ठरकी लड़की के साथ पहली चुदाई का मजा- 2

(Hot Pussy Ko Lund Mila)

हॉट पुसी वाली लड़की मुझे पटकर चुदाई का मजा लेना चाहती थी पर साली नखरे भी कर रही थी. मैंने उसे अनदेखा कि साली की झांटें सुलग गयी. फिर वह कैसे चुदी?

दोस्तो, मैं लव एक बार पुन: आपके सामने अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग के साथ हाजिर हूँ.

कहानी के पहले भाग
ठरकी लड़की के नारी सुलभ नखरे
में अब तक आपने पढ़ा था कि दिव्या मुझे किसिंग करने के लिए राजी हो गई थी और यह मेरी उस पर पहली जीत थी.

अब आगे हॉट पुसी वाली लड़की की चुदाई:

अगले दिन जब मैं कॉलेज से आकर खाना बना रहा था.
उन दिनों गर्मी के दिन थे तो सब सो रहे थे.

उसी वक्त उसका मैसेज आया- मैं आ रही हूँ!

पर मैं रोटी बेलने में बिजी था तो मैसेज नहीं पढ़ पाया.

इतने में वह मेरे किचन के दरवाजे पर आकर मुझे हवस वाली नज़रों से देखने लगी.

मैंने कहा- क्या हुआ?
तो वह बोली कि मैसेज नहीं पढ़ा क्या?

मैंने फ़ोन उठाया और मैसेज पढ़ा तो कुछ देर के लिए मेरे हाथ पैर ठंडे पड़ गए.
पर वह आज पूरे जोश में थी और तैयार भी.

मैंने कहा- बगल में अंकल आंटी … और दूसरे कमरे में दीदी सो रही हैं. कोई जाग गया तो दोनों की गांड टूटेगी!

वह कुछ नहीं बोली और मेरे और करीब आ गयी.

मैं एक्क्साइटेड और घबराया दोनों एक साथ था.
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाई और उसके होंठों को चूमने लगा.

लाइफ में यह पहला किस था.
मैं इतना खो गया था कि सब डर भूल गया था.

करीब दो मिनट बाद उसने मुझे हल्का धक्का देकर अलग किया वर्ना मैं तो खो गया था और लगातार उसको किस करे जा रहा था.

जब उसने मुझे अलग किया तो मुझे हल्का चक्कर जैसा आने लगा था!
इतना मजा आता है किस करने में … यह पहली बार पता चला था.

उसके बाद से जब भी हमको मौका मिलता, वह मेरे कमरे में भाग कर आ जाती और हम दोनों किस करने लगते.

मैं उसको बिना ब्रा और पैंटी के आने को कहता, तो वह कहती कि तुम्हारे लिए मैं आज आधी नंगी होकर आयी हूँ.

उसकी बातें और हरकतें मुझे और उत्तेजित करती थीं.
कभी कभी उसके गले और होंठों पर निशान पड़ जाते, तो वह चुन्नी ओढ़ लेती या ‘कीड़े ने काटा’ कर के बहाना बना लेती.

कुछ महीने ऐसे ही गुजरे.

इस दौरान उसने मुझसे पूछा- मैंने कभी सेक्स किया है!
तो मैंने ना कहा.

फिर उसने पूछा- कभी हस्तमैथुन किया है?
मैंने हां कहा और पूछा- तुमने किया है?
तो उसने भी हां कहा.

फिर मैंने उससे सेक्स करने के लिए पूछा.
तो उसने कहा- मन तो है लेकिन घर से बाहर जाने में रूम की भी दिक्कत है.
होटल में जाने में हम दोनों ही असहज़ थे.

मैंने भी अपने दोस्तों को इस बारे में तब तक कुछ नहीं बताया था.

अब हम दोनों ने प्लान किया कि मैं आस-पास के एरिया के कोई रूम ले लूंगा.

अगले महीने मैंने बहाना मारा कि मैं अपने रिश्तेदार के यहां शिफ्ट हो रहा हूँ.
नए मकान मालिक से बात पहले ही कर ली थी कि कॉलेज के दोस्त भी आएंगे, तो बाद में दिक्कत न हो.

