एक व्याख्या प्रेम की…-2
लेखक : निशांत कुमार मैं अपने स्वप्न से जागा और जाकर अपने कपड़े बदल लिए। तभी एक कॉल आया, मैंने बात की तो सामने आकाश था। वो अपने घर का पता बताने लगा। मेरी हवस की भूख अभी शांत हो चुकी थी तो मैं उसे मना करने लगा। वो बहुत जोर देने लगा, कहने लगा […]