सौतेली बहन ने मुझे अपनी वासना के जाल में फंसाया

(Nude Sister Porn Kahani)

न्यूड सिस्टर पोर्न कहानी में मेरी मम्मी की दूसरी शादी तो मैं अपने सौतेले पिता के यहां रहने लगा। उसकी बेटी यानी मेरी सौतेली बहन बहुत हॉट थी! मैं उसकी चूत मारने की फिराक में था लेकिन वो मुझसे आगे निकली!

दोस्तो, मेरा नाम विजय है। मैं 24 साल का हूं, और दिल्ली में रहता हूं।

बिना आपका समय गंवाए मैं अपनी न्यूड सिस्टर पोर्न कहानी शुरू करता हूं।

सालभर पहले मेरी मम्मी की दूसरी शादी हुई थी और हम लोग एक बड़े घर में शिफ्ट हो गए।
यह घर काफी बड़ा और आलीशान था।
यहां पर मेरे मम्मी के नए पति यानि मेरे सौतेले पापा रहते थे।

नए घर में मुझे एक सौतेली बहन भी मिल गई।
देखकर लगता था कि वो बस अपने में ही रहती है और किसी से ज्यादा बात नहीं करती है।

उसके चेहरे पर कोई भी भाव नहीं दिखता था।
लेकिन बॉडी से वो बहुत हॉट थी।

उसको हमारा उसकी जिंदगी में आना शायद पसंद नहीं आया था इसलिए वो मुझसे और मेरी मम्मी से नफरत सी करती थी।

तो समझौता ये हुआ था कि हम उसकी जिंदगी में कोई दखल न देंगे, और वो भी हमसे दूर रहेगी।

उसका नाम कविता था। उसने नाक बिंधवाई हुई थी।
कविता रंग से गोरी थी और उसे शॉर्ट्स के साथ में बिना बाजू के टॉप पहनना पसंद था।

लेकिन उसे ऐसे हाल में देखकर मेरे लिए इस घर में चैन से रहना बहुत मुश्किल था।
उसकी गोल-गोल तनी हुई चूचियां उसके बदन की जैसे तारीफें करती थीं। उसकी त्वचा जैसे मलाई सी चिकनी और फूल सी कोमल लगती थी देखने में … छुओ तो जैसे रेशम हो।

वह छोटे बाल रखती थी जो चलते हुए उछाल खाते थे।
चलते हुए उसकी सेक्सी गांड का मटकना और साथ में बालों का उछलना किसी को भी पागल कर सकता था।

काफी दिनों तक मैंने कंट्रोल किया लेकिन अब रहना मुश्किल होता जा रहा था।

अभी कुछ महीने पहले की बात है कि मैं हवस के वश में होकर उसके रूम में घुस गया।

मैंने सोचा कि उसके बदन की खुशबू सूंघते हुए मुठ मारूंगा।
जल्दी से मैं रूम में घुसकर उसके पहने हुए कपड़ों को ढूंढने लगा।

वहीं पर मुझे नंगी मैग्जीनों का पिटारा मिला।
वे सारी पोर्न मैग्जीन लेस्बियन सेक्स से भरी थीं।

मुझे समझते देर न लगी कि मेरे हाथ एक खजाना लग गया है।
तुरंत मेरे दिमाग में अपनी स्टेप सिस्टर की चुदाई के प्लान का खाका खिंच गया।

मुझे अब पता था कि मुझे बहन की चुदाई कैसे करनी है।
अगले ही दिन मैंने उसके पास एक ईमेल भेजा।
यह ईमेल आईडी किसी अनजान नाम से मैंने बनाया था।

ईमेल में मैंने उसे भारत की पॉपुलर इंडियन कैम गर्ल साइट www.dscgirls.live का लिंक भेज दिया।
अब मैं देखना चाहता था कि वह इसे देखकर क्या करती है।

उसके कमरे में मैंने एक स्पाई कैमरा लगा दिया था ताकि मैं उसकी हरेक हरकत को अपने फोन में लाइव देख सकूं।

