कॉलेज की लड़की के साथ चुदाई का सफर

(Desi College Girl Chudai Kahani)

देसी कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी में मैं पढ़ाई के लिए दिल्ली में था। कॉलेज में एक से एक सेक्सी गर्ल थीं। उनमें से एक मुझे पसंद आ गई। मैंने अपनी बैचमेट को पटाकर उसकी चूत चुदाई के पूरे मजे लिए।

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 23 साल है और अच्छी बॉडी है।
मैं जिम भी जाता हूं।
मेरा लौड़ा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है जो किसी भी चूत को संतुष्ट कर सकता है।

बात उस समय की है, जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था और पढ़ाई करने के लिए दिल्ली गया हुआ था।

मैं आपको इस देसी कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी की नायिका पावनी के बारे में भी बता देता हूं।
वह भी मेरे साथ पढ़ाई करती थी।
उसके बूब्स 34 के, कमर 30 की और गांड 36 की थी जो किसी के भी लंड का बुरा हाल कर दे।

उस वक्त मैं दिल्ली में किराए पर रहता था।
मेरा मकान मालिक बहुत ही अच्छे स्वभाव का था।
उसके परिवार में उसकी बीवी और उसके दो छोटे-छोटे बच्चे थे।

उसकी बीवी भी कोई कम माल नहीं थी।
उसका नाम अमनप्रीत था।

उसे देखकर मैं दावे के साथ कह सकता था कि पड़ोसी भी उसको रोज जरूर अपने सपने में चोदते होंगे।

मुझे वहां रहते हुए लगभग 6 महीने हो चुके थे और मकान मालिक से मेरी अच्छी पटने लगी थी।
इसी का फायदा उठाकर मैंने मकान मालिक की बीवी की भी चुदाई कर डाली।

उसकी वाइफ की चुदाई कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा।
अभी पावनी की बात कर लेते हैं।

तो दोस्तो, मैं जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ता था, वहां लड़कियों की कोई कमी नहीं थी।
एक से एक लड़कियाँ थीं वहाँ पर … जिनको देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता था।

मेरा मन तो बहुत करता कि वहीं पर पटक कर एकाध को चोद दूँ!
लेकिन यूनिवर्सिटी थी तो बवाल हो जाता।

लंड को शांत करने के लिए मैं बाथरूम में जाकर मुठ मार लेता था।

धीरे-धीरे दिन बीतते गए।

फिर मेरी नजर पावनी पर पड़ी।
वह मुझे बहुत अच्छी लगती थी।
मैं उस पर लाइन मारने लगा।

पहले तो उसने बहुत इग्नोर किया।
लेकिन फिर पता नहीं क्या हुआ उसने भी मुझे लाइन देना शुरू कर दिया।

मेरा तो मन उसको चोदने का करने लगा था।
मैं रोज उसके नाम की मुठ मारने लगा।

अब मैं उसकी चूत मारना चाहता था।

फिर मैंने उसे प्रपोज कर दिया और उसने हां भी कर दी।
हम दोनों बाहर घूमने और खाने-पीने लगे।
लगभग रोज ही मिलना होता था।

एक दिन मेरा मकान मालिक अपनी पूरी फैमिली के साथ अपने गांव वाले घर जाने वाला था।
मुझे लगा अब मौका सही है, पावनी की चूत में लंड का चौका मार देना चाहिए।

मैंने तुरंत पावनी को फ़ोन किया और कहा- मुझे उससे मिलना है आज!

वह भी राजी हो गई।
शायद उसकी चूत भी लन्ड मांग रही थी।

फिर मैंने रात से पहले ही उसे अपने रूम पर बुला लिया।
वह एकदम तैयार होकर आई थी जैसे चुदने के लिए ही आई हो।

उसकी चूचियाँ बड़ी मस्त थीं, गोल-मटोल … एकदम संतरे की तरह।

मैंने उसे बीयर ऑफर की जो कि मैं उसके आने से पहले ले आया था।
लेकिन उसने मना कर दिया तो मैंने उसे कोल्ड ड्रिंक दी।

फिर मैं उसकी तारीफ करते हुए बोला- यार, तुम तो बहुत ही सुंदर लग रही हो आज! मैं तो खुद को रोक ही नहीं पा रहा हूं, कुछ करने का मन कर रहा है!

