मस्त लड़की ने मुझे बनाया अपना शूगर डैडी- 5

(Hotel Room Xxx Story)

होटल रूम Xxx स्टोरी में 45 साल के मर्द साथ 20 साल की एक जवान लड़की सेक्स का मजा ले रही है. उसकी सील बन्द चूत खुल चुकी है. उसके बाद क्या क्या हुआ?

साथियो, मैं राहुल श्रीवास्तव अपनी सेक्स कहानी के अंतिम भाग को लेकर हाजिर हुआ हूँ.
कहानी के पिछले भाग
शुगर डैडी से चुदवाई कुंवारी चूत
में अब तक आपने पढ़ा था कि आदिरा मेरे साथ होटल के कमरे में थी और मेरे लौड़े से चुद कर उसने अपनी सीलपैक चूत की झिल्ली फड़वा ली थी और निढाल पड़ी थी.

अब आगे होटल रूम Xxx स्टोरी:

आदिरा को चोदने के बाद अपने चिपचिपाते बदन को लेकर मैं वाशरूम में जाकर शॉवर खोल कर खड़ा हो गया.

कुछ ही पलों में मैं खुद को तरोताज़ा महसूस करने लगा.

मैंने शॉवर बंद कर दिया और बेहद गर्म पानी से तौलिया को भिगो कर रूम में आ गया.
मैंने गर्म तौलिया आदिरा की चूत के ऊपर रख कर दबा दिया.

अचानक गर्माहट से आदिरा की आंख खुल गई और वह मेरी तरफ देखने लगी.
मैं आराम से उसका जिस्म साफ करता रहा.

कुछ ही देर में आदिरा को गोद में उठा के वाशरूम में ले गया और उधर कमोड पर बैठा कर उसे पेशाब कराई.
फिर शॉवर के नीचे खड़ा करके गुनगुने पानी से उसके जिस्म को साफ करने लगा.

पानी की फुआर ने आदिरा को भी कुछ हद तक ठीक सा कर दिया था पर मोटे लम्बे लंड की पहली चुदाई का दर्द तो रहना ही था.

जिस्म को अच्छे से साफ करके मैंने उसको वापस लाकर बेड पर लिटाया और एक पेन किलर गोली दे दी.

मुझे मालूम था कि इसको बुखार जरूर चढ़ेगा, तो एक कंबल उढ़ा कर मैं भी वैसे ही उसके बगल में लेट गया.

हम दोनों के नग्न जिस्म फिर एक दूसरे की बांहों में लिए लिए नींद के आगोश में चले गए.

तकरीबन सुबह 4 बजे आदिरा मुझको जगा कर बोली- मुझे भूख लग रही है, कुछ खाना है!
इतनी रात को रूम सर्विस में सिर्फ सैंडविच और कॉफी ही उपलब्ध थी, तो वही आर्डर कर दिया.

हम दोनों ही रात का खाना मिस कर दिया था क्योंकि एक दूसरे के मिलन में हम दोनों इतने ज्यादा आतुर थे कि भूख ही नहीं लगी.

जब तक कॉफी आती, तब तक मैंने कपड़े पहन लिए और रूम को थोड़ा ठीक कर दिया.

गर्म कॉफी और सैंडविच ने दोनों को तरोताज़ा कर दिया.

बाहर अभी भी अंधेरा था.

आदिरा- डैडी, मैंने ऐसे आनन्द का कभी नहीं सोचा था … सच में आपने जो आनन्द दिया, शायद फिर कभी कोई मुझे दे पाएगा!
मैं- तुम में बहुत गजब की शक्ति है, जो मेरे जैसे इंसान को आसानी से सह लिया. तुम्हारी आंटी तो आज भी रो देती हैं, जब मैं उन्हें तुमको समझ कर चोदता हूँ!

आदिरा हंसने सी लगी- अच्छा, आप आंटी को आज भी इतनी बुरी तरह चोदते हो? आपको देख कर लगता नहीं कि आप बिस्तर में भी इतने फिट हो. मेरी सारी रूम मेट्स आप पर फ़िदा है. वे मुझसे जलती हैं कि आप सिर्फ मुझसे बात करते हो.

मैं- अच्छा, पर उन सबका तो बॉयफ्रेंड है न … तो मुझसे कुछ नया हासिल क्या होगा. वे चुदाई तो अपने साथी के साथ तो करती होंगी!
आदिरा- वर्निका और जूली तो अपने साथी के साथ ही सेक्स करती हैं. पर अज़रा ने आज तक नहीं किया है. वह भी मेरी तरह ही है और उसका निकाह भी अपने मौसेरे भाई के साथ तय हो गया है. शायद इस साल के अंत तक उसका निकाह भी हो जाएगा.
मैं- अच्छा!