कई दिन बीत गए लेकिन उसने ऐसी कोई हरकत नहीं की।

आखिरकार एक रविवार को कुछ हुआ।
उस दिन मेरे पापा और मम्मी कहीं बाहर गए हुए थे। मैं कैमरे के जरिए कविता के रूम में नजर रख रहा था।

तभी मैंने देखा कि उसने लैपटॉप में कुछ ओपन किया।
कुछ देर वो स्क्रॉल करती रही और फिर रुक गई।
शायद वो DSC वेबसाइट पर किसी कैम गर्ल को ही देख रही थी।

फिर वो उठी और क्रेडिट कार्ड लेकर आई।
तो मैं समझ गया कि यह वीडियो सेक्स चैट के लिए क्रेडिट खरीद रही है।

मैं उसके रूम में हो रही आवाजों को भी साफ सुन सकता था।

जल्द ही उसने क्रेडिट खरीद लिए और लैपटॉप के सामने बैठ गई।
वह कुछ उतावली सी लग रही थी जैसे कोई खजाना उसे लैपटॉप में दिख गया हो।

जल्द ही उसने अपने टॉप को ऊपर उठा लिया और निप्पलों को मसलने लगी।
वह लैपटॉप में देखकर हल्के से हँस भी रही थी।

उसने फिर अपनी उंगलियों को मुंह में डाला और सपाट पेट पर से फिराते हुए नीचे शॉर्ट्स में ले गई।

ये सब देखकर मैं तो गर्म होता जा रहा था।
मैं भी वहां जाना चाहता था और उसकी गीली चूत को हाथ से सहलाना चाह रहा था लेकिन मैंने अभी खुद को कंट्रोल करके रखा।

चूत पर हाथ फिराते हुए अब उसकी सिसकारियां भी मुझे कैमरा में सुनाई दे रही थीं।

अगले ही पल उसने अपना टॉप उतार फेंका और उसकी चूचियां नंगी हो गईं।
वह जोर जोर से अपने निप्पलों को मसलने लगी।

कविता- ओह, तुम्हें मजा आ रहा है इसमें बेबी? मैं अपने बदन को ऐसे सहलाती हूं तो तुम्हें अच्छा लगता है?

अब वह कैमरा में देखते हुए और भी कामुक बातें करने लगी।
उसने अपने शॉर्ट्स भी उतार दिए थे।

अब मैं नहीं रुक सकता था और मैं बिना एक पल सोचे उसके रूम पर जा पहुंचा।

दरवाजे पर पहुंचकर मैं दो पल रुका और फिर अंदर घुस गया।
मैं देखना चाहता था कि कैसे मेरी नंगी सौतेली बहन अपनी चूत में उंगली देकर बैठी है।

कविता बिना हैरान हुए कामुक स्वर में- आह्ह, आ जाओ … और दरवाजा बंद कर दो, इडियट!
मैं- मैंने ऑनलाइन तुम्हें चूत में उंगली करते हुए देखा अभी! क्या कहोगी अब?

कविता लगातार चूत में उंगली चलाते हुए- मोनिका, मेरे सौतेले भाई को हैलो कहो!

मैंने देखा वेबकैम पर एक सुपर हॉट इंडियन मॉडल मोनिका थी।
यह वही मॉडल थी जिसकी प्रोफाइल मैंने कविता को ईमेल में भेजी थी।

उसने मुझे हैलो किया और मैंने भी उसकी तरफ हाथ हिलाकर हैलो किया।

वह नंगी बैठी थी और मुझे देखकर उसने अपनी टांगें खोल लीं और पीछे पीठ टिकाकर बैठ गई।
मोनिका- हम तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे।
मैं- क्या मतलब?

कविता ने चूत में उंगली करना बंद किया और उठकर मुझे पकड़ लिया।
फिर मुझे कुर्सी पर धकेल कर मेरी गोद में आ बैठी।

वह नंगी थी और उसका कोमल बदन मेरे गालों से छू रहा था।
उसकी मादक खुशबू मेरी नाक में भर गई।
उसकी चूचियां मेरे गालों पर छू रही थीं।
मेरा लंड एकदम से आकार में आकर तन गया।