पावनी- ओह! अच्छा, तो क्या करना चाहते हो जी आप?
मैं- आज मैं तुम्हारे इन रसीले संतरों का रस पूरी तरह से निचोड़ कर पीना चाहता हूं। तुम्हारी चूत और मेरे लंड का मिलन करवाना चाहता हूं।

पावनी- नहीं, यह सब नहीं यार … मैं इसके लिए अभी तैयार नहीं हूं।
मैंने भी उसे ज्यादा फोर्स करना ठीक नहीं समझा।

फिर मैं बोला- कोई बात नहीं, हम बस नॉर्मल किस कर लेंगे। इसमें तो कोई दिक्कत नहीं है ना?
वह बोली- नहीं, लेकिन सेक्स नहीं करेंगे।
मैंने कहा- ओके।

अब मैं तो बचपन से ही कमीना था।
गर्म करके मैं उसे चुदने पर मजबूर करने वाला था।
मेरा प्लान था कि फोरप्ले में ही उसे इतना गर्म कर दूं कि वह खुद मेरा लन्ड मांगे।

मैंने उसका चेहरा पकड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
उसने एकदम से खुद को छुड़ा लिया।
वह इस अचानक हमले से सहम सी गई थी।

लेकिन होंठों की गर्मी तो उसे भी मिल ही चुकी थी इसलिए मैंने फिर से हमला किया और इस बार उसने कोई विरोध नहीं किया।
अब मैं उसके होंठों को लगातार चूसने लगा।

उसको भी मजा आने लगा और वह गर्म होने लगी।
वह मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने धीरे से उसके बूब्स पर हाथ रख दिया।
उसने एकदम से हटा दिया मेरा हाथ।

मैंने दोबारा लगाया, उसने फिर हटा दिया।
लेकिन मैंने हार नहीं मानी।

मैं बार-बार उसकी चूची भींचता रहा।
एक टाइम आया कि उसने हार मान ली।

अब मैं आराम से उसके बूब्स दबाने लगा; अब वह कोई विरोध नहीं कर रही थी।

पावनी अब कसमसाने लगी।
मैंने उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया।
अब वह मेरे वश में होती जा रही थी।

फिर मैं उसका शर्ट उठाने लगा।
एक बार तो उसने रोका लेकिन मैंने गर्दन पर किस करके उसे ज्यादा सोचने का मौका नहीं दिया।

फिर मैंने कमीज उतरवा दिया।

उसकी ब्रा में वह कामदेवी से कम नहीं लग रही थी।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए, उसके बदन को सहलाने लगा।

हर जगह से मैं उसके कोमल-मखमली जिस्म को छूकर देख रहा था।
उसकी काया इतनी नर्म थी कि पूछो मत यार … मैं तो पागल हुआ जा रहा था।

जैसे ही मेरी नज़र उसकी चूत पर गई मैं अपने होश से खो बैठा।
क्या सेक्सी चिकनी चूत थी … एक भी बाल नहीं चूत पर!
लग रहा था कि जैसे वह पहले से ही चुदने का मूड बनाकर आई हो।

आराम से उसको मैंने नीचे लिटा लिया और धीरे से उसके ऊपर चढ़ गया।

मैं उसके बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा।
कुछ ही देर में उसके अंदर भी वासना की लहरें दौड़ने लगीं।

वह एकदम मदहोश हुई जा रही थी।
मौके की नजाकत को देखते हुए मैं भी अपने सारे कपड़े निकाल कर बिल्कुल नंगा हो गया।
मेरा लन्ड पावनी के सामने आ गया।

एक बार तो उसने शर्माने का नाटक किया लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रखवा दिया।
मेरा लंड एकदम से गर्म होकर तप रहा था।
उसके नर्म-कोमल हाथ का स्पर्श पाकर वह और ज्यादा टाइट हो गया।

वह मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी।
लंड को सहलाते हुए मैं उसके चेहरे की तरफ देख रहा था, जिस पर मुझे चुदाई की प्यास साफ नजर आ रही थी।

फिर मैंने उससे अपना लन्ड चूसने को कहा तो झट से उसने मेरा लन्ड मुंह में डाल लिया और बिल्कुल एक्सपर्ट रण्डी की तरह चूसने लगी।

लंड चुसवाते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं भी बेकाबू सा होने लगा।
जोश में आकर मैंने उसके बाल पकड़े और उसका मुंह जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया।

फिर कुछ देर बाद जैसे ही मैं झड़ने को हुआ तो मैंने उसके बाल कसकर पकड़े और अपना लन्ड पूरा उसके गले तक ठूंस दिया।
वह बस गूं … गूं की आवाजें ही निकाल पा रही थी।
उसकी सांस रुकने लगी तो वह अपने हाथ से मेरी जांघ पर जोर से पीटने लगी।

इतने में ही मेरा माल उसके गले में गिरने लगा।
जब तक माल की एक-एक बूंद उसके गले में उतर नहीं गई, मैंने उसे नहीं छोड़ा।

फिर मैंने लंड निकाला तो वह बुरी तरह से हांफ रही थी।

पावनी हांफती हुई आवाज में- आज पहली चुदाई में ही मारने का प्लान है क्या?
मैं- अरे मेरी जान … ऐसे थोड़े ही होने दे सकता हूं मैं, अगर तू मर गई तो इसे (लन्ड की तरफ इशारा करते हुए) कौन प्यार करेगा।

पावनी- ओह, तुम्हें तो बस अपनी पड़ी है, मेरा क्या, इतनी देर से जो नीचे आग जल रही है।

