कुंवारी लड़की की पहली चुदाई की लालसा- 4

(Hot Girl Fuck Porn Kahani)

हॉट गर्ल फक पोर्न कहानी में पहले तो मैंने अपने दोस्त को अपनी चुदैके लिए मनाया. पर बाद में तो वह मुझे चोदने के मौके खोजने लगा. उसने मुझे होटल की छत पर चोदा.

कहानी के तीसरे भाग
सगाई वाले दिन रस्म से पहले चुदी
में आपने पढ़ा कि मैं अपने दोस्त के साथ होटल के कमरे में चुदाई का मजा ले रही थी कि ऊपर से मेरी मम्मी आ गयी. हम दोनों बाथरूम में घुस गए. वहां भी हमने सेक्स का मजा लिया.

अब आगे हॉट गर्ल फक पोर्न कहानी:

तो जाते हुए मम्मी ने कहा- ठीक है सुहानी, मैं नीचे जा रही हूँ। तैयार हो जा आराम से!

जैसे ही दरवाजा बंद होने की आवाज आई जय ने और ज़ोर ज़ोर से पट्ट-पट्ट चुदाई चालू कर दी।

अब तो बस दोनों को सेक्स के अंतिम चरण में पहुंचना था और घपाघप चुदाई चालू थी।

आखिरकार मेरी चूत अब झड़ने को होने लगी तो मैंने कहा- आहह … आह … बेबी … और तेज़ … स्सी … सी … और तेज़!

और उसने आखिरी दम तक चोदना जारी रखा.
इस बार हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.

इसके बावजूद उसने झड़ते हुए भी 4-5 झटके मारे और आखिरकार निढाल होकर साइड में बैठ गया।

मैंने कहा- बस अब तो खुश … मुझे मेरी सगाई पर ही चोद के?
उसने कहा- बहुत! तू मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। कभी मना नहीं करती।

फिर मैंने कहा- चल फटाफट साफ कर लेने दे. अभी मेरी सगाई होने वाली है।

मैंने अपनी चूत वगैरह साफ करी.

पर जय ने कहा- मेरा वीर्य बाहर मत निकालना, उसे अंदर ही पड़ा रहने दे. मैं चाहता हूँ कि जब तेरी सगाई हो तो मेरा प्यार तेरी चूत से धीरे धीरे रिसता रहे।
मैंने कहा- पागल है क्या? चिप चिप होगी जांघों पे!

उसने कहा- मुझे कुछ नहीं पता … कुछ भी कर … पर मेरा रस बाहर नहीं आना चाहिए।

मैंने कहा- रुक, पैड लगा लूँगी तो बाहर नहीं निकलेगा।
उसने कहा- ठीक है।

और हम दोनों कमरे में आ गए।

फिर मैंने ध्यान से अपने वही कपड़े पहन लिए और चूत पे पैड लगा लिया।

तब फिर थोड़ा सा मेकअप सही सा कर के पहले जैसी तैयार हो गयी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो।

सगाई का टाइम भी नजदीक आ गया था।

जय ने भी कपड़े पहने और बोला- चल अब सगाई के कार्यक्रम के बाद मिलेंगे.
मैंने कहा- मतलब? फिर चोदेगा मुझे क्या?

उसने जाते हुए मुझे आँख मारी।

मैं भी इस तरह के खतरे भरे सेक्स से काफी रोमांचित थी।

बस फिर मेरी सहेलियां मुझे लेने आ गयी और हम नीचे आ गयी।

नाच गाने के साथ सगाई का उत्सव होने लगा।

मैंने और राकेश ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई और बाकी की रस्में भी की।

जय भी सामने ही खड़ा था और हम दोनों एक दूसरे को देख के मुस्कुरा रहे थे।

जब मुझे स्टेज पे बधाई देने आया तो मैंने कहा- तेरा प्यार निकल कर जांघ पर बह रहा है!
और हम दोनों मुस्कुराने लगे।

फिर सब खाने में लग गए।
उसके बाद थोड़ा नाच गाना हुआ।

फिर सगाई का कार्यक्रम सम्पन्न हो गया और धीरे धीरे कर के मेहमान भी घर को निकलने लगे.
राकेश के परिवार वाले भी जा चुके थे।

जय ने मेरे कान के पास आ के कहा- चलें क्या … एक बार और करते हैं।
मैंने कहा- दिमाग खराब है क्या? घर वालों के सामने कैसे टाइम निकालूं?

