चूची से जीजाजी की गाण्ड मारी-11
अलीशा सुधा कामिनी चीख उठी, “उई माँ..! बड़ा दर्द हो रहा है निकालिए अपने घोड़े जैसे लण्ड को..!” इस पर चमेली व्यंग्य करती हुए बोली- जब दूसरे की में गया तो भूस में गया और जब अपनी में गया तो उई दैया..!” मैं खिलखिला कर हँस पड़ी। कामिनी गुस्से में मुझसे बोली- साली, छिनाल.. रंडी.. […]