कविता मुस्कराते हुए- लगता है अब तुम्हारा लंड भी इस पार्टी को जॉइन करने के लिए रेडी है, हम्म?
मैं- लेकिन ये सब चल क्या रहा है?
कविता- मैं कई दिनों से देख रही थी कि तुम्हारी नजर मेरी गांड पर है। मुझे यह भी पता है कि तुम मेरे रूम में ताका-झांकी करने आते हो। इसलिए वो लेस्बियन मैग्जीन मैंने तुम्हारे लिए ही रखी थीं।

मैं- रुको … तो मतलब तुम लेस्बियन नहीं हो?
कविता हंसते हुए- नहीं बेबी … मैं तो बायसेक्सुअल हूं। मुझे लड़का, लड़की दोनों ही के साथ सेक्स करना अच्छा लगता है, दोनों ही चाहिएं। और तुम्हें मेरी गांड बहुत पसंद है, है न?
मैं- हां शायद … मुझे अब जाना चाहिए!

कविता- शायद? शायद नहीं, ऐसा ही है बेबी … तुम्हें अपनी इस बहन को यहां बेड पर गिराकर हमारी दोस्त मोनिका के सामने चोद देना चाहिए।

मोनिका अपनी चूत को सहलाते हुए- मुझे भी यही लगता है कि तुम दोनों को चुदाई का मजा लेना चाहिए। नए दोस्त बनाने का यह तरीका मुझे सबसे ज्यादा पसंद है।

अब तो चुदाई का माहौल सच में बहुत कामुक बन गया था।

मैंने कविता की कामुक मुस्कान को देखा और उसकी चूचियों को थाम लिया।

जैसे ही मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरा उसने एक गहरी सांस अंदर खींची।
उसने अब मुझे अपनी तरफ खींच लिया, मेरी शर्ट उतार डाली और मुझे जोर से किस करने लगी।
वह मेरे मुंह में ही कामुक सिसकारी ले रही थी।

फिर उसने मेरी पैंट खोल दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया।
अब हमारे बदन पर कुछ नहीं बचा था सिवाय कविता की चूत पर सफेद जालीदार पैंटी के!
जाली वाली पैंटी के अंदर से उसकी चूत की झलक मिल रही थी।

उसकी चूत की शेप पैंटी में साफ नजर आ रही थी।
चूत के मुंह पर पैंटी के ऊपर गीला धब्बा हो गया था।

मेरा मन उस गीले धब्बे को चाटने का कर रहा था ताकि मैं अपनी बहन की चूत के पानी का स्वाद ले सकूं।

वह अब पैंटी समेत चूत को मेरे लंड पर रगड़ रही थी।
मेरी सिसकारी निकलने लगी थी- आह!

मैंने लैपटॉप की स्क्रीन पर देखा तो मोनिका ने तीन उंगली अपनी चूत में डाल लीं।
यह देखकर मेरे लंड ने उत्तेजना में एक जोर का झटका दे दिया।

मोनिका टांगें खोले चूत में उंगली चलाने लगी।
अब इस सब में और भी ज्यादा मजा आने लगा था।

कविता ने बेड पर लैपटॉप को साइड में रख दिया और मुझे नीचे गिरा लिया।
वह आकर मेरे ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत को पैंटी समेत लंड पर रगड़ने लगी।

मैं हक्का बक्का सा था और चेहरे पर वासना चढ़ती जा रही थी।
कविता को मेरा ऐसा चेहरा देखकर बहुत मजा मिल रहा था- तुम बहुत क्यूट और भोले हो!
कहकर वो हंस दी- कितने दिनों से तुम मेरे पीछे पागल घूम रहे थे … आह्ह … और तुम्हें बस इतना करना था कि आकर मुझे तुम्हारे मुंह पर बैठने को कह देते।

मैं- बैठ जाओ मेरे मुंह पर!
कविता शैतानी मुस्कराहट के साथ- ठीक है!

तब कविता मेरे मुंह पर पैंटी समेत चूत टिकाकर बैठ गई।
माय गॉड! बहुत ही नशीला अहसास था यह!

बैठते ही उसने अपनी जालीदार पैंटी को साइड में खींच दिया और मेरी जीभ एकदम से उसकी चूत पर जा लगी।
मैं उसकी चूत में जीभ डालकर उसका स्वाद लूटने लगा।

कविता की चूत गीली होकर माल से लसलसी हो चुकी थी जिसे चाटने में मुझे जन्नत का मजा आ रहा था।
वह मस्ती में सिसिया उठी- अम्म्म … स्स्स … आह्ह!