उसने कहा- तू बहाना मार दे कि कपड़े बदलने कमरे में जा रही हूँ. और कमरे में पहुँच के फिर मजे करते हैं और एक बार और ऐसे खतरनाक सेक्स करते हैं।

अब मैं उससे चुदवा तो चुकी ही थी … तो मेरा दिमाग भी रोमांचित हो गया.
मैंने कहा- ठीक है, मैं कुछ करती हूँ। तू कमरे के पास मिल!

तब मैंने थोड़ी देर सबके साथ गप्पें मारी और फिर बोली- मम्मी, मैं कपड़े बदल लेती हूँ कमरे में जाकर! फिर घर चलेंगे।
मम्मी ने कहा- ठीक है।

मैं नज़र सी बचा के कमरे की तरफ जाने लगी तो जैसे ही कमरे के दरवाजे पे पहुंची तो अंदर से मेरी सहेली और कुछ रिश्तेदारों की आवाजें आ रही थी।

मुझे लगा कि प्लान फ़ेल हो गया अब तो!

तभी साइड से जय निकल के आया और बोला- चुपचाप चल मेरे साथ … यहाँ सब हैं।

हम लोग नज़र छुपा के गलियारे में से जाने लगे।

तभी सामने से रिसैप्शनिस्ट आती दिखी।
उसने बोला- सगाई की बधाई हो मैडम!
मैंने कहा- थैंक्स डियर!

उसने बोला- आप लोगों को यहाँ कोई प्रोब्लम है तो मैं कुछ मदद करूं?
जय ने उससे दोस्ती कर ली थी तो उसने बोला- हमें थोड़ी देर कुछ अर्जेंट बात करनी है तो कोई एकांत जगह मिल सकती है?
वह समझ तो गयी तो उसने कहा- सर, अभी तो कोई और रूम खाली नहीं है। आप चाहे तो स्टाफ रूम में बात कर सकते हैं. वहाँ आपको कोई कुछ नहीं कहेगा।

जय बोला- समझो निशी, ऐसी जगह जहाँ कोई ना आए।

उसने बोला- सर ऐसी स्पेशल सर्विस के लिए तो एक्सट्रा चार्ज लगेगा।

जय ने अपने पर्स से 500 का नोट निकाला और उसके कोट की जेब में डालते हुए बोला- अब बताओ जल्दी!

निशी ने मुस्कुरा के पैसे रख लिए और बोली- आइये मेरे साथ!
और वह हमें छत पे ले गयी।

उसने बोला- सर यहाँ कोई नहीं आयेगा. और यहाँ से शहर का नज़ारा भी दिखेगा. और वह देखिये … यहाँ से नीचे हाल में सारे मेहमानों को भी देख सकते हैं आप! फिलहाल तो फटाफट का काम यहीं कर लीजिये. मैं नीचे सीढ़ियों पे ही हूँ, किसी चीज़ की जरूरत तो बता देना।

उसके जाते ही हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े और बड़े ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे को किस करने लगा।

अब सगाई हो ही चुकी थी तो कोई खास जल्दी नहीं थी।

मैंने कहा- जल्दी जल्दी करते हैं फिर घर भी निकलना है।
और हमने चुम्मा-चाटी शुरू कर दी।

वह ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स को भींचने लगा और मैं भी सी … सी … करने लगी।

