॉट कहानी:

पैंटी को वापस उसी जगह डालते हुए वो स्वीटी के कमरे की तरफ बढ़ा।

दरवाज़े को हौले से धकेलते हुए जैसे ही उसकी नज़र स्वीटी पर पड़ी उसके होश उड़ गए।

उसने कमरे के अंदर दो कदम और आगे बढ़ा दिए.

स्वीटी की स्कर्ट ऊपर उठ के उसके पेट पर पड़ी थी और सफेद चिकनी जाँघों के बीच सफाचट चूत हीरे सी चमक रही थी।
उसकी बेटी का टॉप भी ऊपर खिसका हुआ था जिसमें से एक चूचा पूरी तरह बाहर था।

यह नज़ारा देख राजेश को जैसे सांप सूंघ गया।
वो बुत बना खड़ा एकटक नंगी सो रही अपनी बेटी के अधनंगे बदन को निहारे जा रहा था।

उसका ध्यान जब टूटा जब लंड ने अकड़ कर लोअर का टेंट बना दिया।
ध्यान टूटते ही तुरंत राजेश ने यू टर्न लिया और कमरे से बाहर आ गया।

वो वहीं दीवार से लगा सोचने लगा कि आखिर करे तो क्या करे।
इस हालत में बेटी को देखना भी गलत लग रहा था और साथ ही अपने कमरे में लौट जाने को भी कदम नहीं पड़ रहे थे।

बहुत देर सोच विचार करने के बाद उसके विवेक और मर्यादा ने लंड के कड़कपन के आगे घुटने टेक दिए।

राजेश वापस कमरे में घुसा और स्वीटी के नज़दीक जाकर खड़ा हो गया।
उसने हौले से स्वीटी को पुकारा।
बहुत धीरे … सिर्फ इतना तेज की अगर सो रही हो तो नींद न टूटे और जग रही हो तो पता चल जाये।

लगातार 3 आवाज़ देते हुए राजेश बेड पर बैठ गया।

चौथी बार आवाज़ देने के साथ उसने स्वीटी के सिर पर हाथ फिरा दिया।

इतने पर भी स्वीटी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न देखकर राजेश की हिम्मत बढ़ गयी।

अपने प्लान के तहत राजेश ने आगे बढ़ते हुए स्वीटी के पेट पर हाथ रखते हुए उसकी स्कर्ट नीचे कर दी।

कपड़े ठीक करना तो बहाना था, वो तो पूरा हाथ भर के अपनी बेटी का जिस्म सहलाना चाहता था।

खुली हथेली से उंगलियां फिराकर पूरा पेट नापते हुए राजेश का हाथ ऊपर बढ़ने लगा।

गर्म मखमली नर्म चूचे को छूते ही राजेश के जिस्म में जैसे करंट दौड़ गया।
उसकी धड़कन जैसे रुक सी गयी।

राजेश का पूरा ध्यान स्वीटी की छाती पर था।
वो इस पल को कभी भूलना नहीं चाहता था।
ऐसा मौका कभी दोबारा मिले या न मिले इसलिए वो इस हर पल को अपने ज़ेहन में कैद कर लेना चाहता था।

उसने दोनों हाथ बढ़ा कर स्वीटी के एक चूचे को बहुत हल्के से पकड़ा, अंगूठे से उसके निप्पल को सहलाया।
दूसरे हाथ से उसने उसका टॉप सरका कर दूसरा चूचा भी बाहर निकाल लिया।

राजेश ने दोनों हाथों में एक एक चूचे को पकड़ कर आंखें बंद कर ली।
उसे अहसास हुआ जैसे स्वीटी की माँ डॉली के चूचे पकड़े हों।

एक पल के लिए वो भूल गया और झुक कर उसने अपना मुंह दोनों चूचों के बीच रख दिया।
कभी दरार के बीच नाक फंसा कर उसके जिस्म की खुशबू लेता तो कभी दोनों निप्पल को सहलाता।

स्वीटी के चूचे उसकी उम्र से बड़े थे।
शरीर का भराव उसकी माँ पर गया था।

पतली कमर पर 34 इंची चूचे पाकर राजेश जैसे पागल हो गया था।
वो वर्तमान को पूरी तरह से भूल चुका और भूतकाल में डॉली को याद कर के कभी स्वीटी के चूचे दबाता तो कभी चाटता। निप्पल को मुँह में लेकर चूसता तो कभी दांतों से चुभलाता।
ऐसा लग रहा था जैसे सालों बाद डॉली लौट आयी हो और आज राजेश अपनी सारी हसरतें पूरी कर लेना चाहता हो।

