लंड की करतूत-2
करीब एक घंटा हम दोनों चादर ओढ़े नंगे पड़े रहे और एक दूसरे के शरीर सहलाते रहे। मैं उसकी चूत की फांकें और वह मेरा लंड चूसते रहे। हम दोनों एक बार फिर बहुत उत्तेजित हो गए।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
करीब एक घंटा हम दोनों चादर ओढ़े नंगे पड़े रहे और एक दूसरे के शरीर सहलाते रहे। मैं उसकी चूत की फांकें और वह मेरा लंड चूसते रहे। हम दोनों एक बार फिर बहुत उत्तेजित हो गए।
एक बार शेर और शेरनी गुफा में आराम फरमा रहे थे। इतने में एक कुत्ता आया और गुफा के मुहाने पर खड़ा होकर बोला- ओये शेर ! माँ के लौड़े, बाहर निकल कुत्ते के बीज ! शेर ख़ामोश रहा कुछ नहीं बोला। कुत्ते ने फिर गाली दी- बहन के लौड़े ! साले, बाहर निकल ! […]
मेरी सौतेली मम्मी की कामवासना मेरे पापा शांत नहीं कर पाते थे. मैं चाहता था की मेरी मम्मी खुश रहें क्योंकि वे मुझे बहुत प्यार करती थी. मैंने अपनी मम्मी की मदद कैसे की?
मेरा दोस्त अपनी भाभी के साथ चुदाई की बातें बता कर मेरा लंड खडा कर देता था. वो मुझे भी अपनी भाभी की चूत दिकाने की बात करता था. एक बार मैं उसके साथ उसके घर गया तो ...
ट्रेन वाली भाभी के गर्भाधान के लिए उसे एक बार और चोदा। तभी हमें दो लड़कियाँ मिली, उनमें से एक फ़िल्म की शूटिंग के लिए हमारे गाँव आई थी। उनसे क्या बातें हुई!
शादी की पहली रात ही मेरे पति ने मेरे अरमानों पर पानी फेर दिया. वो मुझे ढंग से चोद ही नहीं पाया. अपने चूतिया पति की जगह मैंने मेरे अरमान मैंने किसके साथ और कैसे पूरे किये?
सविता भाभी स्वास्थ्य की जांच करवाने डॉक्टर की क्लीनिक पर गई. डॉक्टर पहले से सविता भाभी के कामुक बदन पर नजरें गड़ाए हुए था. जवान डॉक्टर सविता भाभी की जांच करते करते उत्तेजित हो गया।
मैं नंगा होकर जमीन पर लेट गया. नम्रता अपने कपड़े उतार मेरे पैरों के बीच बैठ गई. उसने मेरे कूल्हे पर तड़ाक-तड़ाक कर के दो तमाचे जड़ दिए और कुप्पी को गांड के अन्दर डालने लगी.
मैं और मेरी मौसी की बेटी साथ साथ खेल कर बड़े हुए थे. बड़े होने पर हमारे खेल भी बड़ों वाले हो गए थे... हम ऊपर ऊपर से एक दूसरे को चूमने, मसलन का मज़ा लेते रहते थे...एक बार उसको परीक्षा देने के लिए उसी शहर में जाना था जहां मैं पढ़ता था तो मौसी ने मुझे उसके साथ जाने को कहा क्योंकि वहां पर मेरा कमरा भी था !तो हम दोनों आ गए उस कमरे में... कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
गाण्ड मराये बेगम दण्ड भरे गुलाम – मतलब किसी के गुनाह की सजा किसी दूसरे को देना यानि चोरों का दण्ड फकीरों को। झाँट उखाड़ने से मुर्दे हल्के नहीं होते – यानि किसी भारी काम को बहुत थोड़ा प्रयास करने से कुछ नहीं होता जैसे ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती। तेली का तेल जले […]
सभी फड़कती चूतों को सलाम! पिछली स्टोरी के लिए आपके ढेर सारे मिल्स आए उनके लिए आप सब का बहुत बहुत थंक्स यार और ये स्टोरी पढ़ कर भी मेल ज़रूर करना.. और अब ज़्यादा भूमिका बनाये बिना सीधा सीधा कहानी शुरू करता हूँ. हुआ यूँ कि वो मेरे ऑफिस में मेरे कलीग थी और […]
प्रेषक : अविनाश मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है… मेरा नाम अविनाश है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 वर्ष है, मैं दिखने में काफी अच्छा लगता हूँ। बहुत सी लड़कियों को मेरा लंड बहुत पसंद आया है जो 7 इंच लम्बा और अच्छा […]
प्रेषिका : शोभा मुरली शेखर अब अगले शुक्रवार की तैयारी में जुट गया। वह चाहता था कि अगली बार जब वह प्रगति के साथ हो तो वह अपनी सबसे पुरानी और तीव्र इच्छा को पूरा कर पाए। उसकी इच्छा थी गांड मारने की। वह बहुत सालों से इसकी कोशिश कर रहा था पर किसी कारण […]
करीब सुबह के पांच बजे वह लोग मुझे चोद-चोद कर थक कर बेहाल हो चुके थे, मेरी हालत बहुत खराब थी, मैं बेड पर बेसुध नंगी पड़ी हुई थी।
अचानक ही हवा में एक जादू सा घुल गया, यूं लगा कि फ़िज़ां कुछ और रंगीन हो गयी हो जैसे. सच कहता हूँ दोस्तों! कुछ मुस्कुराहटें होती ही इतनी दिलकश हैं कि पूछिए मत.