आदिरा- हां, जब वर्निका और जूली अपने बॉयफ्रेंड से चुद कर आती हैं तो वे हम दोनों को मजे से सारी बातें बतातीं. उनकी बातें सुनकर हम दोनों की हालत बहुत ख़राब हो जाती थी. दिल तो करता कि जो सामने मिले, उसी का लंड पकड़ लूँ. जब जूली आपका नाम लेकर मेरे साथ जोड़ने लगी, तब मैंने आपके बारे में सोचा. फिर आपका टूल भी देखा तो पसंद आ गया. आप मेरे लिए सबसे सेफ बॉयफ्रेंड थे, जो मेरी आगे की लाइफ में कोई दिक्कत नहीं करते. आपसे मुझको फायदा भी बहुत था, आगे क्या हुआ आप खुद जानते हैं!

उसने जब यह कहा कि उसने मेरा टूल भी देखा तो मैं चौंक गया.

मैंने उससे पूछा तो उसने हंस कर बताया कि एक कुतिया सहेली की मदद से एप पर आपने अपना लंड दिखाया था.
मैं समझ गया कि आज की जनरेशन किस तरह से होशियार है.

सामने से मैं बोला- बहुत बढ़िया … मतलब तुमने मुझको शुगर डैडी बना ही दिया. तुम अपनी जरूरत पूरी करो और मैं अपनी!

आदिरा- तो डैडी, इसमें बुराई ही क्या है … आपको मेरे जैसी लड़की मिल गई, जो बिस्तर पर आपका खूब साथ देगी और मुझे आप … जो मुझको किसी भी मुसीबत से बचा कर रखेंगे और मेरी जिस्मानी जरूरत भी पूरी करेंगे.
मैं- मैं सिर्फ ‘हम्म्म …’ करके रह गया और सोचता रहा कि आज की लड़कियों की शायद ऐसी ही सोच होगी.

आदिरा- डैडी, आपने मुझे मेरे बदन को इतनी बुरी तरह मसला है … मेरी ऐसी चुदाई की है कि मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है. आपने एक बार भी मेरे ऊपर रहम नहीं खाया, ऐसा मैंने बिल्कुल नहीं सोचा था. पर जो मज़ा आपने दिया वह शायद ही मेरा हम उम्र बॉय फ्रेंड दे पाता.

मैं- आदिरा, पहली चुदाई में मर्द को थोड़ा बेरहम हैवान बनना ही पड़ता है क्योंकि पहली बार लंड चूत में लेने का दर्द तो तुमको सहना ही था … और अगर मैं उस समय रहम कर देता तो जो डर तुम्हारे अन्दर बैठ जाता, वह तुम्हारे आने वाले कल में और भी ज्यादा भयानक होता. ये दर्द तो कुछ मिनटों का होता है, उसके बाद तो सिर्फ और सिर्फ आनन्द ही आता है. वैसे तुम कहो तो सारा दर्द अभी भगा दूँ!

आदिरा- शायद आप सही कह रहे हो, पर नहीं अब अभी और नहीं चुदना … सुबह ड्यूटी भी जाना है.

मैं- अरे मैं चोदने की नहीं बात कर रहा हूँ. मेरा मतलब है तुम्हारे जिस्म की मसाज कर देता हूँ, जिससे ये सारा दर्द छू-मंतर हो जाएगा.
आदिरा- अरे वाह डैडी … आप ये भी जानते हो. आप तो सच में अमेज़िंग हो … मुझे अब लगता है कि आपको बॉयफ्रेंड बना कर मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, चलिए आपका ये हुनर भी देख लेते हैं.

मैंने होटल की रूम सर्विस से दो ताजी तौलिया मंगवाईं और उसके आने के बाद मैंने एक तौलिया नीचे कालीन के ऊपर बिछा दी.

मैंने आदिरा से सारे कपड़े उतार कर पेट के बल लेटने को बोला.

आदिरा ने भी सारे कपड़े उतार दिए और वह तौलिया पर लेट गई.

मैं उठ कर बाथरूम से तेल की शीशी ले आया और आदिरा को अपनी जांघ पर बिठा कर उसकी पीठ पर तेल गिराने लगा.
तेल टपकाने के साथ ही मैं उसकी मसाज़ करने लगा.

