अठारह वर्षीया कमसिन बुर का लुत्फ़-2

(Atharah Varshiya Kamsin Bur Ka Lutf- Part 2)

रीना रानी कुछ देर मेरी ओर आँखें तरेर कर देखती रही।
जब मैंने कुछ गड़बड़ नहीं की तो बोली- पहले तो मैंने उसके साथ यूँ ही औपचारिक बातें कीं, अपने बारे में बताया और उसके बारे में पूछा.. थोड़ी देर में जब लगा कि हमारी दोस्ती हो जाएगी तो मैंने कहा कि ज़रा मैं फ्रेश हो लूँ… इतनी लम्बी ड्राइव के बाद बदन जकड़ गया सा लगता है।

उसने मुझे बाथरूम दिखा दिया और एक साफ धुला हुआ तौलिया निकाल कर दिया।
बाथरूम में जाकर मैंने अंदर से चिटखनी नहीं लगाई।
फिर एक शावर लिया और मुंह, हाथ, पैर वाश किये और फिर मैं नंगी ही तौलिया लपेट के बाहर निकल आई।

वो हैरानी से देखने लगी।
फिर मैंने अपना सूटकेस खोला और नाइटी और नाईट गाउन निकालते हुए जान बूझकर तौलिया खोल के गिरा दिया। अब मैं एकदम नंगी थी।

मैंने ड्रेसिंग टेबल के शीशे में खुद को निहारा और चूचे दबाए, एक निगाह चोरी से ऐश्वर्या पर डाली।
वो शरमाई हुई सी थी लेकिन आँखें चुरा के मुझ को देख रही थी।

मैंने अच्छे से मम्मे सहलाए और चूत में उंगली करी, फिर मैं उसकी तरफ पलटी तो उसने नज़रें झुका लीं।
मैंने कहा- तू शर्मा क्यों रही है? मैं भी तो एक लड़की हूँ, कोई लड़का थोड़े ही हूँ। तू भी लड़की मैं भी लड़की… तो नंगी होने में कैसी शर्म? ले देख मेरे चूचे, इनको छू कर देख… हैं न कितने नर्म नर्म? ये देख मेरे निप्पल… पसंद आए तुझको?

वो डरी डरी सी बोली- दीदी क्या करती हो, मुझे बहुत शर्म आ रही है। अगर कोई आ गया तो?
मैंने उसके हाथ उठकर अपने चूचों पर रख दिए और कहा- कि चल अब तू इनको आराम से सहला, अगर जी करे तो दबा भी देना।

वो हाथ हटाने की चेष्टा करने लगी मगर मैंने उसके हाथ छोड़े नहीं।
थोड़ी देर में उसको भी मज़ा आने लगा तो मैंने अपने हाथ हटा लिए और उसको ही चूचों से खेलने दिया।

कुछ देर के बाद मैंने कहा कि अगर दिल कर रहा हो तो चूस भी ले निप्पल, देख सख्त हो रहे हैं ना? तू चूसेगी तो फिर से मुलायम हो जायेंगे। बोल न दिल कर रहा है चूसने का?
उसने शरमाते हुए सर हिला कर हामी भरी।

मैंने उसका मुंह पकड़ के चूची पर लगा दिया तो वो डरते डरते चूसने लगी।
थोड़ी देर के बाद मैंने उसके चूचे कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने शुरू कर दिए।
वो कुछ न बोली, मज़े से चूचियों से मुझको खेलने दिया।

थोड़ी देर के बाद मैंने कहा- जब तक तू भी नंगी नहीं होगी, पूरा मज़ा नहीं आएगा! चल दोनों बाथरूम में चलते हैं।
कह कर मैंने रूम का दरवाज़ा बंद करके चिटखनी लगा दी।
अब तक उसकी शर्म काफी दूर हो चुकी थी।

हम दोनों बाथरूम में गए और वहाँ मैंने उसको एक एक कपड़ा उतार कर नंगी कर दिया।
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नंगी वो हो तो गई मगर बहुत ज़्यादा डरी हुई थी कि ना जाने क्या हो जायेगा और शर्म से लाल लाल हुई पड़ी थी।
मैंने उसकी चूचियाँ चूसना शुरू किया तो वो भी मज़ा लेने लगी।

मैंने थोड़ी देर चुचूक चूस के उसकी बुर में उंगली थोड़ी सी दी तो मज़े में साली कराह उठी।

फिर मैंने उसे पूछा- चल तुझे एक मस्त ब्लू फिल्म दिखाती हूँ।
तो वो बोली- न तो मेरे पास कंप्यूटर है और न ही स्मार्ट फोन!

