तुम्हारी छाती से सरका पल्लू ऐसे
तुम्हारी छाती से सरका पल्लू ऐसे बड़े बड़े गोल बरफ से ढके पर्वतों से छंटे हों काले बादल जैसे इस बरफ की थोड़ी आइस क्रीम हमें भी चखा दो उफ्फ़ इन प्यासे होंठों पे अपनी नुकीली चोटियाँ चुभा दो हाइ…ईइ इस बैकलेस ब्लाउज़ ने ले ली मेरी जान इन तराशी हुई नंगी घाटियों ने डूलाया […]