एक और अहिल्या-8
"ओ राज! मुद्दतों तड़पी ... बरसों सुलगी, मैं इस पल के लिए." कह कर वसुन्धरा ने अपने दोनों हाथों से मेरा सर नीचे कर के मेरा चेहरा चुंबनों से भर दिया.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
"ओ राज! मुद्दतों तड़पी ... बरसों सुलगी, मैं इस पल के लिए." कह कर वसुन्धरा ने अपने दोनों हाथों से मेरा सर नीचे कर के मेरा चेहरा चुंबनों से भर दिया.
मेरे घर के पास एक लड़की रहती थी उसका नाम किरण था। वो जब भी मुझे देखती.. तो हमेशा देख कर मुस्कुराती, इशारे करती, मैं बहुत खुश हो जाता कि वो मुझे पसंद करती थी।
वाइफ़ स्वैपिंग के बाद मेरी बीवी काफ़ी खुल गई थी। एक दिन ब्ल्यू फ़िल्म देखते हुए उसने नीग्रो के लौड़े की मांग कर दी। कहानी में पढ़िए कि उसकी मांग कैसे पूरी हुई…
मैंने उसे चूमना शुरू किया और अपना हाथ उसके मम्मों पर ले गया। उसने मना किया, फिर भी मैंने धीरे धीरे उसके निप्पलों को चूसना शुरू किया। वो गरम होने लगी और बोली- कुछ करो !
मेरी क्लास की लड़की ने अपनी सहेली के जरिये मुझे प्रपोजल भेजा, मैं भी उसे पसन्द करता था, मैंने हाँ कह दी। अब हम सुबह जल्दी आकर क्लासरूम में रोमांस करते थे।
यह चुदाई की कहानी है एक जवान लड़की की जो मुझे बस में मिली थी. बातों बातों में मैंने उसके दोस्ती की और बात बन गई.
भाभी का सेक्स प्ले कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस की भाभी की अपने पति से बनती नहीं थी. वो मुझसे प्यार पाना चाहती थी लेकिन साथ ही मुझे सेक्स के लिए भी कहती थी.
इस टीचर सेक्स कहानी में पढ़ें कि अपने पति से काम असंतुष्ट टीचर ने अन्तर्वासना के एक लेखक से सम्पर्क किया और उसे अपनी अतृप्त यौन तृष्णा शांत करने को कहा.
मैंने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की गर्लफ्रेंड बनायी. एक दिन उसने मुझे बाहर चलने को कहा क्योंकि वो अकेली थी. मैं उसे एक होटल में ले गया. वहां हमने खाना खाया और ...
हॉट गर्ल वांट सेक्स ... मेरी मकानमालकिन मुझसे चुदती है. उसकी बेटी को पता चला गया. उसने हमें सेक्स करते देख लिया. अब बेटी भी मेरे साथ सेक्स करना चाहती है.
उसने मुझ को ठंडा या गरम के लिए पूछा, मैंने कहा- आज तो तुमको ही पीऊँगा.. तुम्हारी गर्मी को ठंडा करूँगा। वो मुस्कुरा दी और मेरे पास बिस्तर पर ही बैठ गई।
लेखिका : नेहा वर्मा पटना की मेरी ई-मित्र शिखा जो 55 वर्ष की है, अपने जवानी के मधुर पलों को याद करते हुये कहती है कि वो दिन मेरी जवानी के सुनहरे दिन थे। जब मैं 22-23 वर्ष की थी। देवर भाभी के अन्तरंग रिश्तों को और आगे बढ़ाते हुये कहती है कि उन दिलकश […]
मेरा लंड अभी भी वैसे ही खड़ा था क्योंकि ना वो कल छूटा था न वो आज अभी तक छूटा था। मैं नहीं चाहता था कि किसी लड़की के अंदर छूटा कर उसका जीवन मुसीबत में डालूँ इसलिए मैं अपने को रोक रखने की शक्ति का इस्तेमाल कर रहा था।
मैंने उसे बताया- राहुल! मैंने तुम्हे रात को मुठ मारते देखा था। टी वी पर ब्ल्यु फ़िल्म चल रही थी। मैं तो बस तड़फ़ गई थी… ऐसा मोटा लण्ड देख कर…
विजित पाटिल मैं और मेरी पत्नी, शादी के बाद एक नए घर में खारघर, नवी मुंबई में रहने गए। मैं घर के कामों के लिए कामवाली ढूँढ रहा था। एक दिन मुझे लिफ्ट में एक कामवाली लड़की मिली। उसका नाम निशा था, वो हमारे ही बिल्डिंग में काम करती थी। मैंने उसे काम के लिए […]