मेरे हाथ उसकी चिकनी पीठ पर फिसलने लगे.
जब मैं नीचे से ऊपर जाता, तो आदिरा का जिस्म सिहर उठता.

उसके कंधे, उसकी गर्दन के आस-पास अच्छे से मसाज के बाद मैं उसके चूतड़ों की मसाज करने लगा.

मेरे हाथ आदिरा के चिकने और सुडौल गोल चूतड़ों पर मसाज कर रहे थे.
तेल में भीगी मेरी उंगली गांड की दरार में अपना रंग दिखा रही थी.

चूत के पास से जब उंगली आती, तो आदिरा कसमसा सी जाती.
मुझको पता था कि आदिरा धीरे धीरे गर्म होगी, थोड़ी देर बाद खुद ही लंड मांगेगी.

जो अभी चूत चुदाई के लिए मना कर रही है, वह खुद ही लंड को चूत में लेगी.

मसाज एक ऐसी थेरेपी है कि औरत के या मर्द के जिस्म में काम वासना की नई तरंग दौड़ा देती है.
औरत की चूची, चूत, गांड, कंधे … लड़कों के चूतड़, लंड का आयल मसाज उनके जिस्म में काम की जवाला भर देते हैं.

अगर आपके पास वक़्त है तो चुदाई के पहले आयल मसाज करें या करवाएं. आपकी साथी आपके लौड़े से और अच्छे से चुदेगी … या आपका ठोकू आपको जोर जोर चोदेगा … आपके जिस्म का हर अंग खिल उठेगा.
आप दोनों को सम्भोग का बहुत आनन्द आएगा.

अच्छी तरह पीछे गर्दन आदि तेल की मसाज के बाद मैंने उसको पलटने के लिए बोला.
तो वह बिना किसी झिझक के पलट गई.

उसकी सुडौल चूचियों पर जरा सा भी ढलाव नहीं था, फुल तनी हुई थीं.
मेरा लंड एकदम से कड़क होने लगा.

चूचियों और उसके ऊपर मैं अपने शुष्क हाथों से तेल से मसाज करने लगा.
गर्दन के आस-पास, कंधे के आस-पास अच्छे से मसाज के बाद पेट नाभि करता हुआ नीचे चूत के पास आ गया.

पर मैं चूत की मसाज न करके उसकी जांघों और पिंडलियों की मसाज करने लगा.
मैंने उसके पैरों की उंगलियां मुँह में लेकर चूसता हुआ उसकी जांघों की मसाज कर रहा था.

आदिरा रिलैक्स होकर मेरे हाथों का कमाल देख रही थी.
उसकी सांसें गर्म सी थीं.

वह हल्की हल्की सिसकी लेती हुई कसमसा रही थी.
उसे उत्तेज़ना तो आ ही रही थी, उसकी चूत में हल्का गीलापन भी आ चुका था.

वह अब चूतड़ भी उछालने लगी थी.

मैंने अब ढेर सारा तेल उसकी चूत में डाल दिया और चूत को रगड़ने लगा.

मैं अपनी पूरी हथेली से उसकी चूत को रगड़ रहा था.
इसके साथ ही मैं दूसरे हाथ से चूचियां भी मसलने लगा.

इतनी देर से चुप आदिरा अब चुदासी होकर सिसकारी भरने लगी ‘आअहह उम्म्म उफ्फ़ …’

तभी मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.
वह एकदम से कराह उठी ‘आअहह डैडी उफ्फ्फ …’

उसकी चूत का रस और तेल का मिश्रण होने से मेरी उंगली सटासट अन्दर बाहर होने लगी.
मैं अंगूठे से उसकी चूत के ऊपरी सिरे पर लगे दाने को मसलने लगा.

‘उफ्फ डैडी … और तेज़ हां हां ऐसे ही उफ्फ डैडी …’

जब मुझे लगा कि आदिरा अपने चरम पर आ गई है तो मैं रुक गया.
यह उसको बिल्कुल भी पसंद नहीं आया.

आदिरा ने एक बार गुस्से में मेरी तरफ देखा.
पर मैंने भी खड़े होकर अपने जिस्म में ढेर सारा तेल लगा लिया और उसकी चूची और पेट चूत में ढेर सारा तेल गिराता हुआ उस पर लेट गया.

मेरा भारी जिस्म और उसका फूल सा कोमल जिस्म, अब तेल में डूबे एक दूसरे को रगड़ रहे थे.
लंड चूत का … और मेरा सीना उसकी चूचियों का मसाज कर रहे थे.

