जिस्मानी रिश्तों की चाह -21
यह मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन तरीन नज़ारा था… मेरी आपी.. मेरी वो सगी बहन.. जिसकी हया.. जिसके पर्दे.. जिसकी पाकीज़गी.. की पूरा खानदान मिसालें देता था.. वो मेरे सामने बगैर क़मीज़ के खड़ी थीं… उसके मम्मे मेरी नजरों के सामने थे।