मेरी चालू बीवी-80
भाभी बाहर नंगी आने को तैयार हो गई थीं.. वो तो रोज ही घर ही रहती थीं, उनको पूरा आईडिया होगा कि दोपहर को इस समय सुनसान ही होता है क्योंकि ज्यादा चहल पहल सुबह-शाम ही रहती है।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
भाभी बाहर नंगी आने को तैयार हो गई थीं.. वो तो रोज ही घर ही रहती थीं, उनको पूरा आईडिया होगा कि दोपहर को इस समय सुनसान ही होता है क्योंकि ज्यादा चहल पहल सुबह-शाम ही रहती है।
मैं राजीव के घर पहुँचा, कामिनी ने ही दरवाजा खोला, ऑरेंज सूट में वो परी सी लग रही थी, दरवाजा बंद करते हुए उसने मुझे धीरे से किस कर लिया, उसके होठों की गर्मी कल से भी ज्यादा थी। लगता था उसकी प्यास और बढ़ गई है।
मैंने दीदी से बोला- दीदी आपकी सहेली पिंकी बहुत मस्त है, उसको मैंने जब से देखा है मुझे उसकी गांड ही नजर आ रही है... दीदी किसी तरह उसकी गांड चटवा दो।
वो घोड़ी बन गयी, उसने अपने सिर और छाती को बिस्तर से टिका दिया. इससे उसकी गांड और उठ गयी. मैंने गांड की ऊंचाई तक खड़ा होकर लंड को उसकी गांड के अन्दर पेल दिया.
नाटक मंडली वाला राधे मीरा की बहन राधा बन कर रात को साथ साथ सोये तो मीरा का सेक्सी बदन देख कर राधे ने मुठ मारी… अगले दिन मीरा ने राधा को अपना नंगा बदन दिखाया… और राधे ने मीरा के कुंवारे बदन को भोगने की तरकीब सोच ली, इस भाग में पढ़िये…
मामाजी सलोनी के चूतड़ों के पीछे बैठ अपने दोनों हाथों से उसके मखमली चूतड़ों को चीर कर खोला, वहाँ ढेर सारा थूका, फिर हाथ से उस जगह को चिकना बना दिया। अब मामाजी ने खड़े होकर अपने लण्ड को सेट किया।
सविता मेरी क्लासमेट थी, हम अच्छे दोस्त बन गए और रोज रात को बात होने लगी। एक रात मैंने फ़ोन पर सविता को ‘आई लव यू’ बोल दिया। सविता की चूत चुदाई कैसे हुई?
साहिल मक्कड़ मेरा नाम साहिल है, मैं अमृतसर, पंजाब से हूँ। मेरी उम्र बीस साल है। मुझे बस दो ही चीजों का शौक है, एक तो सेक्स और दूसरा खूबसूरत जिस्म। आपको तो पता ही है कि इस उम्र में सेक्स भावना पूरे जोरों पर होती है। मैं भी हर लड़के की तरह हर खूबसूरत […]
राहुल कैपरी यह छोटी सी कहानी मेरी और नेहा के बीच की है। इस कहानी को मैंने श्रीमती नेहा वर्मा को संशोधित करने हेतु भेजा था। उनके सुन्दर सहयोग के लिये मैं उनका तहे दिल से आभार प्रदर्शित करना चाहता हूँ। इस कहानी की शुरूआत इस प्रकार से है। वो यहाँ यानि नेहा मुम्बई मात्र […]
उसने अपनी गांड को कुछ इस तरह से फैलाया कि पीछे से ही गुलाबी रसभरी बुर दिखाई देने लगी जिसे देख लिंग को जैसे जान आ गई। फिर से सख्त होकर खड़ा हो गया।
प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मेरा देवर नरेन्द्र बहुत ही सीधा सादा और भोला भाला था। मैं तो प्यार से उसे नरेन् कहती थी। आप जानते हैं ना, इसी सादगी पर तो हम हसीनाएँ मर मिटती हैं। जो हमें लिफ़्ट देता है, हमारी चूत के पीछे भागता है उन्हें घास डालने में मजा नहीं आता है। […]
सुहागरात से अगले दिन भी मेरे ननदोई ने शरारत करने में कमी नहीं रखी। मैं कुढ़ रही थी लेकिन ननदोई जी का डील डौल देख खुद ही चाहती थी कि मैं उसके नीचे लेट जाऊँ!
प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी ‘तुम्हारी कसम मेरी जान… इतनी फूली हुई चूत को छोड़ कर तो मैं धन्य हो गया हूँ और फिर इसकी मालकिन चुदवाती भी तो कितने प्यार से है।’ ‘जब चोदने वाले का लंड इतना मोटा तगड़ा हो तो चुदवाने वाली तो प्यार से चुदवाएगी ही.. मैं तो आपके […]
चूत के चक्कर में मैं एक दल्ले के साथ उसके घर चला गया उसकी बीवी की चूत मारने. वहां देखा तो उसकी माँ और बहन भी थी, तीनों धंधा करती थी. कहानी पढ़ कर जानें कि कौन मुझसे कैसे चुदी.
कहानी का पहला भाग : मेरी तो लॉटरी लग गई-1 अगले दिन जब वो आई तो मैंने फिर उसे पकड़ लिया और खुद ही उसकी साड़ी ऊपर उठाई और अपना लण्ड उसकी चूत पे रख दिया मगर अंदर नहीं जा रहा था सो वो बोली- एक मिनट रुक! और उसने बेड पे लेट कर अपनी […]