‘अआआ … ह्हह … इईई …’

आदिरा एक बार फिर से चरम पर आने लगी थी.
मैं थोड़ा रुक गया और उठ कर बैठ गया.
मैंने आदिरा को अपनी जांघों पर बिठा कर अपने सीने से चिपका लिया.

इससे उसकी गांड की दरार में लंड फिट हो गया.

मैं उसे अपने शरीर से चिपका कर ऊपर नीचे करने लगा.
इससे उसकी चूचियां मेरे सीने से और चूत मेरे लंड से रगड़ने लगी.
कभी लंड हल्का सा गांड की दरार में घुसता तो कभी चूत की फांकों में गुदगुदी करता … पर मैं अन्दर नहीं कर रहा था.

जैसे मेरा चिकने लंड काअ सुपारा आयल में डूबी चूत की फांकों को खोल कर अन्दर जाता, मैं उसको झट से बाहर निकाल लेता.

‘आह्ह स्स्स्स आह … डैडी …’

उसकी चूत का पानी और तेल से भीगा बदन, लंड का प्रीकम, पसीना सब मिल कर शरीर को हल्का चिपचिपा कर रहे थे.
इससे हम दोनों कामातुर हो रहे थे.

फिर मैं पेट के बल लेट गया तो आदिरा मेरे ऊपर आकर चूचियों को मेरी पीठ से रगड़ने लगी.
उसने एक हाथ की उंगली को मेरी गांड में डाल दी.

मैं अचानक हुए इस हमले से उचक सा गया ‘आअह्ह्ह ओफ्फ्फ़ …’

उसकी मुलायम सी पतली उंगली आराम से मेरी गांड में चली गई.
अब वह अपनी उंगली से मेरी गांड चोद रही थी.

मैं बस उफ्फ ओफ्फ कर रहा था.

वह मुझे पलट कर अपनी चूची मेरे सीने से रगड़ने लगी और लंड के ऊपर अपनी चूत को सैट करके लंड को चूत का मसाज देने लगी.
मेरा भी लंड उसकी चूत की दरार में आगे पीछे होने लगा.

अब कमान आदिरा के हाथ में थी और वह काम वासना में इतनी अधिक डूबी थी और उत्तेजित थी कि उसने एक हाथ से लंड को पकड़ा और उसको अपनी चूत के अन्दर ले लिया.
तेल में डूबा लंड आसानी से चूत में पूरा घुसता चला गया.

आदिरा उतेज़ना में चीखी ‘आह्ह ह आह …’

मैं अपनी गांड उछाल कर नीचे से लंड को चूत के अन्दर बाहर करने लगा.
वह आह आह करती हुई मेरे ऊपर झुक गई और मेरे होंठों को चूसने लगी.

मैंने भी साथ दिया.
उसके होंठों को चूमते चूसते उसके चूतड़ को पकड़े हुए नीचे से धक्के देता रहा जिससे लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा.

मैंने उसकी गांड में उंगली डाल दी जो थोड़ी सी कोशिश के बाद अन्दर चली गई.

उसकी चीख निकल गई.
आदिरा उछली, पर मेरी पकड़ उसके चूतड़ में इतनी थी कि वह दूर न हो सकी.

आप कल्पना करो कि एक 20 साल की अधखिला पुष्प जैसी कन्या और उससे उम्र में काफी बड़ा एक शादीशुदा मर्द, दोनों के जिस्म तेल में डूबे हुए, कन्या मर्द के ऊपर और लंड चूत के अन्दर, गांड में उंगली लिए वह कन्या लंड पर कूद रही है. उसकी चूचियां उछल रही हैं. बाल बिखर चुके हैं.

मुँह से लगातार आह कराह निकल रही थी.
नीचे से मैं शॉट लगा रहा था और ऊपर से वह लंड पर कूद रही थी.

आदिरा जिस स्पीड में उछाल कर चूत में लंड ले रही थी, उतनी ही तेज़ी से उसकी छोटी छोटी चूचियां उछल रही थीं.

एक बार फिर चूत रस से लंड रगड़ खा खाकर उसके चारों तरफ सफ़ेद क्रीम जैसा हो गया था.
जो स्पीड उसकी थी, वह जितनी तेज़ी से अपनी गांड या चूतड़ उछाल कर मेरे लंड पर पटक रही थी.

मुझको अहसास हो गया था कि वह ज्यादा देर टिक नहीं सकती थी.