स्वीटी के निप्पल थूक में भीग जाने के बाद ए.सी. की हवा से सिकुड़ कर तन गए थे जिसकी वजह से राजेश को और मज़ा आ रहा था।

चूचों पर लगा थूक ए.सी. की वजह से स्वीटी को ठंडा लगने लगी थी और उधर राजेश दीवानों की तरह स्वीटी को खा जाना चाहता था।

इस सब जद्दोजहद के बीच स्वीटी की गहरी नींद टूट गयी।
अपने ऊपर अचानक से किसी को इस तरह से झुका देख वो बहुत डर गई और अचानक से पलटी।

साथ ही उसे अहसास हुआ कि ये कोई और नहीं उसके पापा हैं।
उसे समझ नहीं आ रहा था वो कैसे रियेक्ट करे।
स्वीटी को जैसे सांप सूंघ गया; वो लाश की तरह ऐसे ही पड़ी रही।

स्वीटी के अचानक इस तरह हिलने से राजेश भी बहुत डर गया था, उसके माथे पर पसीना साफ नजर आ रहा था।

जब कुछ देर स्वीटी नहीं हिली तो राजेश को लगा शायद नींद में ही करवट ली होगी।
उसने अपने माथे से पसीना पोंछा और स्वीटी के बगल में लेट गया।

छाती के आगे रखी कोहनी को उसने आराम से उठा कर ऊपर खिसका दिया।
जिससे दोनों का फायदा हो गया।
राजेश का चूचों तक पहुंचने का रास्ता साफ हो गया और स्वीटी का मुँह हाथ से ढक गया।
अब राजेश स्वीटी के चेहरे पर आने वाले भावों को नहीं देख सकता था।

स्वीटी जानती थी कि उसका बाप उसके जिस्म के उभारों को कपड़ों के ऊपर से निहारता है।
लेकिन आज वही बाप कपड़ों की दीवार हटा कर उसके उभारों से खेल रहा था।

यह ख्याल स्वीटी के जिस्म को रोमांच से भर गया, उसके चूचे तन गए और निप्पल कड़क हो गए।
स्वीटी का दायें वाला निप्पल करवट के नीचे आ चुका था इसलिए अब एक ही चूचे से काम चलाना था।
राजेश ने आगे बढ़ कर लेफ्ट निप्पल को होंठों में पकड़ लिया।

स्वीटी ने पूरी ताकत से होंठ भींच लिए और आंखें बंद कर ली।
वो ऐसी कोई हरकत नहीं करना चाहती थी जिससे राजेश को पता चले कि उसकी बेटी जग रही है।

साथ ही उसके मन में कौतूहल चल रहा था कि उसका बाप ऐसा क्यों कर रहा है।
उसे लगा था पापा को बस ऐसी कहानियां पढ़ने का शौक है। उसने कभी नहीं सोचा था उसके प्यारे पापा अपनी खुद की बेटी के साथ ये सब करने की इच्छा रखते होंगे।

राजेश ने लेटे हुए ही अपना हाथ बढ़ा कर स्वीटी की जांघ पर रख दिया और सरकाते हुए चूतड़ तक ले आये।

स्कर्ट को रास्ते से हटाने के बाद पूरी हथेली खोल कर स्वीटी के चूतड़ को हाथ मे भर लिया और निप्पल को चूसते हुए गांड की दरार के उंगली फिराने लगा।

राजेश की ये हरकतें स्वीटी को पागल कर रही थी साथ ही कहीं न कहीं सामाजिक बंदिशें उसे याद भी दिला रहीं थी कि कोई बाप अपनी बेटी का सोते हुए फायदा कैसे उठा सकता है।
लेकिन अब भी स्वीटी फैसला नहीं कर पाई थी आखिर वो इस परिस्थिति का सामना किया प्रकार करे।
वो दांत भींचे चुपचाप अपने पापा की हरकतों का मजा लेती हुई पड़ी रही।

राजेश अचानक अपनी जगह से उठा और स्वीटी के पीछे आकर बैठ गया।
अब स्वीटी राजेश को नहीं देख सकती थी लेकिन स्वीटी के भरे हुए चूतड़ों को राजेश साफ देख सकता था।

