तीसरी कसम-6
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “पलक अगर कहो तो आज तुम्हें पहले वो … वो …?” मेरा तो जैसे गला ही सूखने लगा था। “सर, ये वो.. वो.. क्या होता है ?” मेरी हालत को देख कर मुस्कुरा रही थी। “म … मेरा मतलब है कि तुम्हें वो बूब्स को चुसवाना भी तो सिखाना था […]