और वही हुआ …

एक बारगी फिर से लम्बी सिसकारी लेती हुई आदिरा मेरे सीने से लिपट गई ‘ओह्ह डैडी ईई सम्भालो मुझे ओफ्फ …’

चूत ने इतनी कसके मेरे लंड को जकड़ा था कि मैं खुद को रोक ही न पाया और एक जोर का शॉट नीचे से लगा कर अपने वीर्य से उसकी चूत को अन्दर तक भर दिया और आदिरा को बांहों में जकड़ लिया.

हम दोनों ही बुरी तरह पसीने में डूबे थे.

जब सांसों का शोर थमा, थोड़ा वासना का जोश कम हुआ, तब होश आया.

हम दोनों एक दूसरे के चूम कर खड़े हुए और वाशरूम में गर्म पानी के फुहारे में जाकर खड़े हो गए.

हम दोनों ने एक दूसरे को साफ किया क्योंकि तेल, चूत का पानी, वीर्य और पसीने से दोनों का बदन चिपचिपा सा हो गया था.

गर्म पानी की फुआर ने दोनों के जिस्म को ताज़गी से भर दिया.

दोनों एक दूसरे को साफ करते हुए बाहर वैसे ही नग्न अवस्था में आ गए.

आदिरा की ड्यूटी का टाइम हो रहा था … उसने पहले पैंटी, फिर ब्रा पहनी.
उसके बाद उसने फूलों वाली एक नई ड्रेस पहनी और नीचे जाकर ब्रेकफास्ट किया.

फिर टैक्सी उसको होटल छोड़ने चली गई.

मैं वापस रूम में आकर कल से आज तक के बारे में सोचने लगा कि क्या सही हुआ, क्या गलत पर … जो सम्भोग का मज़ा मिला. उसके सामने हर सही गलत बेमानी था.
उसके जिस्म की कोमलता, चूत की नज़ाकत, उसकी सम्भोग में दिया गया साथ … वह सब एक सपने के समान था.

दोस्तो, आपको मेरी इस सेक्स कहानी को पढ़ कर कैसा लगा, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
राहुल श्रीवास्तव

आदिरा का तो पता था कि उसने दिल से मेरे साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाए थे और ये सम्बन्ध आगे भी चलने वाले थे.
लेकिन कब तक?
ये तो पता नहीं था, पर मेरा लंड खुश था. मैं खुश था, मेरा तनबदन खुश था.

अगले चार दिन हम दोनों ने खुल कर सम्भोग किया. चुदाई के लिए कई तरह के काम सूत्र आसन आजमाए.

फिर वह जब इंटर्न करके मुंबई आई तो कभी होटल में … और मौका मिलने पर उसके फ्लैट पर, तो कभी मेरे फ्लैट पर … हम दोनों ने उन्मुक्त सम्भोग चुदाई का मज़ा लिया.

एक बार जब मेरी पत्नी अपने भाई के घर गई तो आदिरा मेरे ही फ्लैट पर मेरी दूसरी बीवी बन कर रही.

उसकी रूममेट्स को भी अब अंदाज़ा हो गया था कि हम दोनों के बीच क्या रिश्ता बन गया है.

जब तक आप इस होटल रूम Xxx स्टोरी को पढ़ रहे होंगे, हम दोनों और चूत चुदाई का भरपूर खेल खेल चुके होंगे.

दोस्तो, ये थी मेरी और आदिरा की कहानी … एक सच्ची आपबीती है.

वैसे तो मुझको खुद पता नहीं कि मेरा अगला अनुभव आप तक कब पहुंचेगा, पर शायद इस साल आपको मेरी तीन कहानियां आपको मिलेंगी.

मेरी अगली सेक्स कहानी फ्रिक्शन से भरी होगी.
मैंने एक पॉड-कास्ट में एक स्टोरी सुनी थी, बहुत ही साफ सुथरी थी.

बस वहीं से मेरे दिमाग में मेरी अगली कहानी का सब्जेक्ट समझ में आया और उसको सेक्स, सम्भोग में और इंसान की जरूरत जो उसको क्या से क्या बना देती.

हां … ये स्टोरी पूर्णतया काल्पनिक होगी और मैं पहली बार एक काल्पनिक कथानक लिखूंगा.

कमेंट्स बॉक्स में, ईमेल पर, या टेलीग्राम पर आपके खट्टे मीठे तीखे विचारों का इंतज़ार रहेगा.

मेरी होटल रूम Xxx स्टोरी पढ़ने के लिए शुक्रिया … और अगली कहानी तक विदा.
[email protected]
telegram – pops410210

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