कुछ दिन के बाद दिव्या ने आने को कहा ताकि घर में किसी को शक ना हो.
एक हफ्ते बाद उसने घर में एक्स्ट्रा क्लास का बहाना मारा और मुझे मिलने को आई.

आधे रास्ते में मैं उसे लेने गया क्योंकि उसको नए कमरे का रास्ता पता नहीं था.

उसने एक कोट डाला हुआ था और जींस पहनी हुई थी.
उस वक्त ठंड का मौसम शुरू हो गया था और कोहरे की वजह से और ठंड लगती थी.

हम दोनों रूम पर आए और आते ही किस करने लग गए.
तब मैंने एक बात नोटिस की कि जो मजा छुप छुप कर रोमांस करने में है, वह मजा अलग ही होता है.

किस करते हुए ही वह गर्म हो गई और अपनी चूत वाली जगह से धक्के मारने लगी.

मैं बताना भूल गया कि जब भी हम दोनों किस करते थे तो वह अक्सर ऐसा करती थी. उसके ऐसे करने से कभी कभी मेरे लंड पर थोड़ा दर्द हो जाता था.

खैर … फिर मैंने एक पतला कंबल लिया और हम दोनों गद्दे पर बैठ गए.
मैंने गद्दा नीचे बिछाया हुआ था.

मैंने उसको अपनी गोद में बैठने को कहा.
मुझे हमेशा से मन था कि गोद में बैठा कर किस करना है.

उसने अपना कोट उतारा और मैंने अपना स्वेटर और टी-शर्ट को हटा दिया.
मैं ऊपर से पूरा नंगा था लेकिन वह अभी अपनी टी-शर्ट उतारने को मना कर रही थी.

साली नखरे किए बिना तो कोई काम करती ही नहीं थी वह!

मैंने भी उसको फोर्स नहीं किया और ऐसे ही चिपक कर एक दूसरे को किस करने लगे.
अब मैं उसकी गर्दन और बूब्स पर किस कर रहा था और उसके बदन को टटोलना चाह रहा था.

उसी दौरान उसकी टी-शर्ट बार बार बीच में बाधा बन कर आ रही थी.

कुछ देर बाद उसने खुद से टी-शर्ट उतार दी, जिसका मैं इंतजार कर रहा था.
थोड़ी देर में मैंने उसकी ब्रा भी उतरवा दी.

उसका बदन एकदम गोरा चिकना सफेद था.
बूब्स छोटे थे जो अच्छे से पकड़ में नहीं आ रहे थे.

मैंने उसकी चूचियों की नन्हीं नन्हीं बौंड़ियों को अपने होंठों से पकड़ कर चूसने लगा … और थोड़ा थोड़ा दांत से काटने भी लगा, जिससे उसे दर्द सा हुआ और उसने काटने से मना किया.

हम दोनों को एक दूसरे को ऊपर से नंगे बदन से एक दूसरे से चिपके हुए दस मिनट हो गए थे.
अब मैंने उससे जींस खोलने को कहा तो वह फिर नखरे करने लगी कि नहीं ये करना है.

मैंने फिर से इंतज़ार करने का मन बना लिया.
हम दोनों गर्म हो चुके थे और मेरा भी पानी निकल रहा था, जिसका मुझे अहसास हो रहा था.

उसके झटके मारने से मेरे लंड में थोड़ा ज्यादा दर्द हो रहा था … ऊपर से जींस भी टाइट थी.
मैंने उससे कहा- मैं अपनी जींस उतार रहा हूं क्योंकि मुझे नीचे अनकंफर्टेबल और हल्का दर्द हो रहा है!

मेरे जींस निकलने से अब उसका हाथ आसानी से मेरे लंड को छू पा रहा था, जिससे वह और ज्यादा गर्म गर्म सांसें फेंकने लगी थी.

थोड़ी देर में उसने खुद ही अपनी जींस उतार दी, पर पैंटी नहीं उतारी.
मैं समझ गया कि ये पहले मेरे कपड़े उतरने का इंतजार कर रही थी.

