मस्त लड़की ने मुझे बनाया अपना शूगर डैडी- 4

(Desi Ladki First Fuck Kahani)

देसी लड़की फर्स्ट फक कहानी में एक कुंवारी लड़की ने मेरे साथ दोस्ती करके होटल रूम में आकर अपनी वर्जिन चूत में मेरा लंड लेकर मजा लिया.

दोस्तो, मैं राहुल श्रीवास्तव आपको आदिरा नामक एक कमसिन लड़की की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
वह आज की जनरेशन की लड़की थी और अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के व्यक्ति को अपना शूगर डैडी बना कर मेरे साथ सेक्स का मजा ले रही थी.

पिछले भाग
कुंवारी लड़की की सीलबन्द चूत चाटने का मजा
में अपने पढ़ा कि मैं आदिरा के हाथों झड़ चुका था.

अब आगे देसी लड़की फर्स्ट फक कहानी:

हम दोनों को अपनी सांसों को नियंत्रित करने में थोड़ा समय लगा.
वह मुझसे चिपक कर लेटी थी और अपनी चूत मेरी जांघों से रगड़ रही थी.

मैंने देखा मेरे विशाल और भरे शरीर के सामने आदिरा कुछ भी नहीं थी.
मेरा एक हाथ स्वयं ही आदिरा की चूत को सहलाने लगा.

आदिरा मेरे लंड से खेलती रही.

धीरे धीरे मेरे लंड ने वापस अंगड़ाई ली और वह अपने असली रूप में आने लगा.

आदिरा ने लंड का तनाव देखा तो वह मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैंने भी उसका साथ दिया.

हम दोनों ही इस लिप किसिंग में ऐसे खोये कि कुछ याद ही नहीं रहा.

जब चुम्बन टूटा तो वह मेरे कान में फिर से फुसफुसाई- मेरे शुगर डैडी, आगे भी बढ़ने का इरादा है या …?
मैं- इरादा तो बहुत आगे का है, तुम कितना साथ दोगी?

आदिरा- मैं तो आपके रूम में, आपकी बांहों में हूँ … और वह भी बिना कपड़ों के आपके साथ हूँ. क्या आपको अभी भी लगता है कि मैं साथ नहीं दूंगी! बस आप जो भी करो, प्यार से करना … जिससे दर्द का कम से कम अहसास हो.

मैं- दर्द तो होगा, कोशिश करूँगा कम से कम हो … उस दर्द के बाद ही वह सब तुमको मिलेगा, जिसकी तुमको मुझसे तलाश है. फिर भी एक बार सोच लो इस रिश्ते का कोई अंजाम नहीं है और ये कब तक चलेगा, ये भी नहीं पता!

आदिरा- मुझे पता है सब … इतनी भी नादाँ नहीं हूँ. रिश्ता तो आपसे जुड़ ही गया है … और मेरी तरफ से पूरी जिंदगी रहेगा. ये भी पता है कि आपसे मुझे कोई खतरा नहीं होगा. बस आप बीच बीच में मेरे लिए समय निकाल लिया करना. मुझे इस रिश्ते को ऐसे ही सबसे छुपा कर ही निभाना है. बस आप अब वह सुख दे दो, जो मैं सिर्फ आपसे चाहती हूँ.

कहने सुनने को अब कुछ था ही नहीं.

मैंने उसको पलटाया और उसकी चूत में अपना मुँह घुसा दिया.
आदिरा ने अचानक हुए इस वार से जोर से सिसकारी भर ली- आ आह डैडी उफ्फ्फ्फ़ यह चीटिंग है आह …!
मैं हंस दिया.

कुछ ही पलों में उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया.

आदिरा ने भी चादर को कसके पकड़ लिया और वह मचलने लगी.

मैं भी उसकी चूत से हट कर उसके बाजू में आ गया.
अब मेरा लंड आदिरा की पहुंच में था, तो वह मेरा लंड मसलने लगी.

कुछ देर तक हम दोनों ने मौन रह कर एक दूसरे को चुदाई के लिए गर्म किया.

अब मेरा लंड और आदिरा की चूत दोनों ही एक दूसरे से मिलने को तैयार थे.

मैंने बाथरूम से तौलिया लाकर आदिरा के नीचे फोल्ड करके बिछा दिया और मसाज आयल से उसकी चूत अच्छे से लुब्रिकेट भी कर दी.

जब मैंने तकिया के नीचे से कंडोम निकाला तो आदिरा बोली- नहीं ये नहीं … मैं आपको बिना किसी अवरोध के महसूस करना चाहती हूँ.

मैंने भी कुछ ज्यादा नहीं कहा और उसकी दोनों टांगों को जितना फैला सकता था, उतना फैला दिया.

आदिरा अपनी बड़ी बड़ी आंखों से मुझको एकटक देखती रही.
शायद मानसिक रूप से आने वाले दर्द के लिए अपने आपको तैयार कर रही थी.

मैंने भी तेल से लंड को भिगो लिया था और एक हाथ से लंड पकड़ कर उसकी चूत में घिसने लगा था.

‘आह आह आह डैडी …’
नीचे से वह अपने चूतड़ को उछाल रही थी.
पर मैं ही देर कर रहा था.

उसकी बेचैनी और जिस्म की गर्माहट बढ़ा रहा था.
‘हम्म्म आह आह’ की आवाज़ से माहौल में काम वासना बढ़ रही थी.

कभी मैं हल्का सा दबाव देता तो वह और उचक जाती. लंड के चूत के छेद में दबाव से वह सिसकारी लेने लगी थी ‘ईई ईई आह.’

चूत के होंठ थरथरा रहे थे और आदिरा की बेचैनी व काम भरा उन्माद बढ़ सा गया था.
उसके जिस्म का तापमान अपने चरम पर था.

लंड को चूत में फंसा कर मैंने थोड़ा तेल और डाला और आदिरा के कंधे पकड़ कर उसकी चूत में लंड का दबाव बढ़ाया.
लंड का सुपारा चूत की फांकों को फैला कर अन्दर प्रवेश कर गया और उसके जिस्म पर दर्द का प्रभाव होने लगा.

‘आह आह आई इ इ ई उफ्फ्फ़ धीरे रे रे से डैडी.’

पर ये वक़्त धीरे का नहीं होता, सील तोड़ने के लिए एक मर्द को हैवान बनना ही पड़ता है.

मैंने एक हाथ उसके मुँह पर रखा और फिर एक तीव्र सा झटका दे मारा.
लंड फड़फड़ाता हुआ आधे से ज्यादा चूत में समा गया.
उसकी घुटी घुटी सी चीख और आंखों से आंसू बह निकले ‘आआ ई आह उइ इ इ बस रुको डैडी.’

मैंने भी मुँह से हाथ हटा दिया.
कोमल सी लड़की थी आदिरा … आधे से ज्यादा लंड उसके जिस्म में समां गया था.

फिर भी वह बिना शोर के घुटी घुटी सी आवाज से चीख रही थी ‘अह्ह … उईई … ईईई … माआआ … मर गईइइ … आ दर्द है डैडी ई ई …’
आदिरा पूरा मुँह खोल के जोर जोर से सांस ले रही थी.

मैं धीरे धीरे अपना लंड अन्दर सरकाता जा रहा था.

आदिरा दर्द को सहती हुई हल्का हल्का चीखती हुई मुझे अपने अन्दर आने दे रही थी ‘ह्ह्हह इईई … श्श्श्शश … अआआ … मम्मीईईईई … मर गई … डैडी ईई.’

आदिरा अपनी दोनों टांगों को जितना फैला सकती थी, वह फैला चुकी थी.

तभी मैंने नीचे देखा तो तौलिया में खून की लाल बूंदें लग चुकी थीं.

गजब की लड़की थी.
उसने इतना दर्द होने के बावजूद मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया था.

मात्र 20 साल की उम्र में अपनी उम्र से दुगने से भी ज्यादा बड़े मर्द का बड़ा लंड वह अपनी सील पैक चूत में ले चुकी थी.
उसने सारा दर्द सहन किया था और एक बार भी नहीं रोका था.

लंड का रंग और चूत के आस पास लाल खून के निशान बन गए थे.
आदिरा गहरी सांस लेती हुई लंड को जज़्ब करने की कोशिश कर रही थी.

मेरा लंड उसकी कुंवारी चूत को फाड़ कर जड़ तक घुसा हुआ था.
चूत ने लंड को जोर से जकड़ कर पकड़ा हुआ था.
सीन देखने में ऐसा लग रहा था मानो बोतल के मुँह में कॉर्क का ढक्कन फिट हो गया हो.

मैंने लंड को वैसे ही थोड़ा थोड़ा हल्का हल्का सा आगे पीछे करना शुरू किया.

‘आह … मेरे प्यारे शुगर डैडी थोड़ा रुक जाओ ना … क्या जान लोगे!’

मैं हंस पड़ा और रुक कर उसकी एक चूची को चूसने लगा और दूसरी चूची को हाथ से मसलने लगा.

वह मस्त नजरों से देखने लगी.

कुछ ही पलों में उसका दर्द कम होने लगा या यह कहें कि वह चूची चुसाई से उठने वाली जिस्म के अन्दर की तरंगों में खोने लगी और स्वतः ही मुझसे लिपटने लगी. अपने जिस्म को हल्की जुम्बिश देने लगी.
उसकी हरकतों से मुझे समझ में आ गया कि अब लंड को अन्दर बाहर किया जा सकता है.

मैंने भी पहले थोड़ा थोड़ा लंड अन्दर बाहर करना शुरू किया.

उसकी कराह निकली- आह आह ह ह ह अहह डैडी उम्म्ह … अहह!

एक अधखिली चूत में सम्पूर्ण लंड था और उसको अपने अन्दर लिए हुए आदिरा को आनन्द के समुद्र में डुबो रही थी.

‘ओह्ह्ह उंहह डैडी … धीरे पेलो न … आह रे दर्द हो रहा है डैडी धीरे.’

लंड का अन्दर बाहर होना उसको तकलीफ तो दे रहा था पर जो सुख वह चाहती थी वह भी उसे मिल रहा था.

मैंने उसकी दोनों टांगों को पकड़ कर लंड को पूरा निकाल कर अन्दर डालना शुरू किया तो उसकी चीख व सिसकारियां बढ़ने लगीं- आह ओफ़्फ़ उफ्फ नहीं अह्ह्ह ऊई!

मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करते हुए हवा में उसकी उठी हुई फैली दोनों जांघों को पकड़ कर बारी बारी से चूसने लगा.

कभी लंड अन्दर तो कभी बाहर ‘धायं धायं’ चल रहा था और बदले में आदिरा की ‘आएं उम्म्म हूँ हूँ … आआ आआ आएं हहआ मर गई … आह’ की आवाजें आ रही थीं.

कुछ ही देर में आदिरा की चूत मेरे लंड के हिसाब से फैल गई थी.

उसकी चूत से निकलता बेहिसाब चिकनापन मेरे लंड को सुगमता से अन्दर आने जाने में सहायक हो रहा था.
उसका दर्द भी खत्म होने लगा था.
इसी लिए मेरे लौड़े की धीरे धीरे स्पीड बढ़ने लगी.

कुछ ही देर में मेरी स्पीड इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि पूरा कमरा ‘पट … पट … फट … फट …’ की आवाजों से गूंजने लगा था.

आदिरा और मेरा जिस्म पसीने से नहा गया था.

लंड का चूत अन्दर बाहर होना, आदिरा की सिसकारियों को बढ़ाने लगा.

उसकी चूत से निरंतर बहता पानी और मेरी जांघों को भिगोता पानी इस बात की पुष्टि कर रहा था कि आदिरा का जिस्म एक से अधिक बार चरम सुख को प्राप्त कर चुका था.

फिर मैं आदिरा के जिस्म पर लेट गया और उसकी गर्दन को किस करने लगा.

आदिरा का फूल सा बदन मेरे विशाल जिस्म के नीचे दबा हुआ था. आदिरा ने अपनी टांगें मेरी कमर में कैंची जैसे बांध कर एक हाथ से लंड को चूत में सही से सैट किया और नीचे से कमर उचका कर लंड को अपनी चूत में ले लिया.

लंड चूत में ले तो लिया लेकिन अभी चूत इतनी ज्यादा नहीं खुल सकी थी कि मेरे मोटे लौड़े को आसानी से झेल सके.

उसकी कराह निकल गई- आह आहन हं हं हं डैडी कितना मोटा है आपका … उफ्फ … मेरी चिर सी गई है.

मैंने भी उसे चूमा और ऊपर से अपने सिर्फ चूतड़ों को हिला कर धक्के लगाने शुरू किए.

इसके जबाव में नीचे से उसने भी अपनी कमर को जुम्बिश दी.

फिर हम दोनों के जिस्म एक लय में चूत और लंड के मिलन में लग गए.

वह अपनी गांड भी उठाती रही और कराहती भी रही- आह डैडी सीस्स … ई सीसिस नहीं … बस करो यार … अह्ह्ह अहह्ह् उईईई माँ मर गई आह प्लीज धीरे से आईईई उफ्फ़.

पर मेरी स्पीड बढ़ती जा रही थी.
उसकी चूत में मेरा लंड तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था.

तभी वह एकदम से अकड़ने लगी और तेज स्वर में ‘उम्म्ह … अहह … हय … याह … उऊऊऊ …’ करती हुई उसने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया.

आदिरा की सिसकारियां मेरे जोश को निरंतर बढ़ा रही थीं और मैं हर झटके पर कामांध सांड के जैसे तेज होता जा रहा था.

उसकी हालत अजीब सी हो गई थी.
कभी वह कहती- आह प्लीज डैडी थोड़ा आराम से चोद लो … अह उउम्म्म्म.
तो कभी कहने लगती- उफ्फ़ आह्ह्ह मम्मी … आह मजा आ रहा है डैडी … और ज़ोर से पेलो प्लीज़!

मेरे मुँह से भी आवाजें निकल रही थीं.
मैं उस पर चढ़ा हुआ सिर्फ अपनी गांड को आगे पीछे करके उसको चोदता जा रहा था.

मेरी जांघें उसके जिस्म से टकराने से ‘पट … पट …’ और ‘फ़च … फ़च … फ़च … फ़च …’ की मधुर आवाज़ आ रही थी.

मेरा लंड आदिरा की चूत को चौड़ा करता हुआ दनादन अन्दर बाहर आ जा रहा था.
वह भी फिर से चार्ज हो गई थी और नीचे से अपनी गांड उठा कर लंड को लील रही थी.

मेरे मुँह से भी गुर्राहट से भरी हांफने की आवाज़ आने लगी थी.
हम दोनों के जिस्म पसीने से भीग गए थे.

पूरा कमरा वासना में डूबा हुआ था.
हम दोनों की जांघों के आस पास सफ़ेद क्रीम जैसा लसलसा सा पदार्थ जम गया था.

मेरा जिस्म अब और साथ नहीं देने वाला था और शायद आदिरा का भी.

मैंने अपने दिल और दिमाग को एकाग्र चित किया व अपने शॉट तेज कर दिए.
कुछ ही पलों में मेरा लावा भी फूटने को हो गया.

थोड़े और झटकों के साथ मैंने भी अपना लंड आदिरा की चूत में जड़ तक ठोक दिया और लंड में जमा सारा वीर्य उसकी चूत में उड़ेल दिया.

वह भी वीर्य की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाई.
उसने भी चूत सिकोड़ी और अपने रस की बौछार लंड पर कर दी.

चूत के अन्दर लंड पर चुतरस की फुहार साफ महसूस हुई … और मैं उसके जिस्म पर लेटकर गहरी सांस लेने लगा.

आदिरा भी मुझको अपनी बांहों में समेट कर दुलारती रही.

कुछ सांसें ठीक हुईं तो मैं उठ गया.

आदिरा की आंखें बंद थीं.
उसकी दोनों टांगें फैली हुई थीं.
चूत से सफ़ेद गाढ़ा लसलसा सा रस निकल कर नीचे तौलिया को भिगो रहा था.

उसके कुंवारेपन की गवाही तौलिया में खून के जमे थक्कों से हो रही थी.

चूचियां तेज सांसों से ऊपर नीचे हो रही थीं, जगह जगह लाल निशान थे.

चूत फूली हुई, छेद खुला हुआ और चूत के चारों ओर लंड और चूत के रस से बनी सफ़ेद क्रीम लगी थी.

यह स्थिति साफ बता रही थी कि आदिरा की कितनी जबरदस्त चुदाई हुई है.

उसको चोद कर जो आनन्द मैंने पाया था, वह मैंने अपने जीवन में अब तक कभी नहीं पाया था.

ऐसे अधखिले पुष्प को रौंदना हर मर्द का सपना होता है.
वह देसी लड़की फर्स्ट फक का सपना आज मैंने पूरा कर लिया था.

दोस्तो, वैसे तो सेक्स कहानी में चूत चुद जाने के बाद पाठक की रुचि खत्म हो जाती है लेकिन अभी भी इस देसी लड़की फर्स्ट फक कहानी में कुछ और है, जो मैं अगले भाग में लिखूँगा.
आप मुझे अपने मेल व कमेंट्स से जरूर नवाजें.
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देसी लड़की फर्स्ट फक कहानी का अगला भाग: मस्त लड़की ने मुझे बनाया अपना शूगर डैडी- 5

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