मैंने कहा- पहले कपड़े पहन लेते हैं फिर मैं तेरे राजे ताऊजी का लैपटॉप लेकर तुझे मज़ा दिलाती हूँ।

बाहर निकल कर कपड़े पहले और फिर मैं तेरे कमरे से लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल ले आई। पहले तो उसको बिठाकर दो तीन छोटी छोटी ब्लू फ़िल्में दिखाईं, खूब गर्म हो गई मादरचोद!

उसने ऐसी फिल्मों के बारे में सुना तो था अपनी स्कूल की सहेलियों से, लेकिन कभी देखी नहीं थी। उसको तेरी कहानी जो तूने मेरे ऊपर लिखी थी वो पढ़वाई।

कहानी पढ़ कर तो और भी गर्म हो गई।
मैंने कहा अगर दिल करता है तो मेरी चुम्मी ले ले!
तो साली ने झट से चुम्मी ले ली।

मैंने बताया कि कहानी वाली रीना मैं ही हूँ और मुझे चोदने वाले राजे तेरे ताऊजी हैं!

तो बहनचोद ने अचरज से पूरा मुंह खोल के कहा- …हौ… दीदी तुम सच कह रही हो? यह सच्ची घटना है? ताऊजी ने वाकई में आपके साथ किया था।

मैंने कहा- बहन की लोड़ी, सच है कि तेरे ताऊ ने मेरी नथ खोली थी… और अब ये दीदी दीदी बोलना बंद कर कुतिया… रीना बोला कर!
सुन कर रंडी बड़े ज़ोर से शरमाई, साली का मुंह लाल हो गया, शरमाते हुए बोली- तुम कितनी गालियाँ देती हो लड़कों की तरह?

मैंने उसके चूचे बड़े ज़ोर से दबाए और कहा- हरामज़ादी, तूने सुना नहीं मुझको तू कहना है तुम नहीं और हाँ गालियाँ देना सीख ले मादरचोद। आज रात को तेरा चोदू ताऊ मुझे चोदेगा तब तो मानेगी… आज देखियो ब्लू फिल्म का रियलिटी शो।

तो राजे, भोसड़ी वाले, इतना काम कर दिया है, अब इसके आगे तू देख कमीने।
वो तेरे से चुदेगी या नहीं मेरे को नहीं पता लेकिन आज चुदाई का लाइव शो देखेगी तो शायद चुदने को राज़ी भी हो जाए।

मैंने ख़ुशी से चूर होकर रीना रानी को कस के लिपटा लिया और खूब मस्ती लेकर उसके गुलाब जैसे होंठ चूसे।
रानी ने भी उत्तेजित होकर लौड़े पर हाथ रखकर उसको सहलाया।

एक लण्ड की प्यास से बेहाल दर्शक की मौजूदगी में रात को होने चुदाई की अपेक्षा में हुई तीव्र उत्तेजना से उसके मुंह में पानी भर आया था जो उसके होंठ चूसते हुए मेरे मुंह में मुखरस के रूप में आए जा रहा था।

मैंने पैंट की ज़िप खोलकर लण्ड को निकाल दिया और रीना रानी का हाथ उस पर रख दिया।
रीना रानी ने लण्ड का स्पर्श पाते ही मस्ती में आकर कुछ कहना चाहा।

परन्तु उसका मुंह तो मेरे मुंह से चिपका हुआ था, इसलिए बेचारी सिर्फ घूँ… घूँ… घूँ…. की आवाज़ ही निकाल पाई लेकिन उसने लण्ड को कस के पकड़ लिया और धीरे धीरे सुपारी की खाल आगे पीछे करने लगी।

रीना रानी की लण्ड चूसने की बेताबी महसूस करके मैंने उसके मुंह से मुंह हटा लिया।

जैसे ही वो छुटी साली फ़ौरन ही घुटनों पर बैठ गई और गप्प से लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।
रीना रानी लण्ड चूसने में माहिर थी, बड़े मज़े ले लेकर हरामज़ादी अपने तर मुंह से लौड़ा चूस रही थी।
बहुत आनन्द आ रहा था, सांसें तेज़ हो चली थीं और बदन तपने लगा था।

रानी ने अपने अंगूठों से पेरीनियम को हल्के हल्के दबाना शुरू किया।
पेरीनियम शरीर के उस मुलायम और नाज़ुक भाग को कहते हैं जो टट्टों और गांड के बीच होता है। इसे हिंदी में क्या कहते हैं मुझे नहीं मालूम… यदि किसी पढ़ने वाले को ज्ञात हो तो कृपा करके बता दें।

यार मज़े की पराकाष्ठा हो गई जब लण्ड चूसा जा रहा था और रानी पेरीनियम दबा रही थी।
यह मां की लौड़ी नथ खुलने के कुछ महीनों में ही इतनी मंजी हुई लौड़ा चूसने वाली बन जाएगी यह बड़ी हैरानगी वाली बात थी।
शायद चुदक्कड़ लड़कियाँ मज़े देने वाली बातें ऐसे ही जल्दी सीख लिया करती हैं।

तो हुआ यह कि मैं बड़े लुत्फ़ के साथ लौड़ा चुसवा रहा था।
यदि छत पर लेटने का जुगाड़ होता तो निश्चित ही मैं रीना रानी की चूत भी चूसता।

मैं जानता था कि रीना रानी की चूत रस से भरी हुई होगी और इसलिए इतने स्वादिष्ट रस को न पी पाने का मलाल हो रहा था।

परन्तु रीना रानी लण्ड चूस चूस के बहुत प्रसन्न थी, कभी धीरे धीरे लण्ड को पूरा गले तक ठूंस लेती और जीभ मार मार के आनन्द देती तो कभी लण्ड को सुपारी तक बाहर निकाल के लण्ड की पूरी लम्बाई को चाटती तो कभी सिर्फ गुलाबी गुलाबी सुपारे को बड़े प्यार से भली भांति चारों ओर से चाट लेती।

मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो गई थीं, लौड़ा फूल के कुप्पा हुआ पड़ा था, टट्टे माल से भर गए थे और मेरे खलास होने में अब ज़्यादा वक़्त न था।

चाहता तो मैं कुछ खुद को कंट्रोल करके झड़ना काफी देर तक टाल सकता था परन्तु हम छत पर थे और किसी के आने का खतरा तो बना ही हुआ था।

रीना रानी ने हचक कर अपने अंगूठे अब कस के पेरीनियम में गड़ा दिए और सिर आगे पीछे करते हुए लौड़े को तेज़ तेज़ चोदना शुरू किया।

मैं अब सीत्कार भरने लगा था, मेरी कमर भी स्वयं ही आगे पीछे हिलने लगी थी, जब मुझे अपने अण्डों में एक तेज़ सुरसराहट महसूस हुई तो मैंने रीना रानी का सिर थाम लिया और दनदनाते हुए दस पंद्रह शॉट उसके मुंह में ठोके, हर शॉट में लौड़ा बड़ी तेज़ी से उसके गले पर ठुकता।

रानी के गले से ऊऊऊऊँ ऊऊऊऊँ की आवाज़ निकलने लगीं।
मैंने एक ऊँची आआआआ आहहहहह निकलीं और फिर मैं ठाँ से झड़ा।

आआआहहआ करते हुए मैंने अपने माल के मोटे मोटे लौंदे रीना रानी के मुंह में छोड़े।
रानी सब बड़े मज़े में लेती चली गई।
उसको मेरा वीर्य पीने का बहुत चस्का पड़ चुका था, बड़े मंजे हुए खिलाड़ी की भांति उसने लण्ड की नसें दबा दबा के वीर्य की आखिरी चंद बूँदें भी निकाल ली जिन्हें उसने अपने चेहरे पर अच्छी तरह मसल मसल के मल लिया।

थोड़ी देर तक तो मैंने एक रेस भागे हुए घोड़े की तरह हाँफता रहा, जब साँसें काबू में आ गईं तो मैंने रीना रानी को बड़े प्यार से अपने आगोश में लेकर कई दफा चूमा और फिर हम वापिस छत से नीचे आ गए।
कहानी जारी रहेगी।

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