अब हम दोनों सिर्फ अंडरवियर में थे और वह मेरी गोद में कुछ इस तरह से बैठी कि मेरे लंड को कच्छे के अन्दर से ही उसकी बुर को रगड़ मार रहा था, जिसके अहसास से उसका बहुत पानी निकलने लगा था.

यह मुझे तब पता चला, जब मैंने उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला.
तब मैंने पाया कि अब यह पूरी तरह तैयार है!

मैंने कहा- मेरे लंड से काफी पानी निकल रहा है, जिसकी वजह से नीचे काफी गीला हो रहा है … तो मैं अपना अंडरवियर खोल रहा हूं!
वह भी बोली- हां मैं भी खोल देती हूं … मेरा भी पानी निकल रहा है.

उसने पहले लाइट बंद कर दी.
मैंने जली रहने के लिए कहा तो वह लाइट खुली रखने को मना करने लगी.
मैंने भी ज्यादा नहीं बोला.

खिड़की दरवाजे बंद थे, पर दिन होने के वजह से कमरे में हल्की रोशनी थी.
उसका बदन हल्की रोशनी में चमक रहा था.

अब हम दोनों पूरे नंगे थे.

वह लाइट बंद करते ही कंबल के अन्दर लेट गई और मैं उसके पीछे से जा कर अपना लंड उसकी गांड से छूने लगा.
मैं उसके बूब्स और चूत पर हाथ फेरने लगा और उसकी गर्दन और पीठ पर किस करने लगा, जिससे हम दोनों और उत्तेजित होने लगे.

जो जो मैंने अन्तर्वासना और सेक्सी मूवी में देखा था, आज मैं वह सब प्रैक्टिकल कर रहा था.
कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद उसने कहा- ज्यादा अन्दर मत डालना!

मैं समझ गया कि यह क्या कहना चाहती है … पर अभी भी नाटक करना ही है इसको.

मैंने उसको थोड़ा और जोर से पकड़ कर अपनी ओर खींचा और किस करना शुरू कर दिया.
फिर उसका एक पैर उठाया और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा.

वह बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी, उसका पानी उसकी जांघों तक आ चुका था.

जैसे ही मेरे लंड को उसकी चूत का छेद मिला, मैंने एक हल्का सा धक्का मारा.
गीला होने की वजह से मेरे लंड का अगला हिस्सा उसकी चूत में एकदम से घुस गया.

उसकी हल्की सी हिचकी जैसी निकली और सांस रुक गई.

मुझे अच्छे से याद है कि जब पहली बार वह अहसास … जैसे आपका लंड किसी गीली गर्म गीले चिपचिपे छेद में घुस गया हो, तो कैसा लगता है.
उसने अपने हाथ से मुझे अपना लंड पूरा अन्दर डालने से रोक दिया वर्ना उस वक़्त शायद ही कोई खुद को रोक पाए.
पर कहीं उसकी चीख ना निकल जाए, तो मैं रुक गया.

अब मैंने उसको सीधा लेटाया और मिशनरी पोजीशन में आ गया.
मैं पहले से नेट पर रिसर्च कर चुका था कि फर्स्ट टाइम के लिए यही पोजीशन सबसे अच्छी होती है.

कंडोम के लिए उसने पहले ही मना किया था- बिना कंडोम के करेंगे, उसमें ज्यादा मजा आता है लेकिन तुम अन्दर मत निकालना.
हम दोनों उसी प्लान के हिसाब से चल रहे थे.

अब मैंने उससे टांगें फैलाने को कहा और उसकी दोनों टांगों के बीच आ गया.
मैं धीरे धीरे उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा.

इस तरह से करने से ही हम दोनों बहुत उत्तेजित हो रहे थे.
तो मैं उसके ऊपर लेट गया और उसको किस करने लगा.

अब किस करते करते मैंने अपना लंड उसकी हॉट पुसी में डालना शुरू किया और लंड मानो फिसलता हुआ उसकी चूत में घुस गया.
हम दोनों की सांसें फिर से रुक गईं.