मैं भी ऐसे ही उसका लंड हाथ से मसलने लगी।

जल्दी ही उसका लंड खड़ा गया।

उसने कहा- यह ब्लाउज़ तो उतार!
मैंने कहा- मैं यहाँ खुले में नंगी नहीं होने वाली!
उसने कहा- पूरी नंगी होने को थोड़े ही बोल रहा हूँ।

मैंने कहा- ले इतना ही कर सकती हूँ.
और मैंने ऊपर से नीचे सरका दिया जिससे मेरे बूब्स बाहर आ गए।

उसने उन्हें जी भर के चूसना शुरू कर दिया और मुझे जोश में आनंद आने लगा।

वह नीचे से ऊपर को दबाते हुए आटे को गूँथने जैसे मेरे बूब मसल रहा था और मैं आह … ह … स्सी … स्सी … आह … सी … सी कर रही थी।

मैंने कहा- साले, इतना टाइम क्यूँ लगा रहा है? घर निकलना है जल्दी चोद न चूतिये!
उसने कहा- ले फिर चूस मेरा लोड़ा!
और उसने अपनी पैंट नीचे सरका दी।

मैंने भी बिना देर किए उसका लंड गप्प गप कर के चूसना शुरू कर दिया।

बस एक मिनट में ही वह पूरा खड़ा हो गया तो मैंने कहा- ले साले चल अब चोद मुझे!
उसने मुझे साइड में दीवार से सटाया और मेरा लहंगा ऊपर को उठा के एक बार में लंड अंदर ठोक दिया।

बस फिर पटापट आगे पीछे चोदने लगा।
उसके धक्कों से मेरी स्सी … स्सी … आहह … आहह … आह … आई … आराम … से … निकलने लगी और मैं ऊपर नीचे हिलते हुए चुदवाने लगी।

मेरे खुले बाल और बूब्स उसके धक्कों से आगे पीछे हिलन लगे.
और मैं होंठ भींच के चुदवा रही थी ताकि आवाज कम हो।

मुझे इस सेक्स में मजा भी बहुत आ रहा था और हल्का हल्का सा मीठा दर्द भी हो रहा था।

ऐसे लगभग 5 मिनट हॉट गर्ल फक पोर्न का खेल चला।

तभी मम्मी का फोन आया और पूछने लगी- कहाँ है बेटा, घर नहीं चलना?
मैंने कहा- मम्मी बस आ रही हूँ, 10 मिनट में!
और फोन काट दिया।

बस फिर मैंने कहा- साले, यहीं सुहागरात मनाएगा क्या? चल फटाफट चोद के खत्म कर! मम्मी बार बार बुला रही हैं।
उसने कहा- अरे कुछ नहीं होगा. वह देख तेरी मम्मी नीचे अपनी सहेलियों के साथ गप्पें लड़ा रही है।

मैंने छत से नीचे झाँका तो मम्मी अपनी सहेलियों से बातें करती हुई हंस रही थी और पापा अपने दोस्तों के साथ बैठे हुए थे.
और इधर उनकी बेटी ऊपर किसी और के लंड से चुदवा रही थी।

अब उसने मुझे आगे को दीवार पे झुका के पीछे से लहंगा मेरी कमर पे रख दिया और लंड चूत में पेल दिया।

फिर मेरी कमर को पकड़ के उसने तेज़ तेज़ चुदाई चालू कर दी।

“आह … आह … वाह … मजा … आ रहा है … और तेज़ … और तेज़ … सी … आह … आ … आ …”

और पटापट चुदाई का सिलसिला चलता रहा।

करीब 5-6 मिनट में ही मेरा झड़ने का टाइम आ गया इतनी तेज़ तेज़ चुदाई से!
मैंने कहा- मैं झड़ने वाली हूँ, और तेज़ तेज़ चोद!

