उस रात की बात न पूछ सखी
प्रेषक : अक्षय राठौर स्नानगृह में जैसे ही नहाने को मैं निर्वस्त्र हुई, मेरे कानों को लगा सखी, दरवाज़े पे दस्तक कोई हुई, धक्-धक् करते दिल से मैंने, दरवाज़ा सखी री खोल दिया, उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया !! आते ही साजन ने मुझको, अपनी बाँहों में कैद […]