मैं उसके ऊपर ऐसे ही लेट गया और कभी उसको कभी उसके बूब्स को किस करने लगा पर लंड पूरा बाहर नहीं निकाला.

अब मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा और वह और पानी छोड़ने लगी जिस वजह से कमरे में एक पच पच की आवाज आने लगी.

मैंने टिश्यू पेपर से साफ करने को कहा.
तो वह मना करने लगी कि गीले में आसानी से अन्दर बाहर हो जाता है.

उसने बिल्कुल भी साफ नहीं करने दिया.
मैं ऐसे ही झटके मारने लगा और थोड़ी देर में जब मुझे लगा कि मैं निकलने वाला हूं, तो मैंने लंड बाहर निकाल कर रस टपका दिया और टिश्यू पेपर से पौंछ लिया.

अब मैंने उसको चूत के बाहर का पानी जो पैरों पर आ गया था, उसको साफ करने को मना लिया और उसकी जांघों को साफ करते करते उसकी चूत का पानी भी थोड़ा साफ कर दिया.

थोड़ी देर में हम दोनों फिर से दुबारा चुदाई को तैयार हो गए थे.
मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा.
पर वह मना करने लगी.

तो हम दोनों फिर से मिशनरी पोजीशन में आ गए.
इस बार मैंने एक तकिया उसकी गांड के नीचे रख दिया.

इस बार जैसे ही मेरा सूखा लंड उसकी चूत में घुसा, तो मुझे अब ज्यादा मजा आया.
क्योंकि अब मैं उसकी चूत की दीवारों को ज्यादा अच्छे से महसूस कर पा रहा था … और उसको भी उस रगड़ से करेंट जैसा लगने लगा था.

थोड़ी देर धक्के मारने के बाद मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लिया और उसकी जांघों को पकड़ लिया.
ऐसा करने से चुदाई करने में और मजा आने लगा और धक्के मारने की स्पीड भी बढ़ गयी.

चुदाई से ज्यादा मुझे उसकी मादक आवाजें उत्तेजित करने लगी थीं.
उसने अपने मुँह पर हाथ रख दिया पर उसकी हांफने की आवाज अब भी मुझे आ रही थी.

मैं थोड़ा रुका और कंप्यूटर पर गाने चला दिए … ताकि बाहर आवाज ना जाए.

एक ही पोजीशन में होने की वजह से मेरे घुटने और उसके पैर भी थक रहे थे.
पर घोड़ी बनने को वह तैयार नहीं थी.

तो मैंने उसकी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रखी और दूसरी के ऊपर अपनी टांग और कैंची जैसी पोजीशन में आ गया.

मैं अब और जोर जोर से झटके मारने लगा, जिससे हम दोनों को बहुत मजा आने लगा.

एक हाथ से मैं उसके बूब्स मसल रहा था और दूसरे से उसके पैर को जांघों से दबाए हुए था.
उसको मैं बीच में जोर से मसल भी रहा था.

मादक आवाज में चीखने से मुझे उसके कोमल बदन को नोचने का मन हो रहा था.
मेरा मन ऐसा कर रहा था कि ऐसे ही दिन भर चुदाई करता रहूँ और लंड को इसकी चूत से बाहर ही न निकालूँ!

कभी मैं उसकी जांघें मसलता, कभी उसकी गांड को दबाता, कभी दूसरे हाथ से उसके बूब्स और बदन पर हाथ फेरता.

थोड़ी देर में मैं पैर बदल कर चुदाई करने लगा.
वह फिर से बहुत गीली हो गई थी और झड़ने वाली थी.

यह देख कर मैं भी गर्म हो गया और और तेज़ से चुदाई करने लगा.

कुछ देर में हम दोनों झड़ गए.
पर इस बार भी मैंने अपना पानी अन्दर नहीं निकाला था.
ऐन मौके पर लंड बाहर निकाल कर मैंने उसके पेट पर वीर्य गिरा दिया था.

हम दोनों के शरीर से पसीना निकलने लगा था और कमरे में भी गर्मी हो गई थी.

इस दिन हमने सुबह 11 बजे से दिन के 4 बजे तक चार बार सेक्स किया.

