जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-5
तरण-ताल सखी चारों तरफ चांदनी थी, हम तरण-ताल में उतरे थे, जल तो कुछ शीतल था लेकिन, ये बदन हमारे जलते थे, जल में ही सखी सुन साजन ने, मुझको बाँहों में भींच लिया, उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . हर्षित उल्लासित मन से हमने, कई […]