जमशेदपुर की गर्मी-3
प्रेमशीर्ष द्वारा लिखित एवम् प्रेम गुरु द्वारा संशोधित और संपादित उससे भी अब नहीं रहा जा रहा था। उसने अपनी शर्म त्याग कर एक झटके में मेरी चड्डी को नीचे कर दिया और मेरे 7″ लंबे और बहुत ही मोटे लंड को आज़ाद कर दिया। उसे देख कर वो चकित रह गई। मेरा लंड शायद […]