मैं पूरी शिद्दत से अपनी सौतेली बहन की चूत को खाने की कोशिश कर रहा था ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा मजा दे सकूं।

उसने अपनी चूचियों को खुद ही अपने हाथों से भींचना शुरू कर दिया और गर्दन पीछे लटका कर मेरे मुंह पर चूत को धकेलने लगी जैसे कि चूत को मेरी जीभ से चुदवा रही हो।

फिर जोश में आकर उसने मेरे सिर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे अपनी दोनों जांघों के बीच में भींच दिया।
मेरे लिए अब यह अनुभव स्वर्ग से भी ज्यादा रसीला हो गया था।

उसने मेरे मुंह को थाम लिया और उसकी जांघें कांपने लगीं।
मैंने भी मुंह को और अंदर घुसेड़ दिया और उसकी गीली चूत में और गहराई तक जीभ चलाने लगा।

मोनिका चूत में उंगली करते हुए- शिट! काश … कोई मेरी भी चूत को ऐसे ही खा रहा होता! कितना कामुक बंदा है ये!
मैं- तुम भी मेरे मुंह पर चूत टिकाकर बैठना चाहती हो क्या?

यह सुनकर मोनिका ने कैमरा को चूत के पास कर लिया और उस पर झुक गई जैसे कि मैं उसकी चूत को चाट रहा हूँ।
वह तेजी से चूत को सहलाते हुए सिसकारियां भर रही थी।

इतने में कविता ने मेरे लंड को पकड़ लिया।
मैंने नीचे देखा तो उसका मुंह मेरे लंड पर झुक रहा था और अगले ही पल लंड उसके मुंह में था।
वह मेरे लंड को मस्ती में चूसने लगी और मैं आनंद में पागल सा होने लगा।

मोनिका भी यह देखकर खुद को रोक नहीं सकी और उसका पूरा बदन वासना के वश होकर कांपने लगा- ओह येस! चूसो इसके लंड को! प्लीज! बहुत मस्त हो तुम! कितना मस्त लौड़ा है इसका … आह्ह अपने रसीले होंठ फिराओ इस पर … आअह्ह … मैं भी छूटने वाली हूं!

कविता कामुक सिसकारियां भरती हुई मेरे लंड को चूस-चाट रही थी।
फिर उसने मेरे टोपे को चूस डाला जिससे मैं आनंद विभोर हो गया।

कविता के मुंह से लार और मेरा प्री-कम मिलकर एक लसलसे मिश्रण के रूप में टपक रहे थे जिसे देखकर मोनिका के बदन में अकड़न आने लगी।

इतने में मैंने कविता के मुंह को लंड पर दबा दिया और गले तक फंसा कर चोदने लगा।
मोनिका हांफती हुई पीछे बैठकर ये सब देखने लगी।

मैं- ओह्ह फक … आह्ह येस … आह्ह येस … चूसो … चूसो इसे!

हम आनंद में गोते लगा रहे थे कि इतने में ही नीचे के मेन डोर की बेल बज गई।
सारा मजा एकदम से खाक हो गया।

फटाक से हमने लैपटॉप बंद किया और एक-दूसरे को गुडबाय वाली किस देकर अलग हो लिए।

जल्दी से दोनों ने कपड़े पहने और नीचे की तरफ दौड़े।
मम्मी-पापा रास्ते में से ही लौट आए थे, ट्रिप कैंसिल हो गई थी उनकी!

सौतेली बहन की चुदाई का मजा अधूरा रह गया था दोस्तो!

मैं जल्द ही इस न्यूड सिस्टर पोर्न कहानी का दूसरा भाग आपके लिए लेकर आऊंगा।
लेकिन उसके लिए आपको इस कहानी पर अपना फीडबैक देना होगा।
फीडबैक के आधार पर ही मैं बहन की चुदाई की कहानी को आगे बढ़ाऊंगा।
आप मुझे कमेंट्स में जरूर अपना फीडबैक दें।

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