तीसरी कसम-5
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना ‘बस सर, अब वो वो… जल थेरपी… सिखा दो?’ उसकी आवाज थरथरा रही थी। ‘ह… हाँ… ठीक है… च… चलो बाथ रूम में चलते हैं’ मुझे लगा मेरा भी गला सूख गया है। मैं तो अपने प्यासे होंठों पर अपनी जबान ही फेरता रह गया। उसने नीचे झुक कर फर्श […]