चूत चुदाई का सुल्तान-2
मैं चुदाई का शौकीन हूँ, अपने ऑफिस में मैंने एक शादीशुदा लड़की को रख लिया और कुछ ही दिन में उसे पटा भी लिया, उसका पति शायद कुछ दब्बू किस्म का था... क्योकि उसका लौड़ा सिर्फ ढाई इंच का था तो मुझे सीलबंद चूत मिली.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं चुदाई का शौकीन हूँ, अपने ऑफिस में मैंने एक शादीशुदा लड़की को रख लिया और कुछ ही दिन में उसे पटा भी लिया, उसका पति शायद कुछ दब्बू किस्म का था... क्योकि उसका लौड़ा सिर्फ ढाई इंच का था तो मुझे सीलबंद चूत मिली.
फैजान की नज़र भी सीधी-सीधी अपनी बहन की खुली ओपन क्लीवेज और चूचियों पर ही जा रही थी। मैंने महसूस किया कि फैजान नाश्ता कम कर रहा था और अपनी बहन की चूचियों को ज्यादा देख रहा था।
जब मैं हॉस्टल से घर जाता था तो सभी मुझे बहुत प्यार करते थे, खास कर मेरी दीदी! घर में दीदी मेरे साथ साथ रहती थी। दीदी संग मेरी सेक्स कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए।
अपनी जवान विधवा पड़ोसन की सुहागरात की कहानी सुनते सुनते मैं गर्म हो गया तो हम दोनों फिर चूत चुदाई के खेल में लग गए. उसकी कामुकता भी शिखर पर थी.
हॉट सेक्स इन ग्रुप कहानी चार लड़कों और 3 लड़कियों की एक साथ मिलकर चुदाई की है. ये सब लोग प्रोग्राम बना कर एक गेस्ट हाउस में आये और अदल बदल कर की चूत चुदाई का मजा लिया.
मेरी बीवी संतान की चाहत में माँ के साथ डेरे वाले बाबाजी के पास गई। इस भाग में पढ़िए कि डेरे में बाबा ने क्या कहा, वहाँ क्या क्या हुआ, मेरी बीवी के मुख से!
तुम जितने प्यार से मुझसे चुदवाओगी उतनी ही राजू की परेशानी कम होगी। मैंने रंडियाँ बहुत चोदी हैं लेकिन तुम्हारी तो बात ही कुछ अलग है। मुझे जबरदस्ती करना पसंद नहीं।
प्रेषक : करन सिंह सभी आदरणीय पाठकों को मेरा अभिवादन। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित सदस्य हूँ और मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुना रहा हूँ। मैं आपको यह अपनी पहली कहानी अन्तर्वासना पर भेज रहा हूँ। यह कहानी तीन साल पहले की है, सुनील मेरा बिजनेस पार्टनर था। एक दिन उसने एक लड़की को […]
एक कैफ़े में अपनी नग्न बहन के साथ बैठ कर मेरे मन में मिश्रित भावनाएँ उमड़ रही थी, मैं सोच रहा था कि अब हम भविष्य में भी इस तरह का नग्न जीवन एक साथ जीने की कल्पना कर सकते हैं। अपने जीवन में पहली बार किसी नग्न रिज़ोर्ट पर आने वाली मेरी बहन करेन […]
मैंने जाकर घण्टी बजाई तो उस क़यामत ने दरवाज़ा खोला जिसका नाम नीलिमा है। उसको देखा तो मैं देखता ही रह गया। नीलिमा ने मुझे दो बार अंदर आने को कहा पर मैं तो जैसे किसी जादू में बंध गया था बस एकटक उसी को देख रहा था। उसकी जवानी
मेरा नाम करुणा है, अपने पति को मैं प्यार से गुड्डू कहती हूँ। यूँ तो हमारी शादी को 4 साल हो गए हैं और मेरी एक साल की बेटी भी है। वैसे तो मैं सुखी हूँ पर लगता था कि कुछ कमी सी है, मेरे वो बहुत सीधे हैं और मैं भी उनको बहुत प्यार […]
लेखक : नितेश शुक्ला हमारे पिताजी गाँव के मुखिया थे। परिवार में मैं, माताज़ी केसर बा और मुझ से दो साल छोटी पूर्वी, इतने थे। गाँव बीच बड़ा मकान है, जहाँ हम रहते थे। इसके अलावा गाँव से बाहर दूसरा मेहमान घर था जहाँ हमारे मेहमान रहते थे। अस्सी बीघा ज़मीन की किसानी थी हमारी। […]
वो मुझे गाली देने लगी थी अपनी चूत को मेरे मुंह से रगड़ने लगी, उसकी चूत की प्यास कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी, वो चिल्ला रही थी- ले भोसड़ी के, मेरी चूत चाट ! ले मादरचोद… चाट भोसड़ी के चाट…
मैंने कालेज में एक लड़की पटाई, हम दोनों सिर्फ़ किसिंग करते थे। उसने मुझे उसकी चचेरी बहन से मिलवाया, उसे पता लगा कि हमने चुदाई नहीं की तो...
मैं अपने साले के घर गया तो सलहज अकेली थी. काम करते हुए उसके ऊपर पेंट का डिब्बा पलट गया और सारे शरीर, कपड़ों पर पेंट लग गया. पेंट साफ़ करने के चक्कर में क्या हुआ?