फिर उसने पूरी ताकत से चोदना जारी रखा.
और मैं ‘आ … आ … आ … आई … आहह … हो गया!’ कहती हुई झड़ गयी और उसे अपने से अलग कर दिया.

मैं ज़ोर से साँसें लेती हुई नीचे बैठ गयी दीवार से कमर लगा के!

वह बोला- अरे … मेरा नहीं झड़ा … एक बार झड़वा दे मेरा भी!

मैंने हम्म … हम्म … हम्म … हाँफते हुए कहा- अब ताकत नहीं है. ला मुंह में डाल कर चोद ले! तुझे तो झड़वा ही देती हूँ।

बस फिर क्या … उसने ऐसे ही मेरे मुंह में लंड दिया.
मैं चूसते हुए उसे झाड़ने की कोशिश करने लगी और वह मेरे मुंह में ही चोदता रहा।

कुछ टाइम में ही उसने कहा- आहह … सुहानी … आह … आह!
और मेरे मुंह में अपना पूरा लंड घुसा के अंदर ही पिचकारी मार के अपना सारा माल गिरा दिया।

फिर बस हम दोनों 2 मिनट सुस्ताए और कहा- अब चलते हैं।

मैंने फटाफट अपने कपड़े ठीक करे.

इतने में रिसैप्शनिस्ट भी ऊपर आ गयी और कहा- मैडम, आपकी फॅमिली आपको ढूंढ रही है।
मैंने कहा- हाँ चलो, काम हो गया है।

उसने कहा- मैडम, एक मिनट … आपके होंठों से सर का माल गिर रहा है।

मैं शर्मा गयी और उसने टिशू दिया।
मैंने जय के लंड का रस साफ़ किया और और उसने मेरे बाल ठीक किए।

निशी मुझे अपने स्टाफ रूम में ले गयी और बोली- ये लीजिये मैडम आपका बैग, जल्दी से कपड़े बदल लीजिये! आपकी परिवार वाले आपके बार में पूछ रहे थे। मैंने कह दिया कि आप दूसरे कमरे में चेंज कर रही हैं।
मैंने कहा- थैंक्स यार बचाने के लिए!

फिर मैंने फटाफट कपड़े बदले और चुपचाप जाकर फॅमिली के पास चली गयी जैसे कुछ हुआ ही ना हो।

फिर बस हम सब अपनी गाड़ियों में बैठे और जाने लगे।

होटल का स्टाफ हमें विदा करने आया था।

मैंने गाड़ी रुकवाई और निशी के पास गयी और उसके गले लगते हुए उसके कोट की जेब में 2000 रूपये डालकर कहा- आपके होटल की सर्विस बहुत अच्छी है।
उसने कहा- मैडम, जब भी आपको सर्विस का मन हो बेझिझक आ जाइए, मैं सब अरेंजमेंट कर दूँगी!
और हल्के से आँख मारी।

मैंने कहा- जरूर!

और गाड़ी में बैठ के अपने घर चली गई।

इसके कुछ टाइम बाद मेरी शादी हो गयी और मैं उसमे बहुत खुश हूँ.

मेरे पति भी सेक्स में कमाल हैं.
पर जो मजा मुझे अपने दोस्त से मिला, वह आनन्द पति के साथ शायद नहीं मिल पाया।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी यह कहानी?
मुझे मेल में जरूर बताइएगा।

और हाँ … जब भी आप मेल करें तो उसके सब्जेक्ट में कहानी का नाम जरूर लिख दिया करें जिससे मुझे पता लग सके कि आप कौन सी कहानी के बारे में बात कर रहे हैं।
इसके अलावा आप लोग मेरी पिछली कहानियों को भी पढ़ सकते हैं।

तो मिलते हैं अगली कहानी में!
तब तक मजे करते रहिए और मजे कराते रहिए।

हॉट गर्ल फक पोर्न कहानी पर अपनी राय भेजिए.
आपकी अपनी सुहानी चौधरी
[email protected]

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