राजेश ने न्यूड टीन गर्ल के दोनों चूतड़ों पर हाथ फिराया और बारी बारी दोनों को चूमा।
अब स्वीटी देख नहीं पा रही थी तो राजेश का हर एक स्पर्श उसके लिए नया था।

स्वीटी नहीं जानती थी कि राजेश ने अपने जिस्म से लोअर निकाल फेंका है और उसकी गांड से आधा फुट दूर उसके बाप का लौड़ा पूरी ताकत से तना खड़ा है।

राजेश ने 10-12 झटके अपने लंड पर लगाये ओर झुक कर स्वीटी की नंगी कमर चूमने लगा।
चूमते हुए वो नीचे आता गया और अब लगातार अपनी जवान बेटी के दोनों चूतड़ों को चूम रहा था, दांतों से हल्का हल्का पकड़ भी रहा था।

उसने दोनों हाथों से चूतड़ों को फैलाया और दरार में अपना मुँह घुसा दिया।

राजेश के ऐसा करते ही स्वीटी चौंक गई।
उसने इतनी उम्मीद नहीं की थी।

उसकी हालत खराब हो रही थी, चूत से रस बह रहा था।
उसे डर था कि कहीं चूत का गीलापन उसकी पोल न खोल दे।

राजेश ने एक लंबी सांस खींची और बड़े ही आनंद भरी आवाज़ में बोला- डॉली मेरी जान, आई लव यू। तेरी बेटी में तेरी हर खूबी भरी हुई है। वही चूचे, वही गांड, वही खशबू … आह!
इतना कह कर राजेश फिर झुका और गांड के छेद पर अपनी जीभ टिका दी।

स्वीटी के लिए बाप के हमले अब बर्दाश्त के बाहर थे। स्वीटी अपना आपा कभी भी खो सकती थी।

राजेश लगातार उसकी गांड की पूरी दरार में जीभ फिरा रहा था।
वो दोबारा भूल गया था कि उसकी बेटी सो रही है; वो डॉली के नशे में चूर लगातार चाटे जा रहा था।

स्वीटी को लगा कि अगर अब ये नहीं रुके तो किसी भी पल वो झड़ जाएगी और सारा भंडा फूट जाएगा।
वो अब तक भी फैसला नहीं कर पाई थी कि इस परिस्तिथि में कैसे पेश आया जाए।

जब उसे कुछ नहीं सूझा तो उसने अचानक खांसने की एक्टिंग चालू कर दी जैसे सोते सोते खांसी उठी हो।

स्वीटी की इस हरकत से राजेश को होश आया।
उसे लगातार खांसती देख कर राजेश को लगा अब वो पकड़ा जाएगा और बहुत गड़बड़ हो जाएगी।

राजेश ने अपना लोअर उठाया और वो नंगा ही कमरे से बाहर निकल गया।

उन्हें भागता देख स्वीटी को पता लगा कि पापा नंगे थे उसके पीछे!
‘पापा नंगे क्यों थे?’
“क्या पापा मुझे चोदने वाले थे?”
‘नहीं नहीं, मुठ मार रहे होंगे मुझे नंगी देख कर!’

स्वीटी के पापा थोड़ी देर पहले उस के बगल में नंगे बैठ कर उसकी गांड चाट कर मुठ मार रहे थे।
यह ख्याल उसको पागल कर रहा था।

उसकी चूत पहले से ही बह रही थी।
उसने फिर दो उंगली अपनी चूत में डाली और पानी निकाल दिया।

जिस्म को ठंडा करने के बाद स्वीटी को ख्याल आया कि ‘पापा मेरी गांड चाटते समय मम्मी का नाम ले रहे थे।’
‘पापा मम्मी से बहुत प्यार करते हैं।’
‘मम्मी के मरने के बाद पापा अकेले हो गए हैं।’
‘मैं मम्मी जैसी लगती हूँ इसीलिए पापा मेरे करीब आते हैं।’

अब स्वीटी को अपने बाप पर दया आने लगी थी।
उसकी नज़र में जो 2 – 4% राजेश गलत था अब उसकी कोई गुंजाइश नहीं थी।
इन्ही सब ख्यालों में स्वीटी को नींद आ गयी।

उधर राजेश भी अपने लन्ड को ठंडा कर ओर अपनी आज की बेवकूफी के लिए खुद को कोस कर सो गया।

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