चौथी बार तो हालत खराब हो गई थी.
पर मैं आज पूरी तस्सली करना चाहता था.

जब लाइट खुली और टिश्यू पेपर पर मैंने खून के हल्के हल्के दाग देखे, तो मुझे लगा कि शायद यह खून इसकी चूत से निकला है.
लेकिन वह मेरे लंड से निकला था.

इसका पता मुझे अगली सुबह को लगा जब मेरे लंड पर जलन और दर्द होने लगा.
यह दर्द करीब चार दिन तक रहा. सुपारे के पास खाल कट गई थी.

सेक्स करने के बाद एक सवाल मेरे मन में था, जो मैंने उस टाइम पूछना सही नहीं समझा था.

रात को मैसेज में मैंने उससे पूछा- फर्स्ट टाइम में चूत बहुत टाइट होती है और मेरा लंड जाने पर तुमको ज्यादा दिक्कत नहीं हुई, ऐसा क्यों हुआ?

तो उसने बताया कि वह लगभग हर रात मुठ मार कर सोती है … और एक बार दिन में घर में जब कोई नहीं था, तो उसने कोई टूथब्रश अपनी चूत के अन्दर डाल दिया था … तब बहुत सारा खून निकला था.

अब पता नहीं उसने टूथब्रश डाला या क्या डाला था, यह तो वही जाने!

खैर … मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं था.
लेकिन मैं कन्फ्यूज था कि सेक्स तो शायद इसका भी फर्स्ट टाइम था … पर खून मेरा निकला और इसका नहीं.
क्योंकि घर जाते ही उसने मुझे मैसेज किया कि जब तुम्हारा लंड मेरे अन्दर गया तो क्या बताऊं कैसा महसूस हुआ … और वह पल में कभी नहीं भूलूंगी. आज मेरे पैर बहुत थक भी गए थे.

मैंने भी कहा- मुझे भी आज एक अलग ही मजा आया और अब समझ में आया कि लोग क्यों सेक्स के पीछे पागल रहते हैं.
मुझे भी सेक्स में सनक या पागलपन जैसा कुछ हो गया था.

इस दिन के बाद हमने लगभग तीन चार दिन और सेक्स किया.

एक बार वह मेरे ऊपर बैठ गई पर मैंने उसे हटा दिया क्योंकि मेरी गांड फट रही थी.
क्योंकि जैसे ही वह नीचे की तरफ झटके मार रही थी तो मेरी चीख निकलने वाली थी.

उस दिन फिर से मेरा थोड़ा खून निकला था, पर पूरी सील नहीं टूटी.

कुछ महीने बाद मैं घर वालों के कहने पे फिर से अपने रिश्तेदार के यहां शिफ्ट हो गया था.

अपने रूम के अलावा वह और कहीं आने को राजी नहीं थी, न होटल में आने को राजी थी.
फिर धीरे धीरे हमारा एक दूसरे से सम्पर्क छूट गया.

वैसे भी मुझे डर था कि कहीं इसके घर वालों को पता न चल जाए कि हम दोनों एक दूसरे के संपर्क में हैं वर्ना दिक्कत हो जाएगी.

मोटी दीदी को मैं नहीं चोद पाया, जिसका मेरा बहुत मन था.
क्योंकि वे दिखने में सेक्सी तो थीं ही और उनका बात करने का तरीका भी बहुत अच्छा था.

छोटी वाली को यह भनक लगी थी, तो उसने मुझसे कहा था कि एक बार उसकी दीदी ने सड़क पर एक लड़के को थप्पड़ मारे थे, जो उन पर कमेंट कर रहा था.
अब मुझे नहीं पता था कि यह सच था या उसने मुझे डराने के लिए ये बात कही थी.

इसके बाद से मैंने एक भाभी के साथ भी सेक्स किया, वह सेक्स कहानी फिर कभी बताऊंगा.

बाकी आप लोगों को मेरी यह हॉट पुसी वाली लड़की की सेक्स कहानी कैसी लगी, मेल में जरूर बताएं.
[email protected]

और भी मजेदार किस्से: