पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -3
जहाँ पापा मम्मी के गुलाबी अधरों का रस पान कर रहे थे, वहीं मम्मी पापा के मुँह का रस पी रही थी और रोमाँच के कारण उनके मुँह से केवल उम्म... उम्ह... उम्ह की सिसकारी रूपी आवाजें निकल रही थी। अब पापा के हाथ मम्मी के ब्लाउज पर आ गए, पापा अपने हाथ मम्मी के उरोजों पर ब्लाउज के ऊपर से ही फिराने लगे।