उसके इतना कहते ही मैंने उसे खींचा और 69 की पोजिशन में ले लिया।

वह मेरा मुर्झाया हुआ लंड मुंह लेकर खड़ा करने लगी और मैं उसकी चूत के रस को चाटने लगा।

फोरप्ले में उसकी चूत ने बहुत सारा रस छोड़ दिया था और वह अंदर से पूरी गीली हो चुकी थी।

फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी।
जैसे ही उंगली अंदर गई तो मुझे पता चल गया कि वह वर्जिन नहीं थी, वह पहले चुद चुकी थी।

मैं- ओह डार्लिंग, तुम तो पहले ही अपनी चूत का उद्घाटन करवा चुकी हो, फिर मेरा लन्ड लेने में इतने नखरे क्यों कर रही थी?
पावनी- ताकि हमारी चुदाई का मजा डबल हो जाए, वैसे तुम्हें वर्जिन चाहिए थी क्या?

मैं- ऐसा कुछ नहीं है मेरी जान … अब तो बस मुझे तेरी चूत का स्वाद चखना है!
फिर मैं उसकी चूत चूसता रहा और उंगली करना जारी रखा।

इतने में मेरा लन्ड भी पूरे जोश में आ गया।
अब मैं सीधा हुआ और अपना लन्ड उसकी चूत पर सेट कर दिया।

मैंने अपना पूरा लंड एक झटके में ही उसकी चूत में उतार दिया।
वह बहुत जोर से चिल्लाई- आह्ह आईई … धीरे-धीरे करो … दर्द होता है।

मैंने धीरे-धीरे लण्ड अन्दर-बाहर करना शुरू किया और चुदाई करने लगा।
फिर उसको भी मज़ा आने लगा और थोड़ी देर में वह उछल-उछल कर चूत चुदाई में मेरा साथ देने लगी।

पावनी के मुंह से मस्त कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- ओह्ह राहुल … ओफ … आह्ह … चोदो मुझे … सारी प्यास बुझा दो आज!

उसकी तेज-तेज, कामुक सिसकारियों से मेरा जोश और ज्यादा बढ़ रहा था।

मैंने उसे और तेजी से चोदना शुरू कर दिया।

चुदाई की पट-पट की आवाजों से कमरे का माहौल बहुत ज्यादा कामुक हो गया था।

पावनी का बदन मेरे धक्कों के रिदम के साथ अपनी ताल मिला रहा था।
वह अपनी गांड उठा उठाकर मेरे साथ अपनी चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी- ओह यस … आआ … आह्ह्ह उफ फ्फ … यार आह अह आह!

कुछ मिनट बाद लगने लगा जैसे वह झड़ने जा रही है।
उसका शरीर अकड़ना शुरू हुआ तो मैंने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी।
दो पल बाद ही वह झड़ गई।

मेरा अभी नहीं झड़ रहा था क्योंकि मैं कुछ देर पहले ही एक बार अपना माल निकाल चुका था उसके मुंह में!
तो मैंने पावनी को लगातार उसी स्पीड में चोदना जारी रखा।

मगर झड़ने के कारण पावनी अब शान्त हो गई थी।
उसकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आ रहा था।
वह एकदम निढाल होकर बस पड़ी-पड़ी मेरे लंड तले चुद रही थी।

कुछ देर और उसे चोदने के बाद मैं भी झड़ने के करीब पहुंच गया।
फिर दो मिनट बाद ही मेरा माल भी उसकी चूत में गिरने लगा।

मैं पूरा खाली हो गया और उसके ऊपर लेट गया।

उसने अपनी अपनी आँखें बंद कर लीं।
जैसे ही मैंने उसकी आंखों से हाथ हटाया तो उसकी आंखों में एक अजीब सी खुशी मुझे दिखी।
फिर मैं भी उसकी बगल में निढ़ाल होकर लेट गया।

थोड़ी देर बाद वह मेरे बदन पर हाथ फिराने लगी; अपने हाथों से मेरे अंग सहलाने लगी और मुझे किस करने लगी।
मैंने भी उसके बूब्स दबाना शुरू कर दिया।

लगभग 15 मिनट के बाद मेरे लन्ड में एक बार फिर से जोश भर गया और हमारा चुदाई का खेल दोबारा से शुरू हो गया।
देसी कॉलेज गर्ल चुदाई उस रात तीन बार हुई।

अब हम एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं।
हमें जहां भी मौका मिल जाता है चुदाई का भरपूर मजा लेते हैं।

अब तक मैं पावनी को हरेक पोज में चोद चुका हूं।
मैं पावनी की सेक्सी गांड की चुदाई का मजा भी ले चुका हूं।
उसकी लन्ड को मचला देने वाली गांड का उद्घाटन मेरे ही लंड ने किया था।

तो दोस्तो, पावनी की पहली चुदाई की कहानी यहीं तक थी।
आपको यह स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना … आप सबकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।

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