केले का भोज-4
क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने के लिए और जोर लगा दिया… कोई लहर आ रही है… कोई मुझे बाँहों में कस ले, मुझे चूर दे… ओह… कि तभी ‘खट : खट : खट’… मेरी साँस रुक गई। योनि एकदम से भिंची, झटके से हाथ खींच लिया